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करनाल पुलिस ने लिंग जांच गिरोह का किया पर्दाफाश, आरोपी आशा वर्कर गिरफ्तार - करनाल सेक्टर-14 टैगोर अस्पताल

करनाल सेक्टर-14 स्थित टैगोर अस्पताल में जिला स्वास्थ्य विभाग ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की. छापेमारी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लिंग जांच गिरोह का पर्दाफाश किया.

District Health Department karnal
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Published : Jan 14, 2021, 5:50 PM IST

करनाल: स्वास्थ्य विभाग करनाल पीएनडीटी एक्ट को लेकर सख्ती से आगे बढ़ रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं. बीते 2 महीनो में विभाग की टीम ने एक के एक बाद तीन मामलों में सफल रेड कर गर्भ में पल रहे भ्रूण की जांच करवाने वाले कथित समाज विरोधी तत्वों को पकड़कर उनके खिलाफ उक्त एक्ट की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करवाए हैं.

ताजा मामले में विभाग की एवं रसूलपुर कलां में कार्यरत एक आशा वर्कर की संलिप्तता हैरान कर देने वाली है. इस घटना की जानकारी देते सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे का अवैध रूप से लिंग जांच करवाने वालों की एक गुप्त सूचना मिली थी.

जिला स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई जारी

सूचना के बाद रेड की एक प्लानिंग की गई और डिप्टी सीएमओ व पीएनडीटी तथा परिवार कल्याण के नोडल डॉ. नरेश करडवाल के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई. एक नकली गर्भवती महिला को विक्रम नाम के दलाल और आशा वर्कर किरण से अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए मिलवाया. अल्ट्रासाउंड में नकली गर्भवती महिला को उसके गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग लड़की बताया.

25 हजार रुपये में तय हुआ सौदा

रेड को लेकर विस्तृत जानकारी देते हुए डॉ. नरेश करड़वाल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा दलाली में शामिल आशा वर्कर व गर्भवती महिला का पीछा किया गया और उन्हें नागरिक अस्पताल चौक पर रंगे हाथों पकड़ लिया. इस मामले में गर्भ में पल रहे बच्चे की लिंग जांच करवाने के लिए 25 हजार रुपये में सौदा तय किया गया था, जिसमें से कथित दलाल विक्रम ने 8 हजार रुपये किरण को दिए. टीम द्वारा किरण को पकड़े जाने पर उससे 8 हजार रुपये यानी 500-500 रुपये के 16 नोट बरामद कर लिए गए और लिस्ट से मिलान करने पर वही नोट पाए गए, जो टीम द्वारा नकली गर्भवती महिला को दिए गए थे.

पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

पूछताछ में दलाली में शामिल किरण ने बताया कि नकली गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड शहर के सेक्टर-14 स्थित टैगोर अस्पताल में करवाया था. इस पर विभाग की टीम गर्भवती महिला व किरण दलाल को लेकर टैगोर अस्पताल गई और वहां अल्ट्रासाउंड रिकॉर्ड का निरीक्षण किया. निरीक्षण करने पर पाया गया कि नकली गर्भवती महिला का उक्त अस्पताल में ही अल्ट्रासाउंड किया गया था, जो एक डॉक्टर ने दलाल द्वारा दी गई एक फर्जी आईडी पर किया. इसके बाद अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन को सील कर दिया गया और टीम ने अस्पताल के रजिस्टर व दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए, ताकि भ्रूण लिंग जांच बारे अस्पताल की संलिप्तता की छानबीन की जा सके.

ये भी पढ़ें- अंबाला सेंट्रल जेल में कैदी आत्महत्या मामले में जेल उपाधीक्षक पर गिरी गाज

डॉ. नरेश करड़वाल ने बताया कि टीम द्वारा मौके पर कार्रवाई करते हुए सभी सम्बंधित के बयान लिए गए और सिविल लाईन थाना में पीएनडीटी एक्ट व आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दलाल किरण तथा विक्रम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई. भ्रूण जांच करवाने के धंधे का मुख्य आरोपी व एजेंट विक्रम फरार बताया गया है, जिसे पकडऩे के लिए पुलिस छानबीन कर रही है.

करनाल: स्वास्थ्य विभाग करनाल पीएनडीटी एक्ट को लेकर सख्ती से आगे बढ़ रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं. बीते 2 महीनो में विभाग की टीम ने एक के एक बाद तीन मामलों में सफल रेड कर गर्भ में पल रहे भ्रूण की जांच करवाने वाले कथित समाज विरोधी तत्वों को पकड़कर उनके खिलाफ उक्त एक्ट की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करवाए हैं.

ताजा मामले में विभाग की एवं रसूलपुर कलां में कार्यरत एक आशा वर्कर की संलिप्तता हैरान कर देने वाली है. इस घटना की जानकारी देते सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे का अवैध रूप से लिंग जांच करवाने वालों की एक गुप्त सूचना मिली थी.

जिला स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई जारी

सूचना के बाद रेड की एक प्लानिंग की गई और डिप्टी सीएमओ व पीएनडीटी तथा परिवार कल्याण के नोडल डॉ. नरेश करडवाल के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई. एक नकली गर्भवती महिला को विक्रम नाम के दलाल और आशा वर्कर किरण से अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए मिलवाया. अल्ट्रासाउंड में नकली गर्भवती महिला को उसके गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग लड़की बताया.

25 हजार रुपये में तय हुआ सौदा

रेड को लेकर विस्तृत जानकारी देते हुए डॉ. नरेश करड़वाल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा दलाली में शामिल आशा वर्कर व गर्भवती महिला का पीछा किया गया और उन्हें नागरिक अस्पताल चौक पर रंगे हाथों पकड़ लिया. इस मामले में गर्भ में पल रहे बच्चे की लिंग जांच करवाने के लिए 25 हजार रुपये में सौदा तय किया गया था, जिसमें से कथित दलाल विक्रम ने 8 हजार रुपये किरण को दिए. टीम द्वारा किरण को पकड़े जाने पर उससे 8 हजार रुपये यानी 500-500 रुपये के 16 नोट बरामद कर लिए गए और लिस्ट से मिलान करने पर वही नोट पाए गए, जो टीम द्वारा नकली गर्भवती महिला को दिए गए थे.

पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

पूछताछ में दलाली में शामिल किरण ने बताया कि नकली गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड शहर के सेक्टर-14 स्थित टैगोर अस्पताल में करवाया था. इस पर विभाग की टीम गर्भवती महिला व किरण दलाल को लेकर टैगोर अस्पताल गई और वहां अल्ट्रासाउंड रिकॉर्ड का निरीक्षण किया. निरीक्षण करने पर पाया गया कि नकली गर्भवती महिला का उक्त अस्पताल में ही अल्ट्रासाउंड किया गया था, जो एक डॉक्टर ने दलाल द्वारा दी गई एक फर्जी आईडी पर किया. इसके बाद अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन को सील कर दिया गया और टीम ने अस्पताल के रजिस्टर व दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए, ताकि भ्रूण लिंग जांच बारे अस्पताल की संलिप्तता की छानबीन की जा सके.

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डॉ. नरेश करड़वाल ने बताया कि टीम द्वारा मौके पर कार्रवाई करते हुए सभी सम्बंधित के बयान लिए गए और सिविल लाईन थाना में पीएनडीटी एक्ट व आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दलाल किरण तथा विक्रम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई. भ्रूण जांच करवाने के धंधे का मुख्य आरोपी व एजेंट विक्रम फरार बताया गया है, जिसे पकडऩे के लिए पुलिस छानबीन कर रही है.

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