करनालः कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में किए गए लॉकडाउन और उसके बाद पैदा हुई प्रवासी मजदूरों की समस्या को लेकर करनाल के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस दौरान उपायुक्त ने बताया कि जिले में अभी तक कोई भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं पाया गया है. जो भी सैम्पल टेस्ट हुए हैं, सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं.
इसके साथ ही उन्होंने बताया की जो भी लोग किराए पर रह रहे हैं, मकान मालिक उनको किराया देने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं. जो आदेशों की पालना नहीं करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उपायुक्त ने बताया की शहर में सभी जरुरी वस्तुओं के लिए कोई पाबंदी नहीं है, जरुरी उद्योगों को चलाने की इजाजत दी गई हैं.
कृषि से संबंधित, दूध से बने प्रोडक्ट, खाद बीज, कृषि कीटनाशक बनाने वाली कम्पनियों पर भी किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं है. जरूरी सेवाओं के लिये जिन दुकानों को प्रशासन द्वारा लाईसेंस जारी किये गए हैं, वो सभी दुकानें सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुली रहेंगी.
जिला उपायुक्त ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के रहने और खाने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं. प्रवासी मजदूरों के लिए करनाल के गांव कम्बोपुरा के सामुदायिक केंद्र और स्कूल में शेल्टर होम बनाया गया है. जहां उनके ठहरने और खाने पीने के इंतजाम करवाए गए हैं. शेल्टर होम्स में अभी तक करीब 760 लोग रखे गए हैं.
वहीं एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया ने बताया कि समाज सेवा में लगे लोग जैसे राशन वितरण, सब्जी वितरण और अन्य सेवाओं में लगे लोगों को प्रशासन द्वारा पास जारी किए जा रहे हैं. बिना पास के किसी भी समाज सेवी/वॉलिंटियरों को कोई छूट नहीं मिलेगी और ना ही उनको जिले में लगे नाकों से गुजरने दिया जाएगा.
लॉकडाउन के संबंध में कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में बताते हुए एसपी ने कहा कि अब तक करनाल पुलिस ने कुल 359 वाहनों को सीज किया है और 29 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ऐसे लोगों के खिलाफ करनाल पुलिस द्वारा 20 मुकदमें दर्ज किये जा चुके हैं. उन्होंने बताया की लॉकडाउन समय में 56 लाख रूपये का जुर्माना भी वसूला गया है.
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