करनाल: प्रॉपर्टी टैक्स डिफाल्टरों (karnal property tax defaulters) के खिलाफ मंगलवार को करनाल नगर निगम की कार्रवाई का दूसरा दिन सफल रहा. इसमें 7 प्रतिष्ठानों ने सीलिंग के डर से मौके पर ही निगम की टीम को 40 लाख 71 हजार 133 रुपये के चैक थमा दिए. नगर निगम आयुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि मेरठ रोड स्थित एक पैलेस की तरफ 4 लाख 40 हजार रुपये बकाया था. इसी प्रकार एक रेता-बजरी सप्लायर की ओर 3 लाख 79 हजार 636 रुपये टैक्स की देनदारी थी, जबकि महाराणा प्रताप चौक पर सचदेवा सीमेंट के नाम से एक प्रतिष्ठान की ओर 6 लाख 24 हजार 325 रुपये का टैक्स बकाया था.
इसी के निकट अमरनाथ आरे वाले की ओर 5 लाख 87 हजार 531 रुपये टैक्स था. उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त फूसगढ़ रोड़ स्थित राजीव पुरम गली नम्बर 1 में एक सम्पत्ति मालिक की एक आई.डी. में करीब 14 दुकानें थी और उसकी तरफ 13 लाख 68 हजार 979 रुपये बकाया थे. यह रकम न चुकाने पर वह डिफाल्टर की सूची में था. रोचक बात यह रही कि नगर निगम ने जैसे ही इन दुकानों को सील करने की कार्रवाई प्रारम्भ की, सम्पत्ति मालिक ने रिबेट के बाद बनी 6 लाख 85 हजार 193 रपपये की राशि का चैक मौके पर ही नगर निगम की टीम को दे दिया, जिससे उसकी दुकानों की सील खोल दी गई.
बता दें कि, बीते सोमवार को नगर निगम की टीम ने प्रॉपर्टी टैक्स डिफाल्टरों के खिलाफ सीलिंग की जिस कार्रवाई को अंजाम दिया था, उसमें सेक्टर-6 स्थित एक एस.सी.ओ. जिसमें एक्सिस बैंक की शाखा है, शामिल था. आज मंगलवार को उसने 7 लाख 71 हजार 698 रुपये की राशि निगम में जमा करवाकर डिफाल्टरों की सूची से नाम कटवा लिया. इसी प्रकार उचाना में एक टाउल फैक्ट्री के मालिक की ओर 5 लाख 82 हजार 750 रुपये का टैक्स काफी दिनों से बकाया था, इसने भी आज ही नगर निगम में आकर समूची राशि का डिमांड ड्राफ्ट जमा करवाकर कार्रवाई से मुक्ति प्राप्त कर ली.
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निगमायुक्त ने बताया कि प्रॉपर्टी टैक्स डिफाल्टरों के खिलाफ नगर निगम की कार्रवाई इसी तरह से जारी रहेगी. अभी 10 लाख से ऊपर टैक्स डिफाल्टरों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है. इसके बाद 1 से 10 लाख के टैक्स डिफाल्टरों के प्रतिष्ठानों को सील करेंगे. आज की सीलिंग कार्रवाई में कुंजपुरा के बीडीपीओ नितिन यादव को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया था, जबकि नगर निगम की ओर से कार्यकारी अधिकारी देवेन्द्र नरवाल, टैक्स अधीक्षक गगनदीप सिंह, सहायक दिनेश गोयल, ट्रीगर मास्टर गुरदेव और उनके मोटिवेटर, पुलिस बल के साथ टीम में शामिल रहे. यह कार्रवाई शांतिपूर्ण सम्पन्न हुई और कहीं से भी कोई विरोध नहीं हुआ.
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