ETV Bharat / state

कितना सुरक्षित है बोतल और कैंपर वाला मिनरल वॉटर? ये रिपोर्ट खोल देगी आंखें - Packaged drinking water criteria

आज वो समय है जब पीने के पानी को लेकर लोग ज्यादा सतर्क और सावधान रहते हैं. लगभग हर घर में वॉटर प्यूरीफायर लगा हुआ मिल जाता है. साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर भी लोग मिनरल वॉटर को प्राथमिकता देते हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि वो पानी और मिनरल वॉटर प्लांट सभी मापदंडों को पूरा तो कर रहा है ना, नहीं तो ये आपकी और हमारी सेहत से बड़ा खिलवाड़ होगा.

How safe is mineral water with bottle and camper
How safe is mineral water with bottle and camper
author img

By

Published : Mar 4, 2021, 10:08 PM IST

करनाल: जैसे-जैसे शहरों में काम धंधे बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे मिनरल वॉटर की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. खासतौर से गर्मियों के दिनों में मिनरल वॉटर की खपत काफी ज्यादा हो जाती है. ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि जो मिनरल वॉटर आप और हम पी रहे हैं वो कितना सुरक्षित है और क्या निर्धारित मापदंडों को पूरा किया जा रहा है या नहीं. इसी को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने करनाल पब्लिक हेल्थ साइंटिस्ट अमित से बात की.

मिनरल वॉटर प्लांट्स पर प्रशासन की कितनी नज़र?

उन्होंने कहा कि जितने भी प्लांट करनाल शहर में बनाए गए हैं उनके ऊपर पब्लिक हेल्थ की किसी भी तरह की कोई रोक-टोक नहीं होती, ना ही उनके लिए कोई मापदंड निर्धारित किए हुए होते हैं, लेकिन अगर कहीं से शिकायत मिलती है तो उसके सैंपल अवश्य ही लिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई मापदंड पूरे नहीं करता तो उसके ऊपर कार्रवाई की जाती है, लेकिन पिछले 1 साल में ऐसी कोई भी शिकायत हमें नहीं मिली है.

कितना सुरक्षित है बोतल और कैंपर वाला मिनरल वॉटर? देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट

ये भी पढे़ं- चंडीगढ़ में मार्च शुरू होते ही छूटने लगे पसीने, पारा पहुंचा 30 के पार

कैंपर वाले पानी का नहीं होता कोई रजिस्ट्रेशन

पब्लिक हेल्थ साइंटिस्ट अमित ने जो बताया उससे एक बात ये निकलकर सामने आई कि पैक्ड बोतल का रजिस्ट्रेशन तो होता है, लेकिन कैंपर से दुकानों या दफ्तरों तक पहुंचने वाला पानी रजिस्टर्ड नहीं होता, ना ही विभाग उनके लिए कोई मापदंड तय करता है. ऐसे में सबसे बड़ी चिंता यही है कि ज्यादातर दुकानों, दफ्तरों और बाजारों में कैंपर वाला मिनरल वॉटर ही सप्लाई होता है, जिससे आपके बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है.

'समय-समय पर पानी की जांच जरूरी'

मिनरल वाटर को लेकर जब हमने डॉ. मीनाक्षी (आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर, कुरुक्षेत्र) से बात की तो उन्होंने कहा कि अगर पानी में सही तरह के मापदंड पूरे नहीं किए जाते तो उसमें काफी बीमारियों को न्यौता देने वाली बात होगी. उन्होंने कहा कि पब्लिक हेल्थ और नगर निगम को मिनरल वॉटर प्लांट पर नजर रखनी चाहिए और समय-समय पर पानी की जांच होनी चाहिए, क्योंकि ये पानी रोजाना हजारों लोग पीते हैं.

How safe is mineral water with bottle and camper
शुद्ध पानी के मानक.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम में बढ़ता ध्वनि प्रदूषण लोगों के लिए कैसे बन सकता है जानलेवा? देखिए ये रिपोर्ट

कैंपर का पानी खतरनाक तो नहीं?

