करनाल: हरियाणा में लंबित मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर शुक्रवार को आशा, आंगनबाड़ी व मिड डे मील वर्कर (women workers Protest in Karnal) ने प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने छेड़छाड़ के आरोपी मंत्री संदीप सिंह को बर्खास्त करने की मांग भी की. महिलाकर्मियों ने डीसी मुख्यालय पर प्रदर्शन (Protest in Karnal) के बाद राज्यपाल को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा. इन्होंने मटका चौक से जिला सचिवालय तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
अपनी लंबित मांगों को लेकर आशा, आंगनबाड़ी व मिड डे मील वर्कर्स ने एकजुट होकर लघु सचिवालय के समक्ष धरना दिया. इस दौरान उन्होंने सरकार को महिला विरोधी बताते हुए मंत्री संदीप सिंह को जल्द से जल्द बर्खास्त करने की मांग भी की. इसके बाद प्रदर्शनकारी महिलाकर्मी डीसी मुख्यालय पहुंची और वहां रोष प्रकट किया. धरने की अध्यक्षता जिला सचिव बिजनेश राणा ने की. उन्होंने कहा कि पूरे देश में एक करोड़ से भी ज्यादा तीन स्कीम के तहत आने वाली महिला वर्कर हैं.
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देश के सभी राज्यों में इसी तरह से जिला स्तर पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार 3 स्कीम के तहत आने वाली सभी वर्कर्स की मुख्य मांगों को पूरा करे. उन्होंने बताया कि संगठन की ओर से राज्यपाल के नाम एक चिट्ठी उपायुक्त करनाल को दी गई है. जिसमें मंत्री संदीप सिंह को बचाने की बजाए उसे कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग की गई है. इस दौरान उन्होंने संदीप सिंह से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने को भी कहा.
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महिला वर्कर की प्रमुख मांगे: बिजनेश राणा ने सरकार से 2018 में की गई घोषणाओं को जल्द लागू करने की मांग की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिना संसाधन दिए वर्कर व हेल्पर से ऑनलाइन कार्य नहीं करवाया जाना चाहिए. उन्होंने तीन स्कीम के तहत सभी कार्यकर्ता और सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिए जाने और इनका न्यूनतम वेतन 24 हजार व 16 हजार रुपये करने की मांग की. इसके साथ ही सरकार महिला वर्कर को सेवानिवृत्ति के अवसर पर कार्यकर्ता को पांच लाख और सहायिका को तीन लाख रुपये सम्मान के रूप में दे.