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वायु प्रदूषण पर प्रशासन सख्त, करनाल में 62 किसानों पर केस दर्ज - वायु प्रदूषण पर प्रशासन सख्त

करनाल में बढ़ते प्रदूषण की समस्या पर करनाल प्रशासन सख्त हो गया है. प्रशासन ने सैटेलाइट की मदद से किसानों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही करीब 250 किसानों के नाम जिला प्रशासन के पास भेज दिए गए हैं, जिन पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.

air pollution in karnal
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Published : Nov 6, 2019, 2:38 PM IST

करनाल: हरियाणा में बढ़ रहे वायु प्रदुषण को देखते हुए सरकार अब सख्त हो गई है. जहां भी पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं. उन पर प्रशासन कार्रवाई करता दिखाई दे रहा है. करनाल जिले में सैटेलाइट के जरिए 876 जगहों पर पराली जलाने की जानकारी मिलने के बाद 835 जगहों को चिन्हित कर लिया गया है.

वायु प्रदूषण से परेशान लोग

इस समय करनाल की हवा पूरी तरह से प्रदूषित हो गई है. खुले में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. लोगों को खुले में जाने समय आंखों में जलन महसूस हो रही है. वहीं इस प्रदूषण से अस्पतालों में आंख और दमा के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. इस हवा में बच्चे और बुजुर्गों के लिए सांस लेना काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है. बीते 4 और 5 नवंबर को सरकार ने प्रदेश में स्कूली छुट्टी का ऐलान कर दिया था.

वायु प्रदूषण पर प्रशासन सख्त, करनाल में 62 किसानों पर केस दर्ज

किसानों पर दर्ज 62 केस

करनाल में सभी किसानों का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है. अब तक करनाल में 62 किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं करीब 250 किसानों की सूची जिला प्रशासन के पास भेजी गई है. जल्द ही इन किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें:-परेशान सरकार का ऐलान, पानीपत में पराली से बनेगा बायो डीजल

लोगों को किया जा रहा जागरूक
करनाल जिले में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कृषि विभाग काम कर रहा है. बावजूद इसके किसान जागरूकता के आभाव में अभी भी पराली जला रहे हैं. हालांकि पिछले साल की तुलना में पराली जलाने के मामलों में कमी दर्ज की गई है.

हरियाणा में वायु प्रदूषण

इस समय देश के सबसे 10 प्रदूषित शहरों में दो शहर हरियाणा के हैं, जिनमें जींद और सिरसा शामिल हैं. जींद और सिरसा के ग्रामीण इलाकों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. इन क्षेत्रों में पराली जलाने के मामले भी ज्यादा सामने आए हैं. वहीं करनाल भी पीछे नहीं है.

करनाल: हरियाणा में बढ़ रहे वायु प्रदुषण को देखते हुए सरकार अब सख्त हो गई है. जहां भी पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं. उन पर प्रशासन कार्रवाई करता दिखाई दे रहा है. करनाल जिले में सैटेलाइट के जरिए 876 जगहों पर पराली जलाने की जानकारी मिलने के बाद 835 जगहों को चिन्हित कर लिया गया है.

वायु प्रदूषण से परेशान लोग

इस समय करनाल की हवा पूरी तरह से प्रदूषित हो गई है. खुले में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. लोगों को खुले में जाने समय आंखों में जलन महसूस हो रही है. वहीं इस प्रदूषण से अस्पतालों में आंख और दमा के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. इस हवा में बच्चे और बुजुर्गों के लिए सांस लेना काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है. बीते 4 और 5 नवंबर को सरकार ने प्रदेश में स्कूली छुट्टी का ऐलान कर दिया था.

वायु प्रदूषण पर प्रशासन सख्त, करनाल में 62 किसानों पर केस दर्ज

किसानों पर दर्ज 62 केस

करनाल में सभी किसानों का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है. अब तक करनाल में 62 किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं करीब 250 किसानों की सूची जिला प्रशासन के पास भेजी गई है. जल्द ही इन किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें:-परेशान सरकार का ऐलान, पानीपत में पराली से बनेगा बायो डीजल

लोगों को किया जा रहा जागरूक
करनाल जिले में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कृषि विभाग काम कर रहा है. बावजूद इसके किसान जागरूकता के आभाव में अभी भी पराली जला रहे हैं. हालांकि पिछले साल की तुलना में पराली जलाने के मामलों में कमी दर्ज की गई है.

हरियाणा में वायु प्रदूषण

इस समय देश के सबसे 10 प्रदूषित शहरों में दो शहर हरियाणा के हैं, जिनमें जींद और सिरसा शामिल हैं. जींद और सिरसा के ग्रामीण इलाकों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. इन क्षेत्रों में पराली जलाने के मामले भी ज्यादा सामने आए हैं. वहीं करनाल भी पीछे नहीं है.

