ETV Bharat / state

Karnal Farmers Protest: धान पर निर्यात शुल्क बढ़ाने के खिलाफ उतरे हरियाणा के किसान, धान की फसल जलाकर जताया विरोध

Karnal Farmers Protest: हरियाणा सरकार द्वारा धान की फसल पर निर्यात शुल्क बढ़ाने से हरियाणा के किसान नाराज हो गए हैं. करनाल में किसानों धान की फसल जलाकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा.

Karnal Farmers Protest
करनाल में किसानों का प्रदर्शन
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 20, 2023, 7:31 PM IST

करनाल: धान पर निर्यात शुक्ल बढ़ाने को लेकर हरियाणा के किसान विरोध में उतर आये हैं. इसका विरोध राइस मिलर भी कर रहे हैं और किसानों की धान की फसल को नहीं खरीद रहे. धान की फसल ना बिकने के कारण किसानों ने शुक्रवार को करनाल में धान को आग लगाकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि सरकार जबरदस्ती अपनी नीतियां उन पर थोप रही है, जिससे मिलरों और किसानों दोनों को नुकसान हो रहा है.

ये भी पढ़ें: Paddy soaked in grain markets: भारी भरकम MEP से एक्सपोर्ट प्रभाव‍ित होने से मार्केट में मंदी, आढ़ती और किसान परेशान

धान को आग लगाकर किसानों ने जताया विरोध: राइस मिलरों का कहना है कि बारीक धान की बासमती किस्म खरीदने के बाद एक्सपोर्ट करने पर 12% एक्साइज ड्यूटी लगाई गई है. जिसके चलते किसान और आढ़ती दोनों ही सरकार की इस नीति का विरोध कर रहे हैं. गुस्साए किसानों ने जिला कांग्रेस कमेटी और किसान वर्ग के 51 सदस्यीय दल ने धान में आग लगाकर अपना विरोध जताया. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय कृषि मंत्री के नाम SDM को एक ज्ञापन भी सौंपा. जिसमें उन्होंने 12 फीसदी टैक्स पर विरोध जाहिर किया और उसे हटाने की अपील की.

किसान और मिलर दोनों परेशान: कांग्रेस नेता रघुवीर संधू ने बताया कि धान पर लगाए गए टैक्स पर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं. सरकार द्वारा धान पर 12 फीसदी टैक्स लगाए जाने के बाद मिलरों ने धान की खरीद बंद कर दी है. करनाल की मंडियां धान से अटी पड़ी हैं. इससे किसानों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है. बेमौसमी बरसात भी किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. टैक्स की वजह से किसान और मिलर दोनों परेशान हैं.

ये भी पढ़ें: How to do Green Peas Farming : मटर की खेती से कैसे बनेंगे मालामाल, जानिए सबकुछ

क्या है निर्यात कर और क्यों राइस मिलर कर रहे विरोध: बारीक धान की बासमती किस्म खरीदने के बाद एक्सपोर्ट करने पर राइस मिलरों पर 12% उत्पादक शुल्क लगाया गया है. जबकि इससे पहले यह कर साढ़े 8% था. बढ़ाए गए इस निर्यात कर का सभी राइस मिलर विरोध कर रहे हैं. इसमें पहले बासमती चावल विदेश में भेजने पर 80% साबुत चावल के साथ 20% टूट की भी छूट होती थी. लेकिन अब सरकार ने नई पॉलिसी में 100% साबुत चावल भेजने की बात सभी राइस मिलों को कही है, जिसका सभी विरोध कर रहे हैं. अब राइस मिलरों ने किसानों से धान की खरीद बंद की है. उनका कहना है कि जब तक सरकार इस कर को वापस नहीं लेती वो धान की खरीद नहीं करेंगे.

करनाल: धान पर निर्यात शुक्ल बढ़ाने को लेकर हरियाणा के किसान विरोध में उतर आये हैं. इसका विरोध राइस मिलर भी कर रहे हैं और किसानों की धान की फसल को नहीं खरीद रहे. धान की फसल ना बिकने के कारण किसानों ने शुक्रवार को करनाल में धान को आग लगाकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि सरकार जबरदस्ती अपनी नीतियां उन पर थोप रही है, जिससे मिलरों और किसानों दोनों को नुकसान हो रहा है.

ये भी पढ़ें: Paddy soaked in grain markets: भारी भरकम MEP से एक्सपोर्ट प्रभाव‍ित होने से मार्केट में मंदी, आढ़ती और किसान परेशान

धान को आग लगाकर किसानों ने जताया विरोध: राइस मिलरों का कहना है कि बारीक धान की बासमती किस्म खरीदने के बाद एक्सपोर्ट करने पर 12% एक्साइज ड्यूटी लगाई गई है. जिसके चलते किसान और आढ़ती दोनों ही सरकार की इस नीति का विरोध कर रहे हैं. गुस्साए किसानों ने जिला कांग्रेस कमेटी और किसान वर्ग के 51 सदस्यीय दल ने धान में आग लगाकर अपना विरोध जताया. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय कृषि मंत्री के नाम SDM को एक ज्ञापन भी सौंपा. जिसमें उन्होंने 12 फीसदी टैक्स पर विरोध जाहिर किया और उसे हटाने की अपील की.

किसान और मिलर दोनों परेशान: कांग्रेस नेता रघुवीर संधू ने बताया कि धान पर लगाए गए टैक्स पर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं. सरकार द्वारा धान पर 12 फीसदी टैक्स लगाए जाने के बाद मिलरों ने धान की खरीद बंद कर दी है. करनाल की मंडियां धान से अटी पड़ी हैं. इससे किसानों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है. बेमौसमी बरसात भी किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. टैक्स की वजह से किसान और मिलर दोनों परेशान हैं.

ये भी पढ़ें: How to do Green Peas Farming : मटर की खेती से कैसे बनेंगे मालामाल, जानिए सबकुछ

क्या है निर्यात कर और क्यों राइस मिलर कर रहे विरोध: बारीक धान की बासमती किस्म खरीदने के बाद एक्सपोर्ट करने पर राइस मिलरों पर 12% उत्पादक शुल्क लगाया गया है. जबकि इससे पहले यह कर साढ़े 8% था. बढ़ाए गए इस निर्यात कर का सभी राइस मिलर विरोध कर रहे हैं. इसमें पहले बासमती चावल विदेश में भेजने पर 80% साबुत चावल के साथ 20% टूट की भी छूट होती थी. लेकिन अब सरकार ने नई पॉलिसी में 100% साबुत चावल भेजने की बात सभी राइस मिलों को कही है, जिसका सभी विरोध कर रहे हैं. अब राइस मिलरों ने किसानों से धान की खरीद बंद की है. उनका कहना है कि जब तक सरकार इस कर को वापस नहीं लेती वो धान की खरीद नहीं करेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.