करनाल: इन दिनों हरियाणा के कई जिले प्रदूषण की चादर की चपेट में हैं. पहले दिवाली अब पराली ने दिल्ली एनसीआर समेत हरियाणा के वातावरण को बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया है.
करनाल में प्रदूषण का स्तर बड़ा
प्रदूषण के इस दौर में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. करनाल में हवा का स्तर बेहद खराब है. यहां प्रदूषण की खतरनाक स्तर के कारण लोगों को घर से बाहर निकलने में काफी परेशानी हो रही है. हवा में नमी के कारण यह प्रदूषण का धुंआ वायुमंडल के निचले स्तर में ही रह जाता है.
आंखों और नाक में जलन की शिकायत में बढ़ोतरी
किसानों द्वारा जलाया जा रही पराली के धूएं से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टर कमल चराया का कहना है कि दमा और श्वांस के मरीजों को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है. इसके साथ ही आंखों और नाक में जलन की शिकायत भी सामने आ रही है. पराली और पटाखों से सल्फर डाई ऑक्साइड ,कार्बन डाई ऑक्साइड नाइट्रोजन के साथ अधजले कार्बन के कण निकले. अभी तक बरसात होने की कोई भी संभावना नहीं दिख रही है.
पिछले साल की तुलना में कम जली पराली
करनाल जिले में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कृषि विभाग काम कर रहा है. पिछले साल की तुलना में इस बार पराली कम जली है. लेकिन इसके बावजूद प्रदूषण का स्तर ज्यों का त्यों बना हुआ है. आपको बता दें कि कृषि विभाग ने किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 2500 रुपये के हिसाब से जुर्माना किया है. जो किसान जुर्माने का भुगतान नहीं करेंगे उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा.