करनाल: साल 2024 में लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनाव होना है. जिसको लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं. हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे में अभी से घमासान शुरू हो गया है. बात सत्ता दल की करें तो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल जनसंवाद कार्यक्रम के तहत लोगों से रूबरू हो रहे हैं. इस कार्यक्रम के तहत सीएम एक जिले में तीन दिन तक रहते हैं. इस दौरान वो जिले के गांवों का दौरा कर लोगों की समस्याओं को सुनते हैं और उन्हें दूर करने की कोशिश करते हैं. इसी के साथ सीएम कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने का काम करते हैं.
गौर करने वाली बात ये है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने गृह जिले करनाल में ही कार्यक्रमों की संख्या बढ़ा दी है. 10 दिन के अंदर सीएम के करनाल में दो कार्यक्रम तय किए गए हैं. पिछले सप्ताह उन्होंने अपने गृह जिले में 2 दिन का जनसंवाद कार्यक्रम रखा था. जिसमें पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम लोगों की समस्याएं सुनी थी. सीएम ने पार्टी कार्यकर्ताओं से हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भी बातचीत की थी. एक बार फिर से 11 और 12 जून को मुख्यमंत्री का करनाल जिले में 2 दिन का जनसंवाद कार्यक्रम रहेगा. जिसमें वो शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से रूबरू होंगे.
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क्या सीएम को है हारने का डर? राजनीतिक जानकारों का मानना है कि विरोधी पार्टियों की सक्रियता पहले के मुकाबले बढ़ी है. आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में अपनी पार्टी का नया संगठन बनाने के बाद करनाल में दो बड़े कार्यक्रम रखे. इन कार्यक्रमों में हजारों की संख्या में पूरे प्रदेश से कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक विरोधी पार्टियों की इसी सक्रियता को लेकर सीएम के मन में डर है कि कहीं वो अपनी ये सीट गवां ना दें. जिसके चलते वो अपने जिले में पहले से ज्यादा सक्रिय हो गए हैं. पहले मुख्यमंत्री महीनों में करनाल का चक्कर लगाते थे. अब वो करनाल हर हफ्ते आ रहे हैं.
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बीजेपी का गिरा ग्राफ: बता दें कि साल 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने करनाल में 5 विधानसभा सीटें जीती थीं, लेकिन साल 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी तीन सीट पर ही जीत दर्ज कर पाई. इसमें मुख्यमंत्री की जीत काफी बड़े मार्जिन से थी, लेकिन अन्य दो सीट पर जीत का मार्जिन कम था. मुख्यमंत्री ने 2014 विधानसभा चुनाव में 63 हजार वोटों से जीत हासिल की थी. 2019 विधानसभा चुनाव में वोटों का अंतर थोड़ा कम हुआ. उन्होंने 45188 वोट के अंतर से जीत हासिल की.
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सियासी गलियारों में चर्चा ये भी है कि इस बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपनी सीट भी बदल सकते हैं. क्योंकि खुद उनके गृह जिले में बीजेपी का लगातार विरोध हो रहा है. करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर लाठीचार्ज किया गया था. जिससे किसानों में रोष नजर आ रहा है. किसान आंदोलन के दौरान करनाल के कैमला गांव में ग्रामीणों ने एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल का हेलीकॉप्टर उतरने नहीं दिया था. जिसके कारण बीजेपी को कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था. अब चर्चा है कि मुख्यमंत्री करनाल विधानसभा सीट की बजाय यमुनानगर या पंचकूला से चुनाव लड़ सकते हैं.
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