करनाल: प्रदेश में धान की खरीद जारी है. हरियाणा सरकार का दावा है कि मंडी में किसानों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी. इसके लिए अधिकारियों को भी निर्देश जारी किए गए हैं. लेकिन जब ईटीवी भारत की टीम ने करनाल अनाज मंडी का दौरा किया तो सरकार के दावे धरे के धरे रह गए. फसल खरीद से लेकर मूलभूत सुविधाओं तक के लिए किसान लाचार दिखे.
बता दें कि करनाल की अनाज मंडी में किसानों का गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है. किसानों को अपनी धान की फसल को बेचने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. करनाल की अनाज मंडी के हालत सरकार के दावे से बिल्कुल अलग नजर आए. मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल से हो रही दिक्कतों से भी किसान परेशान दिखे, वहीं गेट पास ना कटने पर किसानों को कड़ी धूप में खड़े होकर घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है.
अनाज मंडी में आढ़तियों की परेशानी भी अनाज मंडी में किसी से कम नहीं है. आढ़तियों ने भी सरकार के 70 घंटे में पेमेंट हो जाने के दावों को फेल बताया. आलम ये है कि मंडियों में धान रखने की जगह तक नहीं रही इससे किसानों की सिर दर्द और बढ़ गई है. मंडी में आए किसानों ने यहां तक कह दिया कि सरकार यदि सही व्यवस्था नहीं दे सकती तो जहर ही दे दे.
इस पर मंडी सचिव की सफाई भी सामने आई है. मंडी सचिव ने बताया कि धान खरीद का कार्य सुचारु रुप से जारी है. उन्होंने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की फसल को खरीदा जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों को शुरू में दिक्कत थी लेकिन अब कोई भी समस्या किसानों और आढ़तियों के सामने नहीं है.
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चाहे कुछ भी हो किसानों के चेहरे पर परेशानी और माथे पर लकीरें साफ बता रही हैं कि सरकार ने खरीद व्यवस्था को लेकर सिर्फ दावे ही किए हैं. व्यवस्था के नाम पर यहां सिर्फ औपचारिकताएं ही हैं, ऐसे में कोई शक नहीं कि अगर अन्नदाता परेशान हैं तो इसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ हुक्मरान और अधिकारी ही हैं.