करनाल: हरियाणा के करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज (karnal farmer lathi charge) के बाद करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा की वीडियो (Karnal SDM Video) ने पूरे देश में तहलका मचा दिया. इस वीडियो में एसडीएम पुलिस जवानों को किसानों का सिर फोड़ने की आदेश दे रहा है. अब इस मामले को लेकर करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव (Deputy Commissioner Nishant Kumar Yadav) ने माफी मांगी है. रविवार को उन्होंने प्रेसवार्ता कर बताया कि एसडीएम बेकसूर हैं, जरूरत के अनुसार जो जरूरी था वही उनके द्वारा किया गया, उनके द्वारा गलत शब्दों का भी प्रयोग किया गया जो नहीं किया जाने चाहिए था. उस बारे में मैं प्रशासन का मुखिया होने के नाते खेत प्रकट करता हूं और माफी मांगता हूं.
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि किसानों ने एनएच-44 पर पुलिस की चेतावनी के बावजूद जाम लगाए रखा और पुलिस के आग्रह के बावजूद पुलिस पर हमला किया. जिस कारण हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. जिसमें किसानों व पुलिस दोनों को चोटें आई हैं. पुलिस द्वारा किसानों पर जाम लगाने व पुलिस पर हमला करने के बारे में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. जो किसान पुलिस वालों के घरों पर घेराव कर रहे हैं और पुलिस वालों को निशाना बना रहे हैं उन किसानों पर केस दर्ज किए जा रहे हैं.
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वहीं किसान की मौत पर मचे बवाल पर करनाल पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने कहा कि मृतक किसान की ना कोई एमएलआर कटी है, ना ही कोई शिकायत दर्ज हुई है. खुद परिजन मौत का कारण हार्ट अटैक होना बता रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर किसान की मौत लाठीचार्ज से होती तो परिजन निश्चित तौर से शिकायत दर्ज करा पोस्टमार्टम करवाते.
करनाल एसडीएम का ये आदेश देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. कांग्रेस के महासचिव और मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस वीडियो को लेकर कहा कि सीएम और डिप्टी सीएम का करनाल में किसानों पर कातिलाना हमला करने का षड्यंत्र ड्यूटी मैजिस्ट्रेट के आदेशों से साफ है, जो पुलिस को किसानों का सर फोड़ने और सर पर लाठियां बरसाने का आदेश दे रहे हैं. भाजपा-जजपा है 'जनरल डायर' सरकार.
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बता दें कि, निकाय चुनाव को लेकर शनिवार को करनाल में बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी (Karnal BJP meeting) की एक अहम बैठक हो रही थी. जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित, प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ समेत कई नेता शामिल हुए. किसानों ने पहले ही बीजेपी के इस कार्यक्रम का विरोध करने की चेतावनी दी थी. जिसके बाद किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर विरोध किया और किसानों को रोकने के लिए पुलिस का बल का इस्तेमाल करना पड़ा.
किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज (karnal farmer lathi charge) करना पड़ा. जब किसान और पुलिस आमने-सामने हुए तो पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज किया जा रहा था तो वहीं किसानों की तरफ से पत्थरबाजी की गई. इस दौरान 4 किसान और 10 पुलिसकर्मी घायल हुए. घायल हुए किसानों में से एक किसान की रविवार को मौत हो गई. मृतक किसान का नाम सुशील काजल है. किसान करनाल के घरौंडा के रायपुर जट्टान गांव का रहने वाला था.
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