करनाल: साढ़े तीन करोड़ रुपये का सरकारी चावल नहीं लौटाने वाले कुंजपुरा के भारत राइस मिल के संचालक समेत चार पर केस दर्ज किया गया है. कुंजपुरा थाना प्रभारी ने बताया की खाद्य आपूर्ति विभाग के शिकायत पर कार्रवाई की गई है. वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग के टीएफएससी निशांत राठी ने बताया कि 6 राइस मिलों पर कार्रवाई की जानी है.
भारत राइस मिल के मालिक ने विभाग को तय समय सीमा के भीतर चावल वापस नहीं लौटाया. वहीं आरोपी राइस मिलर के पास चावल लौटाने के लिए धान भी नहीं है. प्रदेशभर में धान घोटाले को लेकर खाद्य आपूर्ति विभाग पर और सरकार पर सवाल उठते रहे हैं और विपक्ष ने लगातार इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा है.
करनाल जिले के 313 राइस मिलों ने हरियाणा सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार का धान लिया था, जिसका 67 प्रतिशत चावल 30 जून तक वापस करना था. कोरोना संकटकाल के कारण करनाल के राइस मिलर्स को 15 जुलाई तक का समय दिया गया था, लेकिन 15 जुलाई तक 108 राइस मिलों पर 1,16,580 मीट्रिक टन चावल बकाया रह गया था.
इस पर विभाग ने वैरिफिकेशन कराकर कार्रवाई शुरू की तो खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने दूसरी बार राइस मिलर्स को 31 अगस्त तक का समय दिया था. इस अवधि में करीब 98.50 प्रतिशत तो चावल की आपूर्ति कर दी गई, लेकिन अंतिम दिन तक भी सात राइस मिलर्स पर 18,500 मीट्रिक टन चावल बाकी रह गया है.
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इसमें करनाल के मोदीराम एंड संस को 6332 मीट्रिक टन धान दिया गया, जिसका 67 फीसदी 4242 मीट्रिक टन चावल देना था, जिसमें से 31 अगस्त तक मिल ने 2821 मीट्रिक टन चावल ही दिया है, अभी 1421 मीट्रिक टन चावल बकाया है. मिल के मालिक सपट्टर सिंह राणा, उनके भाई पूरन सिंह, गारंटर शक्ति सिंह राणा के खिलाफ विभाग ने एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी कर ली है.
इसी तरह कुंजपुरा के भारत राइस मिल को 509 मीट्रिक टन चावल दिया है, जबकि इन पर अभी 889 मीट्रिक टन चावल बाकी है. इसमें सुभाष चंद्र गुप्ता के पुत्र संजय गुप्ता, गौरव, अरविंद कुमार व विजय कुमार पार्टनर हैं. इनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी है.
इसके अलावा घरौड़ा के तीन राइस मिलों पर सीएमआर चावल बकाया है. इसमें जय हनुमान राइस एंड जनरल मिल्स पर 46980 क्विंटल, एसएसजी फूड्स पर 49450 क्विंटल, जैक्शन इंडस्ट्री पर 14500 क्विंटल चावल बकाया रह गया है. इसके अलावा नीलोखेड़ी के दो राइस मिल्स में शांति एग्रो फूड्स पर 27750 क्विंटल, एवरग्रीन ओवरसीज पर 10150 क्विंटल चावल बकाया है.
राइस मिल मालिकों की संपत्ति हुई अटैच
इन पांचों राइस मिलों की संपत्तियां पहले ही विभाग ने अटैच कर रखी है. जिसमें विभाग अटैच संपत्ति की नीलामी करके बकाया चावल की कीमत वसूल करने की कार्रवाई कर सकता है. इससे अब राइस मिलर्स में खलबली मच गई है. निशांत राठी, जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रक करनाल ने बताया कि 31 अगस्त की तय सीमा तक सात राइस मिलों पर 18.50 हजार मीट्रिक टन सीएमआर चावल बकाया रह गया है.
कुंजपुरा थाना प्रभारी गौरव ने बताया कि डीएफएससी की शिकायत पर भारत राइस मिल के मालिक और और उसके पदाधिकारियों के विरोध मामला दर्ज किया गया है. इनको सरकार द्वारा 20 हजार क्विंटल धान मिलिंग के लिए दिया गया था जिनमें से उन्होंने 5 हजार 90 कुंटल ही चावल सरकार को वापस दिया है. ये लगभग साढ़े 3 करोड़ के घोटाले का मामला है और इसमें जांच चल रही है जांच के बाद जो भी दोषी होगा उनको जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.