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बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान, आत्महत्या को मजबूर हुए किसान !

बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है और अन्नदाता की कमर टूट गई है. करनाल के किसानों को ये चिंता सताने लगी है कि आढ़ती से लिया हुआ कर्ज किस प्रकार चुकाएंगे.

Heavy damage to crops due to rain and hail storm in karnal
Heavy damage to crops due to rain and hail storm in karnal
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Published : Mar 8, 2020, 11:34 AM IST

करनाल: जिले में बेमौसम बारिश ने किसानों के होश उड़ा कर रख दिए हैं. बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है और अन्नदाता की कमर टूट गई है. रही सही कसर शुक्रवार को पूरी हो गई जब तेज हवा के कारण किसानों की सारी फसल खेतों में बिछी दिखाई दी.

बेमौसम बरसात, किसान परेशान

कुदरत के प्रकोप की मार को झेल रहा किसान अब इस चिंता में है कि आढ़ती से लिया हुआ कर्ज किस प्रकार चुका पाएगा. अपने परिवार का गुजर-बसर कैसे करेगा. वहीं किसान को ये चिंता चिता समान लग रही है.

बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान, देखें ये रिपोर्ट

ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. बारिश और तेज हवा के साथ ही ओले पड़ने से फसल गिर गई है. गेहूं की बाली और तने टूट गए हैं और किसान फसलों में हुए नुकसान के आंकलन किए जाने की बात कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- कैथल में बरसात से फसलों को 70 से 80 प्रतिशत तक नुकसान- किसान

आत्महत्या को मजबूर हुए किसान !

अब अगर मौसम साफ नहीं हुआ तो फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगी. किसानों का कहना है कि वो तो दोहरी तेहरी मार झेल रहे हैं. एक जब किसान कर्ज लेकर अपने खेतों को तैयार कर फसल उगाता है फिर कुदरत की मार झेलते हैं. उसके बाद जब सरकार द्वारा सही गिरदावरी ना करने और समय पर मुआवजा ना दिए जाने से किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं.

किसानों ने की मुआवजे की मांग

किसानों ने मांग करते हुए कहा कि सरकार इस पर ध्यान दें, क्योंकि किसान अन्नदाता है हर किसी का पेट भरने में किसान की अहम भूमिका है इसलिए सरकार अगर किसानों को जिंदा रखना चाहती है तो इनकी तरफ ध्यान दिया जाए.

ये बोले भारतीय गेहूं संस्थान के निदेशक

भारतीय गेहूं एवं जो अनुसंधान संस्थान के निदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप ने बताया कि बिना असार की बरसात से किसानों की फसल को 10 फ़ीसदी नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि गेहूं के अलावा सरसों का नुकसान ज्यादा है और बरसात के साथ तेज हवा भी फसल के लिए नुकसानदायक है. किसानों को चाहिए कि खेत में पानी जमा न होने दें. इसके लिए आवश्यकता अनुसार खेत में जल निकासी के लिए नालियां बनाई जाएं.

करनाल: जिले में बेमौसम बारिश ने किसानों के होश उड़ा कर रख दिए हैं. बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है और अन्नदाता की कमर टूट गई है. रही सही कसर शुक्रवार को पूरी हो गई जब तेज हवा के कारण किसानों की सारी फसल खेतों में बिछी दिखाई दी.

बेमौसम बरसात, किसान परेशान

कुदरत के प्रकोप की मार को झेल रहा किसान अब इस चिंता में है कि आढ़ती से लिया हुआ कर्ज किस प्रकार चुका पाएगा. अपने परिवार का गुजर-बसर कैसे करेगा. वहीं किसान को ये चिंता चिता समान लग रही है.

बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान, देखें ये रिपोर्ट

ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. बारिश और तेज हवा के साथ ही ओले पड़ने से फसल गिर गई है. गेहूं की बाली और तने टूट गए हैं और किसान फसलों में हुए नुकसान के आंकलन किए जाने की बात कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- कैथल में बरसात से फसलों को 70 से 80 प्रतिशत तक नुकसान- किसान

आत्महत्या को मजबूर हुए किसान !

अब अगर मौसम साफ नहीं हुआ तो फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगी. किसानों का कहना है कि वो तो दोहरी तेहरी मार झेल रहे हैं. एक जब किसान कर्ज लेकर अपने खेतों को तैयार कर फसल उगाता है फिर कुदरत की मार झेलते हैं. उसके बाद जब सरकार द्वारा सही गिरदावरी ना करने और समय पर मुआवजा ना दिए जाने से किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं.

किसानों ने की मुआवजे की मांग

किसानों ने मांग करते हुए कहा कि सरकार इस पर ध्यान दें, क्योंकि किसान अन्नदाता है हर किसी का पेट भरने में किसान की अहम भूमिका है इसलिए सरकार अगर किसानों को जिंदा रखना चाहती है तो इनकी तरफ ध्यान दिया जाए.

ये बोले भारतीय गेहूं संस्थान के निदेशक

भारतीय गेहूं एवं जो अनुसंधान संस्थान के निदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप ने बताया कि बिना असार की बरसात से किसानों की फसल को 10 फ़ीसदी नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि गेहूं के अलावा सरसों का नुकसान ज्यादा है और बरसात के साथ तेज हवा भी फसल के लिए नुकसानदायक है. किसानों को चाहिए कि खेत में पानी जमा न होने दें. इसके लिए आवश्यकता अनुसार खेत में जल निकासी के लिए नालियां बनाई जाएं.

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