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Hariyali Amavasya 2023: इस बार हरियाली अमावस्या पर बन रहे तीन संयोग, जानें महत्व और शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म में दिनों की गणना हिंदू पंचांग के आधार पर की जाती है. उसी के अनुसार व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार 17 जुलाई को सावन महीने की अमावस्या पड़ रही है.

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Published : Jul 15, 2023, 9:37 AM IST

Updated : Jul 15, 2023, 2:39 PM IST

करनाल: हिंदू पंचांग के अनुसार 17 जुलाई को सावन महीने की अमावस्या पड़ रही है. जिसको हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है. माना जाता है कि जो भी इंसान हरियाली अमावस्या के दिन दान और तर्पण करते हैं. इससे उनके पितरों प्रसन्न होते हैं. ये अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसको सोमती अमावस्या भी कहा जाता है, हालांकि सावन का महीना भोलेनाथ का प्रिय महीना होता है. ये पूरा महीना उनको ही समर्पित होता है.

ये भी पढ़ें- Sawan Somvati Amavasya 2023 : सोमवती अमावस्या के दिन अपनाएं ये तरीके, दिखेगा जीवन में फर्क

अमावस्या का प्रारंभ और समापन: हिंदू पंचांग के अनुसार सावन महीने की हरियाली अमावस्या 17 जुलाई को मनाई जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार अमावस्या का प्रारंभ 16 जुलाई को रात को 10:08 से शुरू होगा, जबकि इसका समापन 17 जुलाई को सुबह 12:01 पर होगा. इसलिए हरियाली अमावस्या 17 जुलाई के दिन मनाई जा रही है. स्नान-दान समय: सुबह 4.12 से सुबह 04.53 अमृत (सर्वोत्तम), सुबह 5.34 से सुबह 7.17 शुभ (उत्तम), सुबह 9.01 से सुबह 10.44 बजे तक.

हरियाली अमावस्या का महत्व: पंडित विश्वनाथ ने कहा कि शास्त्रों में बताया गया है कि हरियाली अमावस के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करना बेहतर है. इस दिन पवित्र नदी या तालाब में स्नान करने के बाद दान करने का विशेष महत्व होता है. ऐसा करने से मनुष्य को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है. सोमती अमावस्या के दिन भगवान भोलेनाथ की आराधना करनी चाहिए और उनको फल, फूल, धतूरा, भांग, बेल पत्र अर्पित करने से भगवान भोलेनाथ काफी प्रसन्न होते हैं और उनके परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं. उस दिन मनुष्य भोलेनाथ के साथ माता पार्वती की भी पूजा अर्चना करें.

हरियाली अमावस्या के दिन जो भी इंसान गरीब व जरूरतमंदों को दान करता है. उससे उनके पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. जिससे की उनके परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है. मान्यता है कि जो भी इंसान हरियाली अमावस्या के दिन मछलियों को आटा खिलाता है. उनको सुख समृद्धि मिलती है. ये भी मान्यता है कि हरियाली अमावस्या के चलते पानी में काले तिल बहाने से इंसान का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और परिवार में खुशहाली आती है.

बन रहे तीन शुभ संयोग: हिंदू पंचांग के अनुसार हरियाली अमावस्या के दिन तीन शुभ संयोग भी बनते दिखाई दे रहे हैं. अमावस्या के दिन सोमवार पड़ रहा है. लिहाजा उसी दिन सोमवार का भी व्रत है. जिसके चलते इसको सोमती अमावस्या कहा जाता है. ये दो शुभ संयोग अमावस्या के दिन बन रहे हैं. वहीं तीसरा अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि संयोग बन रहा है.

ये भी पढ़ें- 15 July Panchang : सावन महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि आज, शिव के साथ करें नंदी की भी पूजा

बता दें कि फिलहाल सावन का महीना चल रहा है. सावन के महीने में बारिश होती है. जिससे धरती पर हरियाली दिखाई देती है. नए पेड़ पौधे उगते हैं. जिसके चलते सावन के महीने में आने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है. शास्त्रों में बताया गया है कि हरियाली अमावस्या के दिन तुलसी का पौधा लगाना काफी शुभ होता है. तुलसी का पौधा लगाने से लक्ष्मी माता की कृपा उनके परिवार पर बनी रहती है. कुछ ज्योतिषियों का ये भी मानना है कि जो भी इंसान हरियाली अमावस्या के दिन नीम का पौधा लगाता है. उसकी और उसके परिवार की सेहत अच्छी रहती है. ये भी माना जाता है कि जो भी इंसान इस दिन केले का पौधा लगाता है. उस इंसान को संतान सुख की प्राप्ति होती है.

