करनाल: हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से बुधवार को एक लाख क्यूसेक पानी रोक लिया गया है. इससे हरियाणा के बाढ़ प्रभावित इलाकों को थोड़ी राहत मिल सकती है. अधिकारियों के मुताबिक पानी की रफ्तार कम होने से मूसेपुर-समसपुर और गढ़पुर टापू के तटबंध को ठीक करने के काम को रफ्तार मिलेगी. फिलहाल तो करनाल जिले के यमुना नदी से सटे करीब 32 गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. जिससे लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं.
कुछ घर तो ऐसे हैं जिनके ग्राउंड प्लोर में दो फीट तक पानी भर गया है. उनको तो छत पर ही रात बितानी पड़ रही है. प्रशासन और हरियाणा डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स की टीम लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने में लगी हुई हैं. बाढ़ ग्रसित लोगों तक बोट के जरिए सहायता पहुंचाई जा रही है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नर्स, एएनएम और डॉक्टर्स को बोट के जरिए भेजा जा रहा है, ताकि मरीजों का इलाज हो सके. इसके अलावा लोगों तक खाद्य सामग्री भी पहुंचाई जा रही है.
-
#WATCH | Traffic affected after GT Karnal road in Delhi gets flooded after rise in water level of Yamuna River pic.twitter.com/hoaKTR2ZCr
— ANI (@ANI) July 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#WATCH | Traffic affected after GT Karnal road in Delhi gets flooded after rise in water level of Yamuna River pic.twitter.com/hoaKTR2ZCr
— ANI (@ANI) July 13, 2023#WATCH | Traffic affected after GT Karnal road in Delhi gets flooded after rise in water level of Yamuna River pic.twitter.com/hoaKTR2ZCr
— ANI (@ANI) July 13, 2023
करनाल के नगली घाट पर बोट के माध्यम से एएनएम, नर्सों और एक डॉक्टर की टीम को उन गांव में भेजा गया, जहां बाढ़ की वजह से लोग घरों में कैद हैं. पानी जमा होने की वजह से गांव को लोगों को बुखार, दस्त और उल्टी की बीमारी हो रही है. जिससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम अब बोट के जरिए गांवों का दौरा कर रही हैं. ग्रामीणों तक प्रशासन के जरिए हर संभव सहायता पहुंचाई जा रही है. चिंता की बात ये कि तीन दिन बीत जाने के बाद भी जलस्तर कम नहीं हुआ है. जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है.