करनाल: महाशिवरात्रि पर्व पर धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं. महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने पर शिव प्रसन्न होते हैं. यही कारण है कि आज सुबह मंदिरों के कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ अपने भोलेनाथ के दर्शन के लिए पहुंचना शुरू हो गई. कहा जाता है कि सन्हहित सरोवर के तट पर दुखों को हरने वाले दुख भंजन महादेव मंदिर में पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है.
फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है. माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था. महाशिवरात्रि पर्व पर कुरुक्षेत्र का प्राचीन दुख भंजन महादेव मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं. प्राचीन मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने तांडव किया था. शिव ब्रह्मांड को अपने तीसरे नेत्र की अग्नि से समाप्त कर देते हैं, इस कारण इसे कालरात्रि भी कहा जाता है.
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शिव सभी रूपों में अपने भक्तों को प्रिय हैं. कहा जाता है कि वे प्रेतों और पिशाचों से घिरे रहते हैं और उनका यह रूप भी बड़ा अजीब है. शिव के गले में सांप, शरीर पर मसानों की भस्म होती है. वहीं जटाओं में गंगा और इनके तीसरे नेत्र में संसार को जलाने वाली प्रलयंकर अग्नि है. शिव अमंगल रूप होने पर भी अपने भक्तों का मंगल ही करते हैं और उन्हें श्री-संपत्ति प्रदान करते हैं. देवों के देव महादेव को महाशिवरात्रि पर जल, भांग व धतूरा से प्रसन्न किया जा रहा है.
शिवालयों में शिवलिंग पर जल चढ़ाकर श्रद्धालु अपने देव को प्रसन्न करने में जुटे हैं. शिवरात्रि पर्व देश व प्रदेश के सभी मंदिरों में धूमधाम से मनाया जा रहा है. करनाल में शिव पूजा के लिए यहां के मंदिरो में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. लोगों ने शिव मंदिरों में लंबी कतारों में लगकर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया. उन्होंने इस दौरान सुख समृद्धि की कामना की. धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के विख्यात मंदिर दुखभंजन में शिवरात्रि के अवसर पर जल अभिषेक करने के लिए शिव भक्तों का तांता लगा रहा. कुरुक्षेत्र के मंदिरों में शिवरात्रि पर शिव भक्त दूर-दूर से भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं.