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Amit Shah Rally in Karnal: अमित शाह की रैली का क्या है चुनावी समीकरण, आगामी चुनाव में वोट बैंक पर पड़ेगा प्रभाव? - Haryana BJP Mission 2024

Amit Shah Rally in Karnal लोकसभा चुनाव 2024 और हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी जनसंवाद करने में जुट गई है. वहीं, मनोहर लाल सरकार के 9 साल पूरे होने पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करनाल में रैली करने वाले हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार अमित शाह की ये रैली सूबे में बीजेपी की दशा और दिशा तय करने वाली है. इस रैली से क्या प्रदेश में बीजेपी वोट बैंक पर कोई असर पड़ेगा जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (Haryana Assembly Election 2024 BJP vote bank in Haryana Manohar Lal government completes 9 years Haryana BJP Mission 2024)

Amit Shah Rally in Karnal
करनाल में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 30, 2023, 12:46 PM IST

Updated : Nov 2, 2023, 7:36 AM IST

करनाल में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली के क्या है मायने?

करनाल: हरियाणा सहित दूसरे राज्यों में भी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयारी शुरू हो चुकी है. हरियाणा में बीजेपी की सरकार को बने हुए 9 साल पूरे होने पर एक रैली का आयोजन किया जा रहा है. करनाल के नमस्ते चौक के पास दशहरा ग्राउंड में आयोजित इस रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे. वहीं, इस रैली का आगामी लोकसभा चुनाव 2024 और हरियाणा विधानसभा चुनाव में क्या प्रभाव पड़ेगा, क्या वह अपने वोट बैंक इस रैली के जरिए बढ़ा पाएंगे. इन सभी तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत ने कुछ वरिष्ठ पत्रकारों से बातचीत की और जाना कि इस रैली के क्या मायने हैं?

अमित शाह की रैली 2024 के चुनाव का आगाज!: हरियाणा में लंबे समय से पत्रकारिता से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार विनोद मैहला कहते हैं 'केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कि इस रैली से बीजेपी का वोट बैंक अवश्य बढ़ेगा. मौजूदा समय में हरियाणा में बीजेपी की स्थिति काफी खराब है, जिनसे उभरने के लिए अब केंद्रीय स्तर के बड़े नेता हरियाणा में सक्रिय हो गए हैं. हरियाणा में सरकार के 9 साल पूरे होने पर कार्यक्रम आयोजित किया गया है. हालांकि इस कार्यक्रम में अंत्योदय वाले लाभार्थियों को गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा योजनाओं का लाभ दिया जाएगा, लेकिन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सिर्फ यही नहीं है. इस रैली के माध्यम से वोट बैंक बढ़ाने की भी कोशिश रहेगी.'

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली के लिए मुख्यमंत्री के गृह जिले को क्यों चुना गया?: विनोद मैहला के अनुसार करनाल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का गृह जिला है. यही वजह है कि अमित शाह की रैली के लिए यहां कार्यक्रम करना ज्यादा उचित समझा गया. मुख्यमंत्री यहां से 2 बार विधायक रह चुके हैं. लोकसभा चुनाव 2019 हरियाणा में यहां से सबसे ज्यादा वोट से लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद संजय भाटिया जीते थे. करनाल की 5 विधानसभा सीटों में से 3 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. चौथी सीट जिसपर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी, उन्होंने भी बीजेपी को समर्थन दिया हुआ है. ऐसे में करनाल में कार्यक्रम रखा गया है.

  • - 2014 से चल रही "डबल इंजन सरकार" ने माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन में अंत्योदय उत्थान के ऐतिहासिक व दूरदर्शी कार्य किए हैं।
    - 9 साल की इस शानदार यात्रा के उपलक्ष्य में आगामी 2 नवंबर को करनाल में आयोजित होने जा रहे #अंत्योदय_महासम्मेलन में माननीय… pic.twitter.com/etJymwekAM

    — Haryana BJP (@BJP4Haryana) October 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जीटी रोड बेल्ट सहित उत्तर भारत पर पड़ेगा प्रभाव!: वरिष्ठ पत्रकार विनोद मैहला ने ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए कहा 'हरियाणा की राजनीति में उत्तर भारत और जीटी रोड बेल्ट काफी मायने रखती है. माना जाता है कि जो भी पार्टी जीटी बेल्ट पर ज्यादा सीट हासिल कर लेती है, हरियाणा में उसी की सरकार बनती है. अमित शाह की इस रैली से लोक सभा सीट अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और सोनीपत पर विशेष रूप से प्रभाव पड़ने वाला है. इसके साथ ही जो उत्तरी हरियाणा के कई अन्य जिले हैं उनमें भी इस रैली का विशेष प्रभाव पड़ेगा.'

हरियाणा में बीजेपी का वोट प्रतिशत गिरने का मुख्य कारण: अगर 2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 47 सीट हासिल की थी. इस वजह से बिना किसी के समर्थन के ही बीजेपी सरकार बनने में सफल हो पाई थी. लेकिन, तब नरेंद्र मोदी के नाम पर ही इतनी वोट मिली थी. धीरे-धीरे यह वोट बैंक काम होता गया. 2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 40 सीटें ही मिल पाई. जिसके चलते जेजेपी के साथ गठबंधन में सरकार चल रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अब परिस्थितियां और भी ज्यादा बदल गई है, बीजेपी का वोट बैंक लगातार काम होता जा रहा है. वोट बैंक कम होने के कई कारण हैं.

किसान आंदोलन: राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो हरियाणा में बीजेपी का वोट बैंक कम होने का मुख्य कारण किसान आंदोलन रहा है, यहां किसान और कमेरा वर्ग काफी नाराज चल रहा है. हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां पर बड़े स्तर पर खेती बाड़ी की जाती है. हरियाणा में जाट वोट बैंक ज्यादा है जो किसान आंदोलन के चलते भाजपा सरकार से नाराज चलते आ रहे हैं. हालांकि हरियाणा में अन्य कई दूसरी जातियां भी हैं जो बड़े स्तर पर खेती करती हैं, लेकिन हरियाणा में बड़ी संख्या में जाट रहते हैं. किसान आंदोलन के चलते हरियाणा में बीजेपी का एक बहुत ही ज्यादा बड़ा वोट बैंक कम हुआ है.

नए सरपंचों के विकास कार्य में लगने वाले पैसों की लिमिट कम करना: वरिष्ठ पत्रकार ने कहा पंचायत समिति के चुनाव होने के बाद जो नए सरपंच बनाए गए, उनके लिए सरकार के द्वारा कुछ नए आदेश जारी किए गए थे, जिसमें वह अपने गांव में विकास कार्य केवल 5 लाख रुपए तक के कार्य के ही करवा सकते हैं. हालांकि इसकी लिमिट शुरू में ₹200000 रखी गई थी. उसके बाद भी सरपंच इससे संतुष्ट नहीं हैं. यहा वजह है कि सरपंच बीजेपी सरकार के खिलाफ चल रहे हैं. ऐसे में सरपंचों का बीजेपी के खिलाफ होना भी बीजेपी का वोट बैंक कम होने का मुख्य कारण है.

'कार्यकर्ताओं की नाराजगी के चलते गिरा भाजपा का ग्राफ': राजनति विश्लेषक ने बताया कि हरियाणा में बीजेपी का वोट बैंक कम होने का मुख्य कारण उनके कार्यकर्ता भी हैं. क्योंकि कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे और ना ही उनकी कहीं पर कोई बात मानता है. ऐसे में बीजेपी कार्यकर्ताओं में काफी निराशा है और वह अभी से ही पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टियों में अपनी राह ढूंढ रहे हैं.

'मौजूदा कई विधायकों के कटेंगे टिकट': वरिष्ठ पत्रकार विनोद मैहला कहते हैं 'हरियाणा की जनता सरकार से काफी खुश भी है, लेकिन कई निराश भी हैं. मौजूदा समय में हरियाणा में जितने भी संसद और विधायक हैं, उनसे उनके क्षेत्र की जनता काफी नाखुश है. जनता अपने विधानसभा और लोकसभा सीट पर बदलाव चाहती है. इसी के चलते अगर हरियाणा में सर्वे किया जाए तो बीजेपी के आधे से ज्यादा विधायकों से उनके क्षेत्र की जनता खुश नहीं है. ऐसे में माना जा रहा है कि कई विधायकों के टिकट काटे जाएंगे.

