करनाल: तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ सरकार ने एमएसपी गारंटी कानून और अन्य मांगों को को पूरी करने का आश्वासन दिया था. जिसके बाद देशभर के किसान दिल्ली बार्डर खाली करके अपने घरों को रवाना हुए थे. अब जब केंद्र सरकार द्वारा वादा किए हुए काफी वक्त बीत चुके है तब भी किसानों को सरकार की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है. इस वजह से किसान नाराज हैं. हरियाणा के किसानों ने आज सीएम सिटी करनाल में लघु सचिवालय का घेराव करते हुए दो दिन के लिए धरना शुरू कर दिया (Farmer Protest In Karnal) है.
भारतीय किसान एकता के प्रधान लखविद्र सिंह औलख ने कहा बिना टैक्स डीजल देने, यूरिया डीएपी की पूर्ति करने इत्यादि मांगों को लेकर किसान संघर्षरत है. इन मांगों के साथ साथ कटी हुई बुढ़ापा पेंशन दोबारा से बहाल करने, गन्ने की बकाया राशि के भुगतान, ट्यूबवेल कनेक्शन पर सिफारिश की गई, मोटर की शर्त हटाने, बेसहारा पशुओं के समाधान और आंदोलन के दौरान किसानों पर बने हुए केस वापस लेने आदि मांगों को लेकर आज किसान ट्रैक्टर ट्रालियों के काफिले के साथ आज करनाल लघुसचिवालय पहुंचें है.
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किसानों ने कहा कि अगर सरकार द्वारा किसानों की मांगों को नही माना गया तो इस दो दिन के धरने को अनिश्चितकालीन धरने में परिवर्तित कर दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज शाम को करनाल शहर के विभिन्न मार्गो से मशाल मार्च भी निकाला जाएगा. जिला फतेयाबाद से पहुंचे किसान तजिंदर सिंह ने कहा सरकार ने वादाखिलाफी की है. इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर प्रदर्शन का निर्णय लिया. सरकार से अपील है कि जो वादे किए थे उन पर काम करने की शुरूआत तो करे. किसानों का आरोप है कि सरकार उनके साथ वादाखिलाफी कर रही है. इस वजह से किसान एक बार फिर से उग्र होते हुए नजर आ रहे हैं.
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