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जलवायु परिवर्तन का गेहूं की फसल पर नहीं होगा असर, भारी पैदावार होने की संभावना

बढ़ती ठंड ने जहां लोगों की ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है तो वहीं किसानों के लिए ये ठंड फायदेमंद साबित (Wheat crop benefits in cold) हो रही है. करनाल राष्ट्रीय गेहूं एवं जौं अनुसंधान संस्थान ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि जलवायु परिवर्तन का गेहूं की फसल पर कोई असर नहीं होगा. इस बार अच्छी पैदावार होने की संभावना भी संस्थान की ओर से जताई गई है.

Climate change in Haryana
ठंड से गेहूं की फसल को फायदा
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Published : Dec 23, 2022, 3:39 PM IST

विकसित उन्नत किस्मों पर जलवायु परिवर्तन का ज्यादा असर

करनाल: एक ओर जहां बढ़ती ठंड से रोजमर्रा की काफी प्रभावित हो रही है तो वहीं किसान खुश नजर आ रहे हैं. कोहरे और शीत हवाओं के बीच ठंड बढ़ती जा रही है. इस बढ़ती ठंड ने बेशक आमजन को ठिठुरने को मजबूर कर दिया है, लेकिन किसानों के लिए ठंडी का मौसम बेहद फायदेमंद साबित हो रहा (Wheat crop benefits in cold) है. किसानों का कहना है कि जितनी ठंड पड़ेगी उतना ही उनकी गेहूं की फसल को फायदा होगा. इससे पैदावार में इजाफा होगा. बता दें कि आजकल अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. नमी बढ़ने पर कोहरा छाने की संभावना भी बनी रहती (Climate change in Haryana) है.


वहीं, करनाल राष्ट्रीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (Karnal National Wheat Barley Research Institute) के वैज्ञानिक भी बढ़ती ठंड से काफी खुश नजर आ रहे हैं. संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि यह मौसम गेहूं की फसल के लिए बहुत अच्छा है. उन्होंने कहा कि अगर सर्दी देर तक बढ़ी तो इस बार गेहूं के उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी होगी. किसानों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए निदेशक ने कहा कि इस मौसम में किसान अपनी फसल में पीले रतवे का विशेष ध्यान रखें. अगर कहीं भी उन्हें फसल में पीले रतवे के लक्षण दिखाई देते हैं तो वह तुरंत संस्थान से या किसी अन्य विशेषज्ञ को सूचना दे सकते हैं.

Climate change in Haryana
ठंड से गेहूं की फसल को फायदा

जरूरत पड़ने पर उन्हें उपचार बताया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले 10-12 सालों से मौसम में काफी परिवर्तन आया है. सर्दी देर से बढ़ी है, लेकिन संस्थान की ओर से विकसित उन्नत किस्मों पर जलवायु परिवर्तन का ज्यादा असर नहीं होगा. यह किस्में जलवायु परिवर्तन रोधी हैं. किसान निर्धारित समय पर गेहूं की फसल में सिंचाई करें ताकि फसल की पैदावार अच्छे से हो सके.

Climate change in Haryana
अच्छी पैदावार होने की संभावना

यह भी पढ़ें- कृषि एवं बागवानी में हरियाणा ने जीता 'स्कॉच गोल्ड अवॉर्ड'


वहीं, बढ़ती ठंड के कारण किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. किसानों का कहना है कि काफी बढ़ती ठंड से गेहूं को फायदा मिलेगा. फसल का फुटाव अच्छा रहेगा. जितनी ठंड बढ़ेगी उतना ही गेहूं की फसल में फुटाव आएगा. इससे पैदावार में इजाफा होना तय है. उन्होंने कहा कि कोहरा व ठंड होने से खेतों में कीटों का प्रभाव भी कम होगा, जिससे फसलों को फायदे के साथ किसानों का दवा खाद का खर्च भी कम होगा.

Climate change in Haryana
ठंड का मौसम गेहूं की फसल के लिए अच्छा

विकसित उन्नत किस्मों पर जलवायु परिवर्तन का ज्यादा असर

करनाल: एक ओर जहां बढ़ती ठंड से रोजमर्रा की काफी प्रभावित हो रही है तो वहीं किसान खुश नजर आ रहे हैं. कोहरे और शीत हवाओं के बीच ठंड बढ़ती जा रही है. इस बढ़ती ठंड ने बेशक आमजन को ठिठुरने को मजबूर कर दिया है, लेकिन किसानों के लिए ठंडी का मौसम बेहद फायदेमंद साबित हो रहा (Wheat crop benefits in cold) है. किसानों का कहना है कि जितनी ठंड पड़ेगी उतना ही उनकी गेहूं की फसल को फायदा होगा. इससे पैदावार में इजाफा होगा. बता दें कि आजकल अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. नमी बढ़ने पर कोहरा छाने की संभावना भी बनी रहती (Climate change in Haryana) है.


वहीं, करनाल राष्ट्रीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (Karnal National Wheat Barley Research Institute) के वैज्ञानिक भी बढ़ती ठंड से काफी खुश नजर आ रहे हैं. संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि यह मौसम गेहूं की फसल के लिए बहुत अच्छा है. उन्होंने कहा कि अगर सर्दी देर तक बढ़ी तो इस बार गेहूं के उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी होगी. किसानों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए निदेशक ने कहा कि इस मौसम में किसान अपनी फसल में पीले रतवे का विशेष ध्यान रखें. अगर कहीं भी उन्हें फसल में पीले रतवे के लक्षण दिखाई देते हैं तो वह तुरंत संस्थान से या किसी अन्य विशेषज्ञ को सूचना दे सकते हैं.

Climate change in Haryana
ठंड से गेहूं की फसल को फायदा

जरूरत पड़ने पर उन्हें उपचार बताया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले 10-12 सालों से मौसम में काफी परिवर्तन आया है. सर्दी देर से बढ़ी है, लेकिन संस्थान की ओर से विकसित उन्नत किस्मों पर जलवायु परिवर्तन का ज्यादा असर नहीं होगा. यह किस्में जलवायु परिवर्तन रोधी हैं. किसान निर्धारित समय पर गेहूं की फसल में सिंचाई करें ताकि फसल की पैदावार अच्छे से हो सके.

Climate change in Haryana
अच्छी पैदावार होने की संभावना

यह भी पढ़ें- कृषि एवं बागवानी में हरियाणा ने जीता 'स्कॉच गोल्ड अवॉर्ड'


वहीं, बढ़ती ठंड के कारण किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. किसानों का कहना है कि काफी बढ़ती ठंड से गेहूं को फायदा मिलेगा. फसल का फुटाव अच्छा रहेगा. जितनी ठंड बढ़ेगी उतना ही गेहूं की फसल में फुटाव आएगा. इससे पैदावार में इजाफा होना तय है. उन्होंने कहा कि कोहरा व ठंड होने से खेतों में कीटों का प्रभाव भी कम होगा, जिससे फसलों को फायदे के साथ किसानों का दवा खाद का खर्च भी कम होगा.

Climate change in Haryana
ठंड का मौसम गेहूं की फसल के लिए अच्छा
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