अमित शाह की रैली काफी अहम: वहीं, वरिष्ठ पत्रकार पंकज अरोड़ा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 2 नवंबर को करनाल में होने जा रही अमित शाह की रैली हरियाणा के लिए काफी अहम है. यह बीजेपी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में एक नई ऊर्जा भरने का काम करेगी, लेकिन फिलहाल यह नहीं कह सकते कि हरियाणा में बीजेपी का वोट बैंक बढ़ाने में वह कितनी सफल होते हैं. इस रैली के बाद ही अनुमान लगाया जा सकता है कि हरियाणा के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह क्या सौगात देकर जाते हैं. अगर वह हरियाणा को कई बड़ी सौगात देकर जाएंगे तो निश्चित ही हरियाणा में बीजेपी का वोट बैंक अवश्य बढ़ेगा, लेकिनअगर वे घोषणाएं नहीं करते हैं तो इससे हरियाणा में बीजेपी के वोट बैंक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

मुख्यमंत्री का जन संवाद कार्यक्रम दिखावा!: पंकज अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पिछले काफी समय से जन संवाद कार्यक्रम करते आ रहे हैं, जिसमें दिखाया जाता है कि वह लोगों की समस्याओं को सुनते हैं और उनका निदान करते हैं. असल में जिन लोगों को समस्याएं होती है उन लोगों को मुख्यमंत्री तक पहुंचने ही नहीं दिया जाता. इन कार्यक्रम में वही लोग मुख्यमंत्री जन संवाद करने के लिए जाते हैं जो यहां के नेताओं और अधिकारियों के चहेते होते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री को इस पर संज्ञान लेना चाहिए और जिन लोगों को सच में अपनी समस्याओं को मुख्यमंत्री तक पहुंचना है उनको खुले तौर पर आमंत्रित करना चाहिए.

'डिजिटलीकरण से लोग परेशान': राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार हरियाणा सरकार के द्वारा चाहे परिवार पहचान पत्र हो, चाहे पेंशन हो या फिर रजिस्ट्री के मामले हो या प्रॉपर्टी टैक्स भरने के मामले हो या कोई भी ऐसी योजना जो डिजिटल कर दी गई है. इन योजनाओं में डिजिटलकरण से लोग काफी परेशान हैं. प्रदेश के बहुत से लोगों को तो फोन तक चलाना नहीं आता तो वह इस डिजिटलीकरण में खुद को कैसे ढालेंगे. पूरे प्रदेश के लोग परिवार पहचान पत्र या प्रॉपर्टी टैक्स जैसे कामों से काफी परेशान हैं. इस पर सरकार को विचार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: Haryana BJP Mission 2024: बीजेपी ने तैयार किया हरियाणा फतह करने का प्लान, CM मनोहर लाल ने विधायकों के दिए ये निर्देश

अग्नि वीर शुरू करने से भी गिरा वोट बैंक!: वरिष्ठ पत्रकार पंकज अरोड़ा के अनुसार, भारतीय सेना में हर 9 सैनिकों में से एक हरियाणवी जवान होता है. जहां प्रदेश के युवा पहले खेलों में और सेना में जाने के लिए मेहनत करते थे, अब इसकी बजाय उन्होंने विदेश का रुख कर लिया है. इसलिए इस अग्नि वीर योजना का हरियाणा ही नहीं दूसरे राज्यों में भी बहुत ही ज्यादा प्रभाव बीजेपी के वोट बैंक पर पड़ेगा.

ऐसे वोट बैंक में होगी बढ़ोतरी!: वरिष्ठ पत्रकार के अनुसार, अगर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 2 नवंबर की होने वाली रैली में हरियाणा के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं करते हैं तो उनका वोट बैंक अवश्य बढ़ेगा. मौजूदा समय में हरियाणा में बीजेपी की स्थिति अच्छी नहीं है यह हर कोई जानता है. उसकी कई वजह भी है. 2024 का रण जीतने के लिए बीजेपी के बड़े नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को हरियाणा के लिए कई बड़ी सौगात देनी होगी जिसके चलते बीजेपी के वोट बैंक में बढ़ोतरी हो सकती है.