करनाल: हिंदू पंचांग के अनुसार 17 जुलाई को सावन महीने की अमावस्या पड़ रही है. जिसको हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है. माना जाता है कि जो भी इंसान हरियाली अमावस्या के दिन दान और तर्पण करते हैं. इससे उनके पितरों प्रसन्न होते हैं. ये अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसको सोमती अमावस्या भी कहा जाता है, हालांकि सावन का महीना भोलेनाथ का प्रिय महीना होता है. ये पूरा महीना उनको ही समर्पित होता है.

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अमावस्या का प्रारंभ और समापन: हिंदू पंचांग के अनुसार सावन महीने की हरियाली अमावस्या 17 जुलाई को मनाई जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार अमावस्या का प्रारंभ 16 जुलाई को रात को 10:08 से शुरू होगा, जबकि इसका समापन 17 जुलाई को सुबह 12:01 पर होगा. इसलिए हरियाली अमावस्या 17 जुलाई के दिन मनाई जा रही है. स्नान-दान समय: सुबह 4.12 से सुबह 04.53 अमृत (सर्वोत्तम), सुबह 5.34 से सुबह 7.17 शुभ (उत्तम), सुबह 9.01 से सुबह 10.44 बजे तक.

हरियाली अमावस्या का महत्व: पंडित विश्वनाथ ने कहा कि शास्त्रों में बताया गया है कि हरियाली अमावस के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करना बेहतर है. इस दिन पवित्र नदी या तालाब में स्नान करने के बाद दान करने का विशेष महत्व होता है. ऐसा करने से मनुष्य को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है. सोमती अमावस्या के दिन भगवान भोलेनाथ की आराधना करनी चाहिए और उनको फल, फूल, धतूरा, भांग, बेल पत्र अर्पित करने से भगवान भोलेनाथ काफी प्रसन्न होते हैं और उनके परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं. उस दिन मनुष्य भोलेनाथ के साथ माता पार्वती की भी पूजा अर्चना करें.

हरियाली अमावस्या के दिन जो भी इंसान गरीब व जरूरतमंदों को दान करता है. उससे उनके पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. जिससे की उनके परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है. मान्यता है कि जो भी इंसान हरियाली अमावस्या के दिन मछलियों को आटा खिलाता है. उनको सुख समृद्धि मिलती है. ये भी मान्यता है कि हरियाली अमावस्या के चलते पानी में काले तिल बहाने से इंसान का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और परिवार में खुशहाली आती है.

बन रहे तीन शुभ संयोग: हिंदू पंचांग के अनुसार हरियाली अमावस्या के दिन तीन शुभ संयोग भी बनते दिखाई दे रहे हैं. अमावस्या के दिन सोमवार पड़ रहा है. लिहाजा उसी दिन सोमवार का भी व्रत है. जिसके चलते इसको सोमती अमावस्या कहा जाता है. ये दो शुभ संयोग अमावस्या के दिन बन रहे हैं. वहीं तीसरा अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि संयोग बन रहा है.

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बता दें कि फिलहाल सावन का महीना चल रहा है. सावन के महीने में बारिश होती है. जिससे धरती पर हरियाली दिखाई देती है. नए पेड़ पौधे उगते हैं. जिसके चलते सावन के महीने में आने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है. शास्त्रों में बताया गया है कि हरियाली अमावस्या के दिन तुलसी का पौधा लगाना काफी शुभ होता है. तुलसी का पौधा लगाने से लक्ष्मी माता की कृपा उनके परिवार पर बनी रहती है. कुछ ज्योतिषियों का ये भी मानना है कि जो भी इंसान हरियाली अमावस्या के दिन नीम का पौधा लगाता है. उसकी और उसके परिवार की सेहत अच्छी रहती है. ये भी माना जाता है कि जो भी इंसान इस दिन केले का पौधा लगाता है. उस इंसान को संतान सुख की प्राप्ति होती है.

Last Updated : Jul 15, 2023, 2:39 PM IST
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