ETV Bharat / state

अगर ऑक्सीमीटर ऐप कर रहें हैं सर्च तो हो जाइए सावधान, ऐसे साइबर क्रिमिनल बना रहे हैं शिकार - करनाल क्राइम न्यूज

नकली ऑक्सीमीटर ऐप्लिकेशन के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी से बचाव के संबंध में करनाल पुलिस ने एडवायजरी जारी की है. पुलिस का कहना है कि कुछ साईबर अपराधी इंटरनेट पर कुछ यूआरएल/लिंक आपके ऑक्सीजन स्तर की जांच करने के लिए नकली मोबाइल ऑक्सीमीटर एप्लिकेशन का विज्ञापन कर रहे हैं.

karnal Police advisory fake oximeter application
नकली ऑक्सीमीटर ऐप्लिकेशन पर धोखाधड़ी से बचाव को लेकर पुलिस ने की एडवायजरी जारी
author img

By

Published : May 11, 2021, 9:30 PM IST

करनाल: कोरोना महामारी के इस समय में साईबर क्राइम करने वाले अपराधी नए-2 तरीके खोज रहे हैं, जिसमें एक तरीका नकली ऑक्सीमीटर ऐप पर ऑक्सीजन लेवल मापने का दावा करके फ्रॉड करना है. इस तरह के फ्रोड करने के लिए इस समय कुछ साईबर अपराधी इंटरनेट पर कुछ यूआरएल/लिंक आपके ऑक्सीजन स्तर की जांच करने के लिए नकली मोबाइल ऑक्सीमीटर एप्लिकेशन का विज्ञापन कर रहे हैं.

साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों ने कोरोना संबंधित ऐप बनाने शुरू कर दिए हैं जो शरीर में ऑक्सीजन के स्तर का पता लगाते हैं. इस तरह से अपराधी उपयोगकर्ता को ऐप डाउनलोड करने के बाद बेवकूफ बनाते हैं. लोगों को लगता है कि इन ऐप्स के साथ ऑक्सीजन का स्तर जांचना आसान होगा, लेकिन ये बहुत खतरनाक है.

ये भी पढ़ें: कोरोना मरीजों के इलाज पर सवाल उठाती याचिका HC में दायर, हरियाणा सरकार पर लगाए ये गंभीर आरोप

इन ऐप्स में निजी जानकारी का उपयोग करने के लिए गूगल पे, फोनपे और पेटीएम आदि के लिए उपयोग किए गए फिंगरप्रिंट डेटा का उपयोग किया जाता है और ये नकली ऑक्सीमीटर ऐप डेटा तक पहुंचने और धोखाधड़ी गतिविधियों को अंजाम देने में सक्षम होते हैं. लोग इन ऐप को मुफ्त में डाउनलोड करते हैं और सोचते हैं कि ये त्वरित और सस्ता है. लोगों को ऐसे ऐप्स से सावधान रहना चाहिए क्योंकि वो आसानी से आपका डेटा हैक कर सकते हैं.

हैकर्स की रहती है ऐप पर नजर

एक बार जब उपयोगकर्ता ऐप डाउनलोड कर लेते हैं, तो ये ऐप फोन के लाइट, कैमरा और फिंगरप्रिंट स्कैनर का उपयोग करता है ताकि ऑक्सीजन के स्तर को जांचने के लिए फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ हैकर्स उनके डेटा तक पहुंच बनाने में सक्षम हो सकें. लोग सोचते हैं कि वो घर पर सुरक्षित रहते हुए अपने ऑक्सीजन के स्तर की जांच कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: कोविड जेल से फरार 5 कैदी गिरफ्तार, ग्रिल काटकर भाग निकले थे कोरोना पॉजिटिव 13 कैदी

हालांकि ऐसा नहीं है, ये नकली एप्लिकेशन मोबाइल फोन की फोटो गैलरी तक पहुंचने के लिए अनुमति मांगता है, जब आप अनुमति देते हैं तो ऐप बैंक से संबंधित फोटोज के माध्यम से डाटा चुराकर आपके बैंक खातों को हैक कर सकता है. ऐसे ऐप उन एसएमएस इनबॉक्स को भी पढ़ सकते हैं जिनमें बैंक खाता लेनदेन अलर्ट और ओटीपी है.

इसके अलावा कुछ भेजे गए रोमांचक लिंक और पीडीएफ दस्तावेज लोगों को आकर्षित करते हैं. जब वो उस पर क्लिक करते हैं तो जालसाजों द्वारा उनका डेटा आसानी से चुरा लिया जाता है और उपयोगकर्ता धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं.

करनाल पुलिस की एडवायजरी

1. कभी भी ऐसा कोई ऐप डाउनलोड न करें जिससे इस तरह के फर्जी दावे हों.

2. उपयोगकर्ता को ऑक्सीमीटर कैसे कार्य करता है इसके बारे में सतर्क रहना चाहिए और पूरी जानकारी होनी चाहिए. ऐसी किसी भी डिवाइस के लिए ऑक्सीजन लेवल मापने के लिए एक भौतिक SpO2 रक्त ऑक्सीजन सेंसर की आवश्यकता होती है और हृदय गति को पढ़ने के लिए भौतिक हार्टबीट सेंसर की आवश्यकता होती है, जबकि ऐसे स्मार्टफोन जो ऑक्सीजन लेवल चेक कर सके बाजार में उपलब्ध नही हैं.