'BJP विधायक और सांसद नहीं बना पा रहे आमजन से जन संवाद': राजनीतिक जानकार कहते हैं 'बीजेपी की सबसे बड़ी कमी यह रही है कि वह आम लोगों के बीच में जाकर उनसे जनसंपर्क नहीं बना पाए जिसके चलते हर क्षेत्र में जनता विधायक से नाराज हुई है. हालांकि कुछ विधायकों ने जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू किया है, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है. यह कार्यक्रम विधायक बनने के तुरंत बाद ही उन्हें शुरू कर देना चाहिए था. अपने क्षेत्र में विकास कार्य करने के साथ-साथ लोगों की जन समस्याओं को भी सुना था और उनका निदान करना था.'

ये भी पढ़ें: Haryana BJP Mission 2024: हरियाणा में बीजेपी विधायक भी करेंगे जनसंवाद, जानिए क्या है इसके मायने?

करनाल में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली के क्या है मायने?

करनाल: हरियाणा सहित दूसरे राज्यों में भी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयारी शुरू हो चुकी है. हरियाणा में बीजेपी की सरकार को बने हुए 9 साल पूरे होने पर एक रैली का आयोजन किया जा रहा है. करनाल के नमस्ते चौक के पास दशहरा ग्राउंड में आयोजित इस रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे. वहीं, इस रैली का आगामी लोकसभा चुनाव 2024 और हरियाणा विधानसभा चुनाव में क्या प्रभाव पड़ेगा, क्या वह अपने वोट बैंक इस रैली के जरिए बढ़ा पाएंगे. इन सभी तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत ने कुछ वरिष्ठ पत्रकारों से बातचीत की और जाना कि इस रैली के क्या मायने हैं?

अमित शाह की रैली 2024 के चुनाव का आगाज!: हरियाणा में लंबे समय से पत्रकारिता से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार विनोद मैहला कहते हैं 'केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कि इस रैली से बीजेपी का वोट बैंक अवश्य बढ़ेगा. मौजूदा समय में हरियाणा में बीजेपी की स्थिति काफी खराब है, जिनसे उभरने के लिए अब केंद्रीय स्तर के बड़े नेता हरियाणा में सक्रिय हो गए हैं. हरियाणा में सरकार के 9 साल पूरे होने पर कार्यक्रम आयोजित किया गया है. हालांकि इस कार्यक्रम में अंत्योदय वाले लाभार्थियों को गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा योजनाओं का लाभ दिया जाएगा, लेकिन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सिर्फ यही नहीं है. इस रैली के माध्यम से वोट बैंक बढ़ाने की भी कोशिश रहेगी.'

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली के लिए मुख्यमंत्री के गृह जिले को क्यों चुना गया?: विनोद मैहला के अनुसार करनाल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का गृह जिला है. यही वजह है कि अमित शाह की रैली के लिए यहां कार्यक्रम करना ज्यादा उचित समझा गया. मुख्यमंत्री यहां से 2 बार विधायक रह चुके हैं. लोकसभा चुनाव 2019 हरियाणा में यहां से सबसे ज्यादा वोट से लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद संजय भाटिया जीते थे. करनाल की 5 विधानसभा सीटों में से 3 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. चौथी सीट जिसपर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी, उन्होंने भी बीजेपी को समर्थन दिया हुआ है. ऐसे में करनाल में कार्यक्रम रखा गया है.

  • - 2014 से चल रही "डबल इंजन सरकार" ने माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन में अंत्योदय उत्थान के ऐतिहासिक व दूरदर्शी कार्य किए हैं।
    - 9 साल की इस शानदार यात्रा के उपलक्ष्य में आगामी 2 नवंबर को करनाल में आयोजित होने जा रहे #अंत्योदय_महासम्मेलन में माननीय… pic.twitter.com/etJymwekAM

    — Haryana BJP (@BJP4Haryana) October 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जीटी रोड बेल्ट सहित उत्तर भारत पर पड़ेगा प्रभाव!: वरिष्ठ पत्रकार विनोद मैहला ने ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए कहा 'हरियाणा की राजनीति में उत्तर भारत और जीटी रोड बेल्ट काफी मायने रखती है. माना जाता है कि जो भी पार्टी जीटी बेल्ट पर ज्यादा सीट हासिल कर लेती है, हरियाणा में उसी की सरकार बनती है. अमित शाह की इस रैली से लोक सभा सीट अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और सोनीपत पर विशेष रूप से प्रभाव पड़ने वाला है. इसके साथ ही जो उत्तरी हरियाणा के कई अन्य जिले हैं उनमें भी इस रैली का विशेष प्रभाव पड़ेगा.'

