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करनाल में आयुर्वेदिक और एमबीबीएस डॉक्टर आमने-सामने, सुनिए दोनों का पक्ष - karnal news

शुक्रवार को करनाल जिला सचिवालय में आयुर्वेदिक डॉक्टर पहुंचे और केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन किया. आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए जिला सचिवालय पहुंचकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. वहीं आईएमए के बैनर तले एमबीबीएस डॉक्टर जिला सचिवालय पहुंचे. उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया.

करनाल आईएमए डॉक्टर हड़ताल
करनाल आईएमए डॉक्टर हड़ताल
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Published : Dec 11, 2020, 6:09 PM IST

करनाल: आयुर्वेदिक डॉक्टरों को 58 तरह सर्जरी की मंजूरी देने के खिलाफ एलोपैथिक डॉक्टरों ने मोर्चा खोल दिया है. डॉक्टरों ने आईएमए के बैनर तले शुक्रवार को 12 घंटे की हड़ताल की. वहीं अब केंद्र सरकार के इस फैसले के समर्थन में आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने सामने आना शुरू कर दिया है.

क्या बोले आयुर्वेदिक डॉक्टर?

क्या बोले आयुर्वेदिक डॉक्टर?

शुक्रवार को करनाल जिला सचिवालय में आयुर्वेदिक डॉक्टर पहुंचे और केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन किया. आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए जिला सचिवालय पहुंचकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. डॉक्टरों का कहना है कि सरकार का ये फैसला जनहित में लिया गया है. इससे आम जनता को ज्यादा लाभ होगा. डॉक्टरों की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा.

एलोपैथिक डॉक्टरों का पक्ष, देखें वीडियो

एलोपैथिक डॉक्टरों का पक्ष

आयुर्वेदिक डॉक्टरों के बाद आईएमए के बैनर तले डॉक्टर जिला सचिवालय पहुंचे. उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया. आईएमए जिला प्रधान डॉ. अरुण गोयल ने कहा कि आयुर्वेदिक डॉक्टर पहले भी कई तरह की सर्जरी करते आए हैं इससे उन्हें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन जिन सर्जरी की एलोपैथी में व्याख्या की गई है वो आयुर्वेदिक डॉक्टर कैसे करते हैं. इसके लिए वो प्रशिक्षित नहीं होते.

ये भी पढ़ें- आयुर्वेदिक डॉक्टरों को ऑपरेशन का परमीशन देने से क्यों नाराज है इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, यहां जानिए पूरा मामला

बहरहाल आयुर्वेदिक और एमबीबीएस डॉक्टरों के बीच के इस मामले में मरीजों को आज स्वास्थ्य सुविधाएं ना मिल पाने के चलते भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. देखना होगा कि किसान आंदोलन के बीच में कहीं एमबीबीएस डॉक्टरों का इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन कहीं लंबा ना बढ़ जाए.

करनाल: आयुर्वेदिक डॉक्टरों को 58 तरह सर्जरी की मंजूरी देने के खिलाफ एलोपैथिक डॉक्टरों ने मोर्चा खोल दिया है. डॉक्टरों ने आईएमए के बैनर तले शुक्रवार को 12 घंटे की हड़ताल की. वहीं अब केंद्र सरकार के इस फैसले के समर्थन में आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने सामने आना शुरू कर दिया है.

क्या बोले आयुर्वेदिक डॉक्टर?

क्या बोले आयुर्वेदिक डॉक्टर?

शुक्रवार को करनाल जिला सचिवालय में आयुर्वेदिक डॉक्टर पहुंचे और केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन किया. आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए जिला सचिवालय पहुंचकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. डॉक्टरों का कहना है कि सरकार का ये फैसला जनहित में लिया गया है. इससे आम जनता को ज्यादा लाभ होगा. डॉक्टरों की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा.

एलोपैथिक डॉक्टरों का पक्ष, देखें वीडियो

एलोपैथिक डॉक्टरों का पक्ष

आयुर्वेदिक डॉक्टरों के बाद आईएमए के बैनर तले डॉक्टर जिला सचिवालय पहुंचे. उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया. आईएमए जिला प्रधान डॉ. अरुण गोयल ने कहा कि आयुर्वेदिक डॉक्टर पहले भी कई तरह की सर्जरी करते आए हैं इससे उन्हें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन जिन सर्जरी की एलोपैथी में व्याख्या की गई है वो आयुर्वेदिक डॉक्टर कैसे करते हैं. इसके लिए वो प्रशिक्षित नहीं होते.

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बहरहाल आयुर्वेदिक और एमबीबीएस डॉक्टरों के बीच के इस मामले में मरीजों को आज स्वास्थ्य सुविधाएं ना मिल पाने के चलते भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. देखना होगा कि किसान आंदोलन के बीच में कहीं एमबीबीएस डॉक्टरों का इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन कहीं लंबा ना बढ़ जाए.

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