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हरियाणा में निजी स्कूलों को टक्कर देने वाले खुलेंगे सरकारी स्कूल, CBSE देगी मान्यता - सरकारी स्कूल हाईटेक सुविधा हरियाणा

सरकार ने इन स्कूलों में प्राइमरी विंग, हाई विंग, सीनियर विंग, कंप्यूटर लैब, साइंस लैब की हाईटेक व्यवस्था करने के लिए भी निर्देश दिए हैं. हरियाणा शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक नंदकिशोर कुमार ने बताया कि सरकार ने निजी स्कूलों की तरह ही उच्च स्तरीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का महत्वकांक्षी निर्णय लिया है.

government schools will be open as well as private schools facility in haryana
हरियाणा में निजी स्कूलों को टक्कर देने वाले खुलेंगे सरकारी स्कूल
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Published : Nov 13, 2020, 5:23 PM IST

करनाल: प्राइवेट स्कूलों की महंगी शिक्षा के बोझ तले दबे आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों के लिए हरियाणा सरकार एक अनूठी पहल कर रही है. हरियाणा सरकार निजी स्कूलों को टक्कर देने वाले हाइटेक स्कूल खोलने जा रही है. जहां अग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होगी और ये स्कूल सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त भी होंगे. जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना... हरियाणा सरकार ने इन स्कूलों को संस्कृति मॉडल स्कूल का नाम दिया है. इन स्कूलों में वो हर सुविधा होगी जो निजी स्कूलों में होती है.

इन स्कूलों में होगी हर जरूरी फैसिलिटी

सरकार ने इन स्कूलों में प्राइमरी विंग, हाई विंग, सीनियर विंग, कंप्यूटर लैब, साइंस लैब की हाईटेक व्यवस्था करने के लिए भी निर्देश दिए हैं. हरियाणा शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक नंदकिशोर कुमार ने बताया कि सरकार ने निजी स्कूलों की तरह ही उच्च स्तरीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का महत्वकांक्षी निर्णय लिया है. राज्य में यह सभी विद्यालय सीबीएसई से मान्यता प्राप्त होंगे. जिनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ स्टाफ क्लासरूम एवं सुसज्जित प्रयोगशालाओं की व्यवस्था के साथ स्वच्छ सुंदर एवं हरित विद्यालय प्रांगण की व्यवस्था होगी.

हरियाणा में निजी स्कूलों को टक्कर देने वाले खुलेंगे सरकारी स्कूल, देखिए वीडियो

प्रदेश के हर कस्बे में खुलेंगे स्कूल

वहीं मॉडल संस्कृति स्कूल के प्रोजेक्ट अधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग ऐसे नए 113 मॉडल संस्कृति विद्यालय को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. साथ ही पहले से संचालित 23 मॉडल संस्कृति विद्यालयों को भी सीबीएसई से मान्यता प्राप्त करने के लिए कहा गया है ताकि गरीब और पिछड़े वर्ग के अभिभावक भी इन स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम में अपने बच्चों को पढ़ा सकें.

छात्रों में आएगा आत्मविश्वास

वाकई सरकार का ये प्रोजेक्ट सफल हुआ तो प्रदेश के लाखों गरीब छात्रों के लिए लाभकारी होगा. सरकारी स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड से अंग्रेजी मीडियम शिक्षा हासिल करने के बाद छात्रों में और भी ज्यादा आत्मविश्वास आएगा. वहीं ये भी संभव है कि शिक्षा विभाग के इस पहल से सरकारी स्कूलों के दिन फिरने लगें और मध्यम वर्ग के अभिभावक भी अपने बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों की बजाय सरकारी स्कूलों में करवाने लगें.

ये भी पढ़ें:चंडीगढ़ के सेक्टर-17 में रेहड़ियां लगने पर शोरूम मालिकों ने जताई नाराजगी

करनाल: प्राइवेट स्कूलों की महंगी शिक्षा के बोझ तले दबे आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों के लिए हरियाणा सरकार एक अनूठी पहल कर रही है. हरियाणा सरकार निजी स्कूलों को टक्कर देने वाले हाइटेक स्कूल खोलने जा रही है. जहां अग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होगी और ये स्कूल सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त भी होंगे. जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना... हरियाणा सरकार ने इन स्कूलों को संस्कृति मॉडल स्कूल का नाम दिया है. इन स्कूलों में वो हर सुविधा होगी जो निजी स्कूलों में होती है.

इन स्कूलों में होगी हर जरूरी फैसिलिटी

सरकार ने इन स्कूलों में प्राइमरी विंग, हाई विंग, सीनियर विंग, कंप्यूटर लैब, साइंस लैब की हाईटेक व्यवस्था करने के लिए भी निर्देश दिए हैं. हरियाणा शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक नंदकिशोर कुमार ने बताया कि सरकार ने निजी स्कूलों की तरह ही उच्च स्तरीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का महत्वकांक्षी निर्णय लिया है. राज्य में यह सभी विद्यालय सीबीएसई से मान्यता प्राप्त होंगे. जिनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ स्टाफ क्लासरूम एवं सुसज्जित प्रयोगशालाओं की व्यवस्था के साथ स्वच्छ सुंदर एवं हरित विद्यालय प्रांगण की व्यवस्था होगी.

हरियाणा में निजी स्कूलों को टक्कर देने वाले खुलेंगे सरकारी स्कूल, देखिए वीडियो

प्रदेश के हर कस्बे में खुलेंगे स्कूल

वहीं मॉडल संस्कृति स्कूल के प्रोजेक्ट अधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग ऐसे नए 113 मॉडल संस्कृति विद्यालय को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. साथ ही पहले से संचालित 23 मॉडल संस्कृति विद्यालयों को भी सीबीएसई से मान्यता प्राप्त करने के लिए कहा गया है ताकि गरीब और पिछड़े वर्ग के अभिभावक भी इन स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम में अपने बच्चों को पढ़ा सकें.

छात्रों में आएगा आत्मविश्वास

वाकई सरकार का ये प्रोजेक्ट सफल हुआ तो प्रदेश के लाखों गरीब छात्रों के लिए लाभकारी होगा. सरकारी स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड से अंग्रेजी मीडियम शिक्षा हासिल करने के बाद छात्रों में और भी ज्यादा आत्मविश्वास आएगा. वहीं ये भी संभव है कि शिक्षा विभाग के इस पहल से सरकारी स्कूलों के दिन फिरने लगें और मध्यम वर्ग के अभिभावक भी अपने बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों की बजाय सरकारी स्कूलों में करवाने लगें.

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