हरियाणा में बीजेपी का वोट प्रतिशत गिरने का मुख्य कारण: अगर 2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 47 सीट हासिल की थी. इस वजह से बिना किसी के समर्थन के ही बीजेपी सरकार बनने में सफल हो पाई थी. लेकिन, तब नरेंद्र मोदी के नाम पर ही इतनी वोट मिली थी. धीरे-धीरे यह वोट बैंक काम होता गया. 2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 40 सीटें ही मिल पाई. जिसके चलते जेजेपी के साथ गठबंधन में सरकार चल रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अब परिस्थितियां और भी ज्यादा बदल गई है, बीजेपी का वोट बैंक लगातार काम होता जा रहा है. वोट बैंक कम होने के कई कारण हैं.

किसान आंदोलन: राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो हरियाणा में बीजेपी का वोट बैंक कम होने का मुख्य कारण किसान आंदोलन रहा है, यहां किसान और कमेरा वर्ग काफी नाराज चल रहा है. हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां पर बड़े स्तर पर खेती बाड़ी की जाती है. हरियाणा में जाट वोट बैंक ज्यादा है जो किसान आंदोलन के चलते भाजपा सरकार से नाराज चलते आ रहे हैं. हालांकि हरियाणा में अन्य कई दूसरी जातियां भी हैं जो बड़े स्तर पर खेती करती हैं, लेकिन हरियाणा में बड़ी संख्या में जाट रहते हैं. किसान आंदोलन के चलते हरियाणा में बीजेपी का एक बहुत ही ज्यादा बड़ा वोट बैंक कम हुआ है.

नए सरपंचों के विकास कार्य में लगने वाले पैसों की लिमिट कम करना: वरिष्ठ पत्रकार ने कहा पंचायत समिति के चुनाव होने के बाद जो नए सरपंच बनाए गए, उनके लिए सरकार के द्वारा कुछ नए आदेश जारी किए गए थे, जिसमें वह अपने गांव में विकास कार्य केवल 5 लाख रुपए तक के कार्य के ही करवा सकते हैं. हालांकि इसकी लिमिट शुरू में ₹200000 रखी गई थी. उसके बाद भी सरपंच इससे संतुष्ट नहीं हैं. यहा वजह है कि सरपंच बीजेपी सरकार के खिलाफ चल रहे हैं. ऐसे में सरपंचों का बीजेपी के खिलाफ होना भी बीजेपी का वोट बैंक कम होने का मुख्य कारण है.

'कार्यकर्ताओं की नाराजगी के चलते गिरा भाजपा का ग्राफ': राजनति विश्लेषक ने बताया कि हरियाणा में बीजेपी का वोट बैंक कम होने का मुख्य कारण उनके कार्यकर्ता भी हैं. क्योंकि कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे और ना ही उनकी कहीं पर कोई बात मानता है. ऐसे में बीजेपी कार्यकर्ताओं में काफी निराशा है और वह अभी से ही पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टियों में अपनी राह ढूंढ रहे हैं.

'मौजूदा कई विधायकों के कटेंगे टिकट': वरिष्ठ पत्रकार विनोद मैहला कहते हैं 'हरियाणा की जनता सरकार से काफी खुश भी है, लेकिन कई निराश भी हैं. मौजूदा समय में हरियाणा में जितने भी संसद और विधायक हैं, उनसे उनके क्षेत्र की जनता काफी नाखुश है. जनता अपने विधानसभा और लोकसभा सीट पर बदलाव चाहती है. इसी के चलते अगर हरियाणा में सर्वे किया जाए तो बीजेपी के आधे से ज्यादा विधायकों से उनके क्षेत्र की जनता खुश नहीं है. ऐसे में माना जा रहा है कि कई विधायकों के टिकट काटे जाएंगे.

