करनाल: हरियाणा में बढ़ रहे वायु प्रदुषण को देखते हुए सरकार अब सख्त हो गई है. जहां भी पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं. उन पर प्रशासन कार्रवाई करता दिखाई दे रहा है. करनाल जिले में सैटेलाइट के जरिए 876 जगहों पर पराली जलाने की जानकारी मिलने के बाद 835 जगहों को चिन्हित कर लिया गया है.
वायु प्रदूषण से परेशान लोग
इस समय करनाल की हवा पूरी तरह से प्रदूषित हो गई है. खुले में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. लोगों को खुले में जाने समय आंखों में जलन महसूस हो रही है. वहीं इस प्रदूषण से अस्पतालों में आंख और दमा के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. इस हवा में बच्चे और बुजुर्गों के लिए सांस लेना काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है. बीते 4 और 5 नवंबर को सरकार ने प्रदेश में स्कूली छुट्टी का ऐलान कर दिया था.
किसानों पर दर्ज 62 केस
करनाल में सभी किसानों का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है. अब तक करनाल में 62 किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं करीब 250 किसानों की सूची जिला प्रशासन के पास भेजी गई है. जल्द ही इन किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे.
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लोगों को किया जा रहा जागरूक
करनाल जिले में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कृषि विभाग काम कर रहा है. बावजूद इसके किसान जागरूकता के आभाव में अभी भी पराली जला रहे हैं. हालांकि पिछले साल की तुलना में पराली जलाने के मामलों में कमी दर्ज की गई है.
हरियाणा में वायु प्रदूषण
इस समय देश के सबसे 10 प्रदूषित शहरों में दो शहर हरियाणा के हैं, जिनमें जींद और सिरसा शामिल हैं. जींद और सिरसा के ग्रामीण इलाकों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. इन क्षेत्रों में पराली जलाने के मामले भी ज्यादा सामने आए हैं. वहीं करनाल भी पीछे नहीं है.