करनाल : हरियाणा खेल और खेती के लिए मशहूर है. यहां के किसानों के उपज की डिमांड विदेश तक है. किसानों के उगाए उपज की क्वालिटी इतनी अच्छी होती है कि एक्सपोर्ट के बाद ये जल्द विदेशी कंज्यूमर्स में भी अपनी पहचान बना लेती है.
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बासमती का जलवा : हरियाणा के करनाल जिले के तरावड़ी एरिया में भारी मात्रा में बासमती धान की खेती की जाती है. यहां का बासमती चावल इतना मशहूर है कि देश ही नहीं बल्कि विदेश के कई शहरों में इसकी अच्छी-ख़ासी डिमांड है. यहां से तरावड़ी बासमती चावल भी निकलता है, जिसको सुगंध बासमती के नाम से भी जाना जाता है. लगभग हर कोई इसे ख़ासा पसंद करता है. करनाल में बासमती की खेती करने के चलते ही करनाल को धान के कटोरा के नाम से भी जाना जाता है. किसानों से बासमती चावल खरीदने वाले करनैल सिंह बताते हैं कि यहां का बासमती चावल यूरोप, सऊदी अरब, अमेरिका, ईरान, इराक, यमन और संयुक्त अरब अमीरात में भी भेजा जाता है. शुरू से ही बासमती का धान विदेश में निर्यात किया जाता रहा है. मौजूदा समय में बासमती की कई वैरायटी बाजार में आई हुई है. लेकिन तरावड़ी बासमती की अलग ही बात है. बनाते वक्त इसकी इतनी खुशबू आती है कि पड़ोस के घर तक महक जाते हैं. बासमती धान को अगेती और पछेती दोनों में लगाया जा सकता है. एक एकड़ से करीब 15 क्विंटल तक चावल निकलता है.
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किसानों की बासमती से बल्ले-बल्ले : किसानों की बात करें तो किसानों को बासमती का इस बार अच्छा रेट मिल रहा है. किसानों ने जानकारी देते हुए ईटीवी भारत को बताया कि वे काफी सालों से बासमती की फसल लगाते आ रहे हैं. इस बार बासमती करीब 7000 रुपए प्रति क्विंटल के दर से खरीदी गई है. बासमती का ये रेट अब तक का मिला सबसे ज्यादा रेट है जिसके चलते किसान काफी खुश है और उनके चेहरे खुशी से खिले हुए हैं.
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