करनाल: हरियाणा के किसानों की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही. पहले ही किसान धान की खरीद नहीं होने से परेशान हैं. अब उनको डीएपी खाद की किल्लत (DAP fertilizer shortage in Haryana) भी सता रही है. हरियाणा के किसानों को वक्त पर डीएपी खाद नहीं मिल रही. खाद के लिए किसान लंबी-लंबी लाइनों में लगने को मजबूर हैं. किसानों के मुताबिक रबी की फसल की बुआई का वक्त आ रहा है, ऐसे में समय पर खाद नहीं मिलने से बुआई पर असर पड़ेगा. डीएपी की कमी का हाल भिवानी, चरखी दादरी और करनाल में देखा गया.
भिवानी में इफको किसान सेवा केंद्र पर डीएपी को लेकर किसानों का जमावड़ा लगा दिखा, डीएपी ना मिलने से गुस्साए किसानों ने हंगामा किया. ऐसा ही हाल चरखी दादरी में देखने को मिला. यहां भी सरकारी केंद्र पर किसानों की लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिली. करनाल में तो हालात कुछ ज्यादा ही खराब दिखे. ईटीवी भारत की टीम ने बड़थल गांव की कोऑपरेटिव सोसाइटी के गोदाम का रियलिटी चेक किया. जहां पर एक भी बैग डीएपी खाद का नहीं मिला. प्रबंधक ऋषि पाल ने कहा कि हर साल इस समय तक हमारे पास यूरिया और डीएपी खाद पर्याप्त मात्रा में पहुंच जाते थे, लेकिन इस साल अभी तक डीएपी खाद की बात तो दूर यूरिया खाद भी नहीं पहुंच रहा.
उन्होंने कहा कि हमने जिला कृषि अधिकारी और प्राइवेट कंपनियों को लिखकर दे रखा है. लेकिन अभी उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया. खाद लेने आए किसान संजीव ने कहा कि किसानों को इस साल खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि अभी तक कोऑपरेटिव सोसाइटी के गोदाम में ना यूरिया खाद आया है और ना ही डीएपी खाद आया है. किसानों ने कहा कि सब्जी लगाने का समय आ गया है लेकिन खाद मिल नहीं रहा. जिसकी वजह से उनको सब्जी की फसल लगाने में देरी हो रही है. अगर वो बिना खाद के कोई फसल लगाएंगे तो पैदावार अच्छी नहीं होगी.
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इसपर करनाल के जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर आदित्य प्रताप ने कहा कि हमारे जिले में फिलहाल डीएपी खाद की किल्लत सामने नहीं आई है. थोड़ी मात्रा में हमारे पास डीएपी खाद उपलब्ध है. जो सब्जियों के लिए पर्याप्त है. किसानों को खाद के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. खाद लेने आए किसान विरेंद्र कुमार ने बताया कि 12 बजे सरकारी ऑफिस खुलता है और चार बजे अधिकारी खाद देनी बंद कर देते हैं. पिछले दो-तीन दिनों से 45-50 कट्टे डीएपी के ही किसानों को दिए गए. हमें बोला जाता है कि डीएपी नहीं है. इसलिए दूसरी खाद देंगे. किसानों ने निजी दुकानदारों पर भी आरोप लगाए. किसानों के मुताबिक डीएपी खाद की जगह उन्हें एनपीके नाम की खाद दी जा रही है, लेकिन किसानों को एनपीके खाद नहीं चाहिए.
किसानों ने बताया कि सरकारी केंद्रों पर डीएपी नहीं मिल रही और प्राइवेट वाले ब्लैकमेल करते हैं. प्राइवेट दूकानदार शर्त रखते हैं कि डीएपी खाद तभी देंगे जब उसके साथ किसान सरसों की थैली या फिर सल्फर लेंगे. किसानों के मुताबिक उन्हें सिर्फ डीएपी खाद चाहिए. उसके साथ बाकी चीजें नहीं हरियाणा में खाद की कमी को लेकर कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर निशाना साधा. डीएपी खाद की कमी के लिए सुरजेवाला ने मोदी-खट्टर सरकारों को जिम्मेदार ठहराया. रणदीप सुरजेवाला ने कहा की हरियाणा में डीएपी की भारी कमी है और किसान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. ऐसे में अगली फसल की बुवाई कैसे होगी?
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आज सरकार की गलत नीतियों की वजह से डीएपी खाद की ब्लैक मार्केटिंग चरम सीमा पर है. जिसकी वजह से किसान परेशान हैं. उन्होंने कहा कि बड़ा सवाल है कि मोदी-खट्टर-दुष्यंत की जोड़ी कब जागेगी? सुरजेवाला ने कहा की प्रदेश के सभी हिस्सों और खास तौर से कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, करनाल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, हिसार, पलवल में खाद की कमी है. खबर ये भी सामने आ रही हैं कि राजस्थान और पंजाब के किसान भी हरियाणा से डीएपी खाद खरीद रहें है. जिसकी वजह से हरियाणा में खाद की किल्लत हो रही है. इस सवाल के जवाब में कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि प्रदेश में सरकारी और प्राइवेट दो जगह खाद की बिक्री होती है. जेपी दलाल ने कहा कि मैंने सभी अधिकारियों को आदेश दे दिए हैं कि वो हर रोज स्टॉक का डाटा दुकान के सामने रखें और उनकी चेकिंग करे.
उन्होंने कहा कि अगर किसी का भी स्टॉक मिसमैच मिला तो उसका लाइसेंस रद्द कर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि कालाबाजारी करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. ईटीवी भारत से बातचीत में कृषि मंत्री जेपी दलाल (JP Dalal Agriculture Minister Haryana) ने कहा कि डीएपी खाद की कमी मात्र एक अफवाह है. सरकार विरोधी लोग सोशल मीडिया के जरिए इन अफवाहों को फैलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश के किसानों को 8 से 10 लाख डीएपी खाद की बोरियां पहुंचाई जा चुकी हैं. इसके अलावा करीब 8 लाख बोरियां स्टॉक में रखी हुई हैं. हर दूसरे दिन प्रदेश में डीएपी खाद की सप्लाई हो रही है. प्रदेश में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है. कृषि मंत्री ने कहा कि अभी खेतों में खाद डालने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अभी तक गेहूं और सरसों की बुवाई शुरू नहीं हुई है. जब तक बुवाई शुरू होगी तब तक खाद की मात्रा को पूरा कर लिया.