करनाल: जैसे-जैसे भारत और पूरा विश्व उन्नति और विकास की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे युवाओं में विदेशी भाषाओं को सीखने का प्रचलन भी बढ़ता जा रहा है. हिन्दी और अंग्रेजी के बाद अब स्पैनिश, जर्मन और चाइनीज जैसी विदेशी भाषाओं में भी करियर के बेहतर अवसर सामने आ रहे हैं. यही कारण है कि भाषा सीखाने के लिए जगह-जगह कोचिंग सेंटर खुल चुके हैं. अगर हरियाणा के करनाल जिले की बात करें, तो यहां भी सैकड़ों की संख्या में ऐसे संस्थान हैं जो युवाओं को दूसरी भाषाओं की ट्रेनिंग दे रहे हैं.
विदेशी भाषाओं से करियर की उड़ान
देश में रोजगार की स्थिति कुछ खास नहीं है. ग्रेजुएशन और पीजी करके भी युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, ऐसे में युवाओं को अब करियर बनाने के लिए देश के बाहर का रास्ता ज्यादा आसान दिखाई देता है. ये युवा अपने कम्युनिकेशन स्कील्स और लैंग्वेज को बेहतर करने के लिए कोचिंग का सहारा लेते हैं और कनाडा, अमेरिका और यूरोपियन देशों में नौकरियों के लिए अप्लाई करते हैं.
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विदेशी भाषाओं से खुले कई करियर ऑप्शन
ऐसा नहीं है कि विदेशी भाषा सीखने वाले युवाओं का सपना विदेश जाना ही होता है, बल्कि कॉल सेंटर, विदेशी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और विदेशी भाषा के जानकार देश से ही अपना काम कर रहे हैं. भारत में विदेशी भाषाएं जानने वालों की जितनी मांग है, अभी उतने लोग उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में इस क्षेत्र में रोजगार के ज्यादा अवसर हैं.
कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में युवाओं की भरमार
किसी भी भाषा का पुख्ता ज्ञान आपकी सफलता में सहायक होता है. यही कारण है कि अब कॉलेज और विश्वविद्यालय की पढ़ाई के बावजूद युवा विदेशी भाषा सीखने में रुचि दिखा रहे हैं और इसका सीधा फायदा कोचिंग सेंटर्स को मिल रहा है. कोचिंग इंस्टीट्यूट्स इस बिजनेस में अच्छा-खासा पैसा कमा रहे हैं.
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