करनाल: बढ़ती महंगाई का असर सबसे ज्यादा गरीब तबके के लोगों और किसानों पर पड़ता है. लेकिन हरियाणा में बागवानी विभाग की ओर से किसानों को हाई टेक बनाने में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. अब हमारे किसानों की सब्जियां भी उंचे दामों पर बिकेगी. इसके लिए बागवानी विभाग की ओर से प्रदेश में 90 लाख की लागत से पहला पैक हाउस बनाया जा रहा है. बाजार में निजी कम्पनियों को मिल रही प्रतिस्पर्धा को देखते हुए विभाग ने किसानों को सब्जियों की ग्रेडिंग, वाशिंग और शोर्टिंग की आधुनिक तकनीक की सुविधा देने का फैसला लिया है.
स्थानीय सब्जी उत्पादकों को भी होगा लाभ
स्थानीय सब्जी उत्पादक किसानों की सब्जियां अब बड़े ब्रांड की कम्पनियों तक पहुंच सकेगी, जिससे किसानों को उनकी फसल का अच्छा भाव मिलेगा. अभी तक सब्जी उगाने वाले किसान गुणवत्ता व जानकारी के अभाव में स्थानीय मंडियों में ही अपनी सब्जियां बेचते थे. क्योंकि किसानों के पास सब्जियों की ग्रेडिंग व शोर्टिंग करने के साधन उपलब्ध नहीं थे. लिहाजा उन्हें फसल का अच्छा भाव नहीं मिलता था.
90 लाख की लागत से बनाया जा रहा है पैक हाउस
प्रदेश के प्रथम सब्जी उत्कृष्टता केंद्र घरौंडा में पहली बार वेजिटेबल ग्रेडिंग व शोर्टिंग यूनिट लगाई जा रही है. करीब 90 लाख रु की लागत से बनने वाली इस यूनिट में सब्जियों की छटाईं व अलग-अलग साइज में बांटने के लिए अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएगी. इस यूनिट की स्थापना से प्रदेश के सब्जी किसानों के लिए तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे.
थोक व्यापारी को होगा फायदा
सब्जी केंद्र के अधिकारियों के मुताबिक इस यूनिट में सब्जियों की ग्रेडिंग व शोर्टिंग के बाद थोक व्यापारियों को एक ही स्थान से अच्छी गुणवत्ता की सब्जियां उपलब्ध हो सकेगी. इसके अलावा जो किसान अपने ब्रांड बनाकर सब्जी मार्केट में उतारना चाहते हैं, उन्हें आसानी होगी. यूनिट लगने से किसानों के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों में सब्जियों के स्टोर चलाने वाली कम्पनियों के लिए भी बाजार स्थापित होगा. विशेषज्ञों ने बताया कि ग्रेडिंग व शोर्टिंग के बाद किसानों को गुणवत्ता के अनुसार उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य मिलेगा और सब्जियों को लम्बे समय तक खराब होने से बचाने में मदद मिलेगी.
जानिए क्या कहना है बागवानी विभाग के उपनिदेशक का
हरियाणा बागवानी विभाग के उपनिदेशक दीपक कुमार के मुताबिक जुलाई के अंत तक पैक हाउस यूनिट का काम पूरा हो जाएगा. मशीनें अन्य उपकरण लगने के बाद अगस्त माह में ट्रायल के तौर पर यूनिट शुरू की जाएगी. एक महीने के ट्रायल के बाद पैक हाउस किसानों के लिए उपलब्ध होगा. लोकल किसान अपनी फसलों की ग्रेडिंग और शॉर्टिंग करवा सकेंगे. केंद्र के अधिकारियों की माने तो फिलहाल यूनिट में फसल उत्पादों की ग्रेडिंग, वॉशिंग व शॉर्टिंग का काम किया जाएगा. यदि भविष्य में पैकिंग यूनिट की आवश्यकता पड़ती है तो उस दिशा में भी कार्य किया जाएगा.