गर्मियों बस आने ही वाली हैं. धीरे-धीरे तापमान बढ़ता चला जाएगा और मिनरल वॉटर की डिमांड भी पहले से ज्यादा होगी. ऐसे में कैंपर वाले मिनरल वॉटर से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. यहां ये भी जरूरी है कि पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट कैंपर से पानी की सप्लाई करने वालों पर भी नजर रखे और ये बात सुनिश्चित करे कि लोगों की सेहत से कोई खिलवाड़ ना हो.

करनाल: जैसे-जैसे शहरों में काम धंधे बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे मिनरल वॉटर की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. खासतौर से गर्मियों के दिनों में मिनरल वॉटर की खपत काफी ज्यादा हो जाती है. ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि जो मिनरल वॉटर आप और हम पी रहे हैं वो कितना सुरक्षित है और क्या निर्धारित मापदंडों को पूरा किया जा रहा है या नहीं. इसी को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने करनाल पब्लिक हेल्थ साइंटिस्ट अमित से बात की.

मिनरल वॉटर प्लांट्स पर प्रशासन की कितनी नज़र?

उन्होंने कहा कि जितने भी प्लांट करनाल शहर में बनाए गए हैं उनके ऊपर पब्लिक हेल्थ की किसी भी तरह की कोई रोक-टोक नहीं होती, ना ही उनके लिए कोई मापदंड निर्धारित किए हुए होते हैं, लेकिन अगर कहीं से शिकायत मिलती है तो उसके सैंपल अवश्य ही लिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई मापदंड पूरे नहीं करता तो उसके ऊपर कार्रवाई की जाती है, लेकिन पिछले 1 साल में ऐसी कोई भी शिकायत हमें नहीं मिली है.

कितना सुरक्षित है बोतल और कैंपर वाला मिनरल वॉटर? देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट

ये भी पढे़ं- चंडीगढ़ में मार्च शुरू होते ही छूटने लगे पसीने, पारा पहुंचा 30 के पार

कैंपर वाले पानी का नहीं होता कोई रजिस्ट्रेशन

पब्लिक हेल्थ साइंटिस्ट अमित ने जो बताया उससे एक बात ये निकलकर सामने आई कि पैक्ड बोतल का रजिस्ट्रेशन तो होता है, लेकिन कैंपर से दुकानों या दफ्तरों तक पहुंचने वाला पानी रजिस्टर्ड नहीं होता, ना ही विभाग उनके लिए कोई मापदंड तय करता है. ऐसे में सबसे बड़ी चिंता यही है कि ज्यादातर दुकानों, दफ्तरों और बाजारों में कैंपर वाला मिनरल वॉटर ही सप्लाई होता है, जिससे आपके बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है.

'समय-समय पर पानी की जांच जरूरी'

मिनरल वाटर को लेकर जब हमने डॉ. मीनाक्षी (आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर, कुरुक्षेत्र) से बात की तो उन्होंने कहा कि अगर पानी में सही तरह के मापदंड पूरे नहीं किए जाते तो उसमें काफी बीमारियों को न्यौता देने वाली बात होगी. उन्होंने कहा कि पब्लिक हेल्थ और नगर निगम को मिनरल वॉटर प्लांट पर नजर रखनी चाहिए और समय-समय पर पानी की जांच होनी चाहिए, क्योंकि ये पानी रोजाना हजारों लोग पीते हैं.

How safe is mineral water with bottle and camper
शुद्ध पानी के मानक.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम में बढ़ता ध्वनि प्रदूषण लोगों के लिए कैसे बन सकता है जानलेवा? देखिए ये रिपोर्ट

कैंपर का पानी खतरनाक तो नहीं?

गर्मियों बस आने ही वाली हैं. धीरे-धीरे तापमान बढ़ता चला जाएगा और मिनरल वॉटर की डिमांड भी पहले से ज्यादा होगी. ऐसे में कैंपर वाले मिनरल वॉटर से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. यहां ये भी जरूरी है कि पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट कैंपर से पानी की सप्लाई करने वालों पर भी नजर रखे और ये बात सुनिश्चित करे कि लोगों की सेहत से कोई खिलवाड़ ना हो.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.