करनाल: करनाल के डाचर गांव (Dachar village in Karnal) में जत्थेदार अमृतपाल सिंह के पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया. इस अवसर पर अमृतपाल सिंह ने कहा कि हरियाणा और पंजाब के युवाओं में फर्क नहीं है. भले ही हरियाणा और पंजाब के युवाओं में हकूमत ने लकीर खींची हों. उन्होंने कहा कि अमृतसर मामले में उनके ऊपर भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की जा रही है.
हिंदू नेता हत्याकांड पर उन्होंने (Amritpal Singh in Karnal) कहा कि अब हालात ही ऐसे हो गए हैं कि पंजाब में कोई भी किसी की भी एफआईआर दर्ज हो, उसमें अमृतपाल सिंह का नाम जोड़ना जरूरी हो गया है. पंजाब में जो भी कुछ हो रहा है, वह पंजाब की सरकार की मर्जी से हो रहा ( Amritpal Singh on murder of Hindu leader) है. वहीं जब उनसे पूछा गया कि वारिस पंजाब सुर्खियों में आ गया है तो इस पर उन्होंने कहा कि कोई भी इंसान और जत्थेबन्दी सच्चाई और धर्म की राह पर चलती है तो मुश्किलें तो आती ही हैं. आतंकवाद पर अमृतपाल सिंह ने कहा कि जब अंग्रेजों की हुकूमत थी तो जो उनके खिलाफ लड़ते थे, उनको भी आतंकवादी कहते थे.
अब जो हकूमत के खिलाफ लड़ता है उसको भी आतंकवादी कहा जा रहा है. लेकिन जब यह हुकूमत चली जाएगी तो इनको ही शहीद कहा जाएगा. अलग खालसा राज की मांग पर अमृतपाल सिंह ने कहा कि जो राज महाराजा रंजीत सिंह का था, वही सिख मांगते हैं. उन्होंने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह के शासन में हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सबको बराबर का अधिकार था. एसवाईएल के मुद्दे पर अमृतपाल सिंह ने कहा कि पंजाब में जलस्तर बहुत नीचे चला गया है और पंजाब के पास पानी नहीं है. सिर्फ और सिर्फ इस पर राजनीति हो रही है.
उन्होंने कहा कि गंगा जमुना का पानी जो समुंदर में जा रहा है, उसको भी पंजाब और हरियाणा राजस्थान को दिया जाना चाहिए. कभी चंडीगढ़ के नाम पर पंजाब और हरियाणा को बांटा जा रहा है और कभी किसी अन्य मुद्दे को लेकर आपस में विवाद खड़े किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में जो आपसी भाईचारा बना था, उसको खराब करने की कोशिश की जा रही है.