अमित शाह की रैली काफी अहम: वहीं, वरिष्ठ पत्रकार पंकज अरोड़ा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 2 नवंबर को करनाल में होने जा रही अमित शाह की रैली हरियाणा के लिए काफी अहम है. यह बीजेपी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में एक नई ऊर्जा भरने का काम करेगी, लेकिन फिलहाल यह नहीं कह सकते कि हरियाणा में बीजेपी का वोट बैंक बढ़ाने में वह कितनी सफल होते हैं. इस रैली के बाद ही अनुमान लगाया जा सकता है कि हरियाणा के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह क्या सौगात देकर जाते हैं. अगर वह हरियाणा को कई बड़ी सौगात देकर जाएंगे तो निश्चित ही हरियाणा में बीजेपी का वोट बैंक अवश्य बढ़ेगा, लेकिनअगर वे घोषणाएं नहीं करते हैं तो इससे हरियाणा में बीजेपी के वोट बैंक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

मुख्यमंत्री का जन संवाद कार्यक्रम दिखावा!: पंकज अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पिछले काफी समय से जन संवाद कार्यक्रम करते आ रहे हैं, जिसमें दिखाया जाता है कि वह लोगों की समस्याओं को सुनते हैं और उनका निदान करते हैं. असल में जिन लोगों को समस्याएं होती है उन लोगों को मुख्यमंत्री तक पहुंचने ही नहीं दिया जाता. इन कार्यक्रम में वही लोग मुख्यमंत्री जन संवाद करने के लिए जाते हैं जो यहां के नेताओं और अधिकारियों के चहेते होते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री को इस पर संज्ञान लेना चाहिए और जिन लोगों को सच में अपनी समस्याओं को मुख्यमंत्री तक पहुंचना है उनको खुले तौर पर आमंत्रित करना चाहिए.

'डिजिटलीकरण से लोग परेशान': राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार हरियाणा सरकार के द्वारा चाहे परिवार पहचान पत्र हो, चाहे पेंशन हो या फिर रजिस्ट्री के मामले हो या प्रॉपर्टी टैक्स भरने के मामले हो या कोई भी ऐसी योजना जो डिजिटल कर दी गई है. इन योजनाओं में डिजिटलकरण से लोग काफी परेशान हैं. प्रदेश के बहुत से लोगों को तो फोन तक चलाना नहीं आता तो वह इस डिजिटलीकरण में खुद को कैसे ढालेंगे. पूरे प्रदेश के लोग परिवार पहचान पत्र या प्रॉपर्टी टैक्स जैसे कामों से काफी परेशान हैं. इस पर सरकार को विचार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: Haryana BJP Mission 2024: बीजेपी ने तैयार किया हरियाणा फतह करने का प्लान, CM मनोहर लाल ने विधायकों के दिए ये निर्देश

अग्नि वीर शुरू करने से भी गिरा वोट बैंक!: वरिष्ठ पत्रकार पंकज अरोड़ा के अनुसार, भारतीय सेना में हर 9 सैनिकों में से एक हरियाणवी जवान होता है. जहां प्रदेश के युवा पहले खेलों में और सेना में जाने के लिए मेहनत करते थे, अब इसकी बजाय उन्होंने विदेश का रुख कर लिया है. इसलिए इस अग्नि वीर योजना का हरियाणा ही नहीं दूसरे राज्यों में भी बहुत ही ज्यादा प्रभाव बीजेपी के वोट बैंक पर पड़ेगा.

ऐसे वोट बैंक में होगी बढ़ोतरी!: वरिष्ठ पत्रकार के अनुसार, अगर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 2 नवंबर की होने वाली रैली में हरियाणा के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं करते हैं तो उनका वोट बैंक अवश्य बढ़ेगा. मौजूदा समय में हरियाणा में बीजेपी की स्थिति अच्छी नहीं है यह हर कोई जानता है. उसकी कई वजह भी है. 2024 का रण जीतने के लिए बीजेपी के बड़े नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को हरियाणा के लिए कई बड़ी सौगात देनी होगी जिसके चलते बीजेपी के वोट बैंक में बढ़ोतरी हो सकती है.

'BJP विधायक और सांसद नहीं बना पा रहे आमजन से जन संवाद': राजनीतिक जानकार कहते हैं 'बीजेपी की सबसे बड़ी कमी यह रही है कि वह आम लोगों के बीच में जाकर उनसे जनसंपर्क नहीं बना पाए जिसके चलते हर क्षेत्र में जनता विधायक से नाराज हुई है. हालांकि कुछ विधायकों ने जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू किया है, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है. यह कार्यक्रम विधायक बनने के तुरंत बाद ही उन्हें शुरू कर देना चाहिए था. अपने क्षेत्र में विकास कार्य करने के साथ-साथ लोगों की जन समस्याओं को भी सुना था और उनका निदान करना था.'

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Last Updated : Nov 2, 2023, 7:36 AM IST
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