3. ऐसी ऐप्स को डाउनलोड करने से पहले ध्यान से सोचें और डाउनलोड करने से पहले किसी भी प्रोग्राम की अनुमति देने से पहले उसकी समीक्षा जरूर करें.

करनाल: कोरोना महामारी के इस समय में साईबर क्राइम करने वाले अपराधी नए-2 तरीके खोज रहे हैं, जिसमें एक तरीका नकली ऑक्सीमीटर ऐप पर ऑक्सीजन लेवल मापने का दावा करके फ्रॉड करना है. इस तरह के फ्रोड करने के लिए इस समय कुछ साईबर अपराधी इंटरनेट पर कुछ यूआरएल/लिंक आपके ऑक्सीजन स्तर की जांच करने के लिए नकली मोबाइल ऑक्सीमीटर एप्लिकेशन का विज्ञापन कर रहे हैं.

साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों ने कोरोना संबंधित ऐप बनाने शुरू कर दिए हैं जो शरीर में ऑक्सीजन के स्तर का पता लगाते हैं. इस तरह से अपराधी उपयोगकर्ता को ऐप डाउनलोड करने के बाद बेवकूफ बनाते हैं. लोगों को लगता है कि इन ऐप्स के साथ ऑक्सीजन का स्तर जांचना आसान होगा, लेकिन ये बहुत खतरनाक है.

ये भी पढ़ें: कोरोना मरीजों के इलाज पर सवाल उठाती याचिका HC में दायर, हरियाणा सरकार पर लगाए ये गंभीर आरोप

इन ऐप्स में निजी जानकारी का उपयोग करने के लिए गूगल पे, फोनपे और पेटीएम आदि के लिए उपयोग किए गए फिंगरप्रिंट डेटा का उपयोग किया जाता है और ये नकली ऑक्सीमीटर ऐप डेटा तक पहुंचने और धोखाधड़ी गतिविधियों को अंजाम देने में सक्षम होते हैं. लोग इन ऐप को मुफ्त में डाउनलोड करते हैं और सोचते हैं कि ये त्वरित और सस्ता है. लोगों को ऐसे ऐप्स से सावधान रहना चाहिए क्योंकि वो आसानी से आपका डेटा हैक कर सकते हैं.

हैकर्स की रहती है ऐप पर नजर

एक बार जब उपयोगकर्ता ऐप डाउनलोड कर लेते हैं, तो ये ऐप फोन के लाइट, कैमरा और फिंगरप्रिंट स्कैनर का उपयोग करता है ताकि ऑक्सीजन के स्तर को जांचने के लिए फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ हैकर्स उनके डेटा तक पहुंच बनाने में सक्षम हो सकें. लोग सोचते हैं कि वो घर पर सुरक्षित रहते हुए अपने ऑक्सीजन के स्तर की जांच कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: कोविड जेल से फरार 5 कैदी गिरफ्तार, ग्रिल काटकर भाग निकले थे कोरोना पॉजिटिव 13 कैदी

हालांकि ऐसा नहीं है, ये नकली एप्लिकेशन मोबाइल फोन की फोटो गैलरी तक पहुंचने के लिए अनुमति मांगता है, जब आप अनुमति देते हैं तो ऐप बैंक से संबंधित फोटोज के माध्यम से डाटा चुराकर आपके बैंक खातों को हैक कर सकता है. ऐसे ऐप उन एसएमएस इनबॉक्स को भी पढ़ सकते हैं जिनमें बैंक खाता लेनदेन अलर्ट और ओटीपी है.

इसके अलावा कुछ भेजे गए रोमांचक लिंक और पीडीएफ दस्तावेज लोगों को आकर्षित करते हैं. जब वो उस पर क्लिक करते हैं तो जालसाजों द्वारा उनका डेटा आसानी से चुरा लिया जाता है और उपयोगकर्ता धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं.

करनाल पुलिस की एडवायजरी

1. कभी भी ऐसा कोई ऐप डाउनलोड न करें जिससे इस तरह के फर्जी दावे हों.

2. उपयोगकर्ता को ऑक्सीमीटर कैसे कार्य करता है इसके बारे में सतर्क रहना चाहिए और पूरी जानकारी होनी चाहिए. ऐसी किसी भी डिवाइस के लिए ऑक्सीजन लेवल मापने के लिए एक भौतिक SpO2 रक्त ऑक्सीजन सेंसर की आवश्यकता होती है और हृदय गति को पढ़ने के लिए भौतिक हार्टबीट सेंसर की आवश्यकता होती है, जबकि ऐसे स्मार्टफोन जो ऑक्सीजन लेवल चेक कर सके बाजार में उपलब्ध नही हैं.

3. ऐसी ऐप्स को डाउनलोड करने से पहले ध्यान से सोचें और डाउनलोड करने से पहले किसी भी प्रोग्राम की अनुमति देने से पहले उसकी समीक्षा जरूर करें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.