करनाल: किसान आंदोलन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने फैसला किया है कि इस बार गेहूं खरीद की पेमेंट आढ़तियों के खाते में नहीं बल्कि सीधा किसानों के खाते में जाएगी. सरकार के इस फैसले पर जहां राजनेता हमला बोल रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ करनाल के किसान भी सरकार के इस फैसले से खुश नजर नहीं आ रहे हैं.
दरअसल, सरकार के इस फैसले के विरोध में किसानों की महापंचायत का आयोजन किया गया था, जिसमें किसान संयुक्त मोर्चा के कई बड़े नेता आए थे और हजारों की संख्या में किसान भी वहां पहुंचे थे. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम ने किसानों से सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की.
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किसानों ने कहा कि बीजेपी सरकार आढ़तियों और किसानों का रिश्ता खत्म करना चाहती है. आढ़ती किसान का बैंक होता है. वो किसी भी वक्त उससे पैसे ले लेता है. चाहे रात के 12 ही क्यों ना बज रहे हैं. क्या सरकारी बैंक हमें जरूरत पड़ने पर रुपये देंगे?
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किसानों ने कहा कि हम आढ़तियों के जरिए ही अपनी फसल का भुगतान चाहते हैं. सरकार हमें आढ़तियों से अलग करने की कोशिश ना करे. ऐसा करके सरकार ना सिर्फ हमारे लिए मुश्किल पैदा कर रही है बल्कि आढ़तियों की परेशानी भी बढ़ा रही है.