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करनाल के किसान ने जैविक खेती से छुए नए आयाम, देखें ये स्पेशल रिपोर्ट - karnal news

करनाल के जितेंद्र मिगलानी जैविक खेती में नए आयाम छू रहे हैं. वो हर उस तरीके को अपना रहे हैं जिससे फसल की पैदावार भी ज्यादा हो और खाने में वो सबसे ज्यादा स्वस्थ हो.

karnal farmers organic farming
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Published : Dec 29, 2020, 2:07 PM IST

Updated : Dec 29, 2020, 3:35 PM IST

करनाल: जैविक खेती को लेकर अब किसानों की सोच धीरे-धीरे बदल रही है. किसान अब कम खर्च और ज्यादा मुनाफे के लिए जैविक खेती को अपनाने लगे हैं. उन्हीं किसानों में से एक किसान करनाल जिले के फरीदपुर गांव के निवासी जितेंद्र मिगलानी हैं. जितेंद्र पिछले 7-8 सालों से जैविक खेती कर रहे हैं और हर साल उनकी आय पहले के मुकाबले बढ़ रही है.

पैदावार भी ज्यादा और खाने में सुरक्षित

किसान 4 तरीके से खेती पर ज्यादा खर्च करता है. पहला, अपनी फसल की अच्छी पैदावार के लिए खाद-यूरिया डालना. दूसरा, उसकी अच्छी बढ़वार के लिए कोई अलग से रसायनिक दवाई डालना. तीसरा, अगर कोई भी बीमारी उसकी फसल पर आती है तो उसकी रोकथाम के लिए जहरीली दवाइयों का छिड़काव करना और चौथा उसके खेत में जो खरपतवार होती है उसपर नियंत्रण करने के लिए किसी भी दवाई का छिड़काव करना है.

करनाल के किसान ने जैविक खेती से छूए नए आयाम, देखें ये स्पेशल रिपोर्ट

ये भी पढे़ं- वैज्ञानिकों ने बनाई गन्ने की नई किस्म, इस विधि से होगी पैदावार दोगुनी

अब इन 4 चीजों से किसान का खर्च भी ज्यादा होता है और उसकी फसल भी जहरीली होती है, तो इन चारों चीजों पर जितेंद्र ने काबू पाया और जीरो बजट फार्मिंग फार्मूला अपनाया. वो अपनी खाद खुद जीवामृत के रूप में बनाते हैं और जो कोई फंगस और कीट या कोई बीमारी फसल पर लग जाती है.

उस पर वो देसी तरीके से नीम, तंबाकू, आक धतूरा इत्यादि का घोल बनाकर उसका स्प्रे करते हैं. जिससे कोई कीट या बीमारी खत्म हो जाती है. फसल की बढ़वार के लिए वो जीवामृत का प्रयोग करते हैं और फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए वो अपने खेत में मल्चिंग करते हैं.

जैविक खेती से जान भी, जहान भी!

करनाल के जितेंद्र मिगलानी जैविक खेती में नए आयाम छू रहे हैं. वो हर उस तरीके को अपना रहे हैं जिससे फसल की पैदावार भी ज्यादा हो और खाने में वो सबसे ज्यादा स्वस्थ हो. जितेंद्र का कहना है कि अब वक्त आ गया है कि जैविक खेती को फिरसे अपनाया जाए, ताकि जान के साथ-साथ जहान भी रहे.

करनाल: जैविक खेती को लेकर अब किसानों की सोच धीरे-धीरे बदल रही है. किसान अब कम खर्च और ज्यादा मुनाफे के लिए जैविक खेती को अपनाने लगे हैं. उन्हीं किसानों में से एक किसान करनाल जिले के फरीदपुर गांव के निवासी जितेंद्र मिगलानी हैं. जितेंद्र पिछले 7-8 सालों से जैविक खेती कर रहे हैं और हर साल उनकी आय पहले के मुकाबले बढ़ रही है.

पैदावार भी ज्यादा और खाने में सुरक्षित

किसान 4 तरीके से खेती पर ज्यादा खर्च करता है. पहला, अपनी फसल की अच्छी पैदावार के लिए खाद-यूरिया डालना. दूसरा, उसकी अच्छी बढ़वार के लिए कोई अलग से रसायनिक दवाई डालना. तीसरा, अगर कोई भी बीमारी उसकी फसल पर आती है तो उसकी रोकथाम के लिए जहरीली दवाइयों का छिड़काव करना और चौथा उसके खेत में जो खरपतवार होती है उसपर नियंत्रण करने के लिए किसी भी दवाई का छिड़काव करना है.

करनाल के किसान ने जैविक खेती से छूए नए आयाम, देखें ये स्पेशल रिपोर्ट

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अब इन 4 चीजों से किसान का खर्च भी ज्यादा होता है और उसकी फसल भी जहरीली होती है, तो इन चारों चीजों पर जितेंद्र ने काबू पाया और जीरो बजट फार्मिंग फार्मूला अपनाया. वो अपनी खाद खुद जीवामृत के रूप में बनाते हैं और जो कोई फंगस और कीट या कोई बीमारी फसल पर लग जाती है.

उस पर वो देसी तरीके से नीम, तंबाकू, आक धतूरा इत्यादि का घोल बनाकर उसका स्प्रे करते हैं. जिससे कोई कीट या बीमारी खत्म हो जाती है. फसल की बढ़वार के लिए वो जीवामृत का प्रयोग करते हैं और फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए वो अपने खेत में मल्चिंग करते हैं.

जैविक खेती से जान भी, जहान भी!

करनाल के जितेंद्र मिगलानी जैविक खेती में नए आयाम छू रहे हैं. वो हर उस तरीके को अपना रहे हैं जिससे फसल की पैदावार भी ज्यादा हो और खाने में वो सबसे ज्यादा स्वस्थ हो. जितेंद्र का कहना है कि अब वक्त आ गया है कि जैविक खेती को फिरसे अपनाया जाए, ताकि जान के साथ-साथ जहान भी रहे.

Last Updated : Dec 29, 2020, 3:35 PM IST
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