करनाल: केंद्र सरकार का बैंको को निजीकरण की ओर कदम बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए आज करनाल एसबीआई बैंक मेंन ब्रांच के बाहर करनाल के विभिन्न बैंक कर्मचारियों ने एकत्रित होकर सरकार विरोधी प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट 2021-22 में देश के दो सार्वजनिक (पब्लिक सेक्टर) बैंकों के निजीकरण करने व लाइफ इंश्योरेंस कारपोरेशन ऑफ इंडिया में सरकार की हिस्सेदारी कम करते हुए इसके निजीकरण की ओर कदम बढ़ाया है. जिसके विरोध में सीएम सिटी करनाल में विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों ने सरकार विरोधी प्रदर्शन किया. इन बैंक कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले के विरोध में आने वाले दिनों में अपना आंदोलन तेज करने की चेतावनी भी दी है.
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पूरे देश में बैंक कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
बैंक कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मंच यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के बैनर तले आज देश भर में बैंक कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया. फोरम के जिला प्रधान उमेश भाटिया ने इस मौके पर कहा कि आज ही के दिन देश के चौदह बैंकों को नेशनलाइज्ड किया गया था और इसलिए सरकार के फैसले पर विरोध प्रकट करने के लिए आज का दिन चुना गया.
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केंद्र सरकार कर रही लाखों कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़
भाटिया ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आज देश के कोने-कोने में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी जनता तक पहुंचा रहे हैं. भाटिया ने कहा कि इन बैंकों को निजी हाथों में सौंप कर सरकार न केवल लाखों कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है, बल्कि लोगों की बचत को भी खतरे में डाल रही है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले के विरोध में फोरम का प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा.
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