Intro:चंडीगढ़ आला अधिकारियों से मिले सख्त निर्देशो पर पराली जलाने मामले में जिला प्रशासन हुआ सख्त,करनाल जिले में सेट लाइट के जरिये 876 जगहों पर पराली जलाने की मिलीजानकारी,जिसमे से 835 जगहों को किया गया है चिन्हित, सभी का किया जा रहा है रिकॉर्ड तैयार,अभी तक 62 किसानों के खिलाफ किये जा चुके मामले दर्ज, लगभग ऐसे ही 250 किसानों की और सूची जिला प्रशासन को भेजी गई,बहुत जल्द उनके खिलाफ भी होंगे मामले दर्ज,पराली जलने के साथ ही दीपावली पर हुई आतिशबाजी का असर आसमान में साफ तौर पर दिखने को मिल रहा , प्रदूषण का स्तर बढ़ जाने से सबसे ज्यादा परेशानी दमा व् श्वांस के मरीजों को,आमजन आँखों में हो रही जलन की चपेट में ,फसल अवशेष (पराली) को आग लगाने वालों की सूचना देेने वाले व्यक्ति को कृषि विभाग देगा एक हजार रूपये की राशि का इनाम, नाम व पता रखा जाएगा गुप्त।

Body:खेतो में फसल अवशेषों को आग लगाने तथा ईंट भट्ठों की चिमनी से निकलने वाले धुएं से उत्पन्न प्रदूषण व स्मॉग से जहरीली हो चुकी हवा को देखते हुए सरकार अब दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के मूड में आ गई है। चिन्ता का सबब बन चुके इस मुद्ïदे को लेकर प्रदेश की मुख्य अधिकारी ने चंडीगढ़ से जिले के सभी उपायुक्तों के साथ विडियो कॉन्फ्रैंस कर उन्हें स्थिति से निपटने के लिए और अधिक प्रभावी कदम उठाने के निर्देश देकर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने को कहा। अधिकारियों से मिले सख्त निर्देशो पर पराली जलाने मामले में जिला प्रशासन सख्त हो चुका है। करनाल जिले में सेट लाइट के जरिये 876 जगहों पर पराली जलाने की जानकारी मिलने के बाद 835 जगहों को चिन्हित क्र लिया गया है। सभी का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। ,अभी तक 62 किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किये जा चुके। लगभग ऐसे ही 250 किसानों की और सूची जिला प्रशासन को भेजी गई है। बहुत जल्द उनके खिलाफ भी मामले दर्ज किये जाएंगे।

पराली जलने के साथ ही दीपावली पर हुई आतिशबाजी का असर आसमान में साफ तौर पर दिखने को मिल रहा , प्रदूषण का स्तर बढ़ जाने से सबसे ज्यादा परेशानी दमा व् श्वांस के मरीजों को,आमजन आँखों में हो रही जलन की चपेट मेंकरनाल हवा में प्रदूषण ,आसमान में स्मॉग दमा व् श्वांस के मरीजों को सास लेने में हो रही दिक्क्त ,इसके साथ ही आँखो व् नाक में जलन के मामले भी सामने आ रहे है। तेज हवा और बरसात होने से प्रदूषण का स्तर कम हो सकता है। लेकिन अभी तक बरसात होने की कोई भी संभावना नहीं दिख रही है।

Conclusion:करनाल जिले में पराली जलाने की घटनाओ को रोकने के लिए कृषि विभाग काम कर रहा है। बावजूद इसके किसान जागरूकता के आभाव में अभी भी पराली जला रहा है। हलाकि पिछले साल की तुलना पराली जलाने के मामलों में कमी दर्ज की गई है। इसके साथ दीपावली पर हुई आतिशबाजी से निकली जहरीली गैसे भी पर्यवरण में घूम रही है। पटाखों से सल्फर डाई ऑक्साइड ,कार्बन डाई ऑक्साइड नाइट्रोजन के साथ अधजले कार्बन के कण निकले। यह फिजा में घुलने से लोगो को परेशानी हुई है।

वही सुरेंदर आम नागरिक ने कहा की वातावरण प्रदूषित होने के कारण हमें सास लेने में काफी ज्यादा दिक्क्त हो रही है। प्रदूषण के कारण आखो में जलन व् नाक में जलन की समस्या भी बढ़ रही है !

बाईट - सुरेंदर आम नागरिक
बाईट - आदित्य डबास - उप कृषि निदेशक

note -- one file byte of deputy directer agriculture is on mojo,pls check
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