करनाल: जिले की अनाज मंडी में गेहूं खरीद में फर्जीवाड़ा सामने आने से हड़कंप मच गया है. बताया जा रहा है कि करनाल की अनाज मंडी में बुधवार को यूपी के गेहूं को मंडी में बेचने के लिए हरियाणा के किसानों के नाम गेट पास कटते रहे.
मिली जानकारी के मुताबिक मार्केट कमेटी के सेक्रेटरी सुरेंद्र सिंह ऑफिस में बैठकर इस गड़बड़ी को देखते रहे. लेकिन कार्रवाई करने के लिए ऑफिस से बाहर नहीं निकले. बता दें कि सुबह से दोपहर तक गेट नंबर एक से ही यूपी का करीब 12000 क्विंटल गेहूं हरियाणा के नाम पर मंडी में उतर गया. इस फर्जीवाड़े की सूचना स्थानीय प्रशासन को भी दी गई. कोरोना लड़ाई में व्यस्त होने के कारण इन अधिकारियों ने सेक्रेटरी को फोन तो किए. लेकिन सेक्रेटरी 4 घंटे बाद गेट पर पहुंचे.
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बता दें कि फर्जीवाड़े को देखकर सेक्रेटरी ने यूपी के गेहूं को कांटे पर तोलने नहीं दिया और यूपी के किसानों को मंडी से गेहूं बाहर ले जाने की बात कही. इस पर पलटवार करते हुए किसानों ने सेक्रेटरी को जवाब दिया कि यह उनके आढ़ती ने मंगवाया है. हमारे आढ़ती से बात करो. इसके बाद भी मंडी के अंदर यूपी का गेहूं आता रहा और सेक्रेटरी देखते रहे.
मार्केट कमेटी के अधिकारियों का कहना है कि यह फर्जीवाड़ा है, लेकिन इसे रोका नहीं जा रहा. क्योकि यह गेहूं आढ़ती के द्वारा ही मंगवाया जा रहा है. बता दें कि करनाल और घरौंडा की अनाज मंडी में यूपी की सबसे ज्यादा फसल आती है.
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बता दें कि यहां हरियाणा के किसानों के नाम पर गेट पास कटते हैं. पैसा हरियाणा के किसानों के ही खाते में जाएगा. इस पैसे की गारंटी आढ़ती की होती है. यही कारण है कि औसत से अधिक गेहूं मंडियों में बिक चुका है. गेट पास कटने के बाद सरकार को पैसा देना होगा. व्यापारी यूपी से 1910 रुपए प्रति क्विंटल खरीद कर सरकार को 1975 रुपए प्रति क्विंटल में बेच रहे हैं.