करनाल: देश और प्रदेश में सुहागिन महिलाएं आज अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रख रही हैं. शाम को पूजा करने के बाद अब सभी महिलाएं चांद का इंतजार कर रही हैं, ताकि चांद देखने के बाद वो अपना व्रत खोल सकें.
दिन में महिलाओं ने सुनी कथा
सीएम सिटी करनाल में भी महिलाओं ने करवा चौथ का व्रत रखा है. सभी महिलाओं ने एक स्थान पर इकट्ठा होकर करवे की कथा सुनी और सूर्य को अर्घ्य दिया. महिलाओं ने बताया कि इस त्योहार पर पत्नियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. सुबह 4 बजे उठकर सरगी खाती है फिर दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं.
हरियाणा में चांद निकलने का वक्त
इस दिन का सुहागन स्त्रियों में खासा महत्व है. आज के दिन का व्रत काफी कठिन होता है. इस व्रत में पूरे दिन महिलाएं पानी तक नहीं पीती हैं. फिर रात के वक्त चांद को अर्घ्य देकर पति के हाथों पानी पीकर ही अपने व्रत को खोलती हैं. इससे साफ पता चलता है कि इस व्रत में चांद का महत्व काफी है. इस दिन महिलाओं को चांद का बेसब्री से इंतजार रहता है. बता दें कि हरियाणा में चांद निकलने का वक्त 8 बजकर 14 मिनट का है.
करवा चौथ का महत्व
हर त्योहार के पीछे कुछ न कुछ कहानी या कथा अवश्य होती है. इसी तरह करवा चौथ से संबंधित भी एक कहानी है. जिसके मुताबिक किसी जमाने में तुंगभद्रा नामक नदी के किनारे करवा नाम की एक प्रतिव्रता धोबिन रहती थी. कहते हैं कि उसका पति बहुत बूढ़ा और निर्बल था. वो एक दिन नदी के किनारे कपड़े धो रहा था, उसी वक्त अचानक वहां मगरमच्छ आ गया. जिसके बाद मगरमच्छ उसके पैरों को दबाकर उसे नदी में अंदर ले जाने लगा.पति की चिल्लाने की आवाज सुनकर करवा वहां पहुंची तब तक मगरमच्छ उसके पति को यमलोक पहुंचाने वाला था. जिसे देखकर करवा मगरमच्छ को कच्चे धागे से बांधकर यमलोक पहुंची और अपने पति की रक्षा की गुहार लगाई. इसके अलावा करवा ने यमराज से ये भी कहा कि “अगर आप इस मगरमच्छ को दंड नहीं देते हैं तो मैं आपको शाप दे दूँगी और नष्ट कर दूंगी.” कहते हैं कि करवा के इस वचन को सुनकर यमराज भी डर गए और मगरमच्छ को नरक का रास्ता दिखा दिया और करवा के पति को लंबी आयु का वरदान दिया. मान्यता है कि जिस दिन ये घटना घटी वो दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि थी. तभी से करवा चौथ मनाने की परंपरा चली आ रही है.