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राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान ने 100वें साल में किया प्रवेश, कृषि मंत्री बोले- जिले के 100 गांवों को गोद लें वैज्ञानिक

99 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल (national dairy research institute karnal) के शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर मुख्य अतिथि रहे.

national dairy research institute karnal
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Published : Jul 1, 2022, 7:53 PM IST

Updated : Jul 1, 2022, 8:09 PM IST

करनाल: राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल (national dairy research institute karnal) 99 साल का पूरा होकर 100वें साल में प्रवेश कर गया है. इस मौके पर करनाल में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (agriculture minister narendra tomar) मुख्य अतिथि रहे. इस मौके पर कृषि मंत्री ने संस्थान में ऑक्सीजन पार्क का उद्घाटन किया और संस्थान का दौरा कर गतिविधियों की जानकारी ली. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संस्थान के पशु फार्म का भी दौरा किया और विश्व के पहले क्लोन भैंसे और अब तक विकसित क्लोन पशुओं को देखा.

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसी भी संस्थान के जीवन में 99 वर्ष (national dairy research institute karnal centenary ceremony) पूरा होना एक खुशी का क्षण होता है. उन्होंने एनडीआरआई की जीवन यात्रा से जुड़े सभी वैज्ञानिकों कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों को याद करते हुए उनके योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि वर्तमान में अभी और चुनौतियां का समय है और इस दिशा में एनडीआरआई अच्छा काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि अनेक विधाओं को एनडीआरआई ने अब तक विकसित किया है और अपनी टेक्नोलॉजी दूसरों को दी है. जिसका फायदा सभी को मिल रहा है.

national dairy research institute karnal
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल ने 100वें साल में किया प्रवेश

कृषि मंत्री ने कहा कि संस्थान 100वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है. ये यात्रा सफलतापूर्वक पूरी हुई है, लेकिन जितना काम 99 वर्ष में हुआ है. उससे कई गुना ज्यादा काम आने वाले 10 वर्षों में करके कृषि और गांव की अर्थव्यवस्था को बल देना है. आगे इस लक्ष्य को लेकर काम करने की जरूरत है. उन्होंने उम्मीद जताई कि एनडीआरआई इस दिशा में काम करेगा और सफल होगा. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि देश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और उसमें निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक लाख करोड़ का आधारभूत संरचना फंड बनाया गया है. जिसमें से 9000 करोड़ बैंक द्वारा स्वीकृत कर दिए गए हैं.

एमएसपी पर सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया, जबकि वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार एमएसपी लागत पर 50 गुना मुनाफा देने का काम कर रही है. एमएसपी पर कमेटी के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार को अभी तक संयुक्त मोर्चा की तरफ से कोई नाम नहीं मिला है. किसानों की आय को दोगुना करने पर कृषि मंत्री ने कहा कि हम इस दिशा में काफी सफल हुए हैं और किसानों की आय में निरंतर वृद्धि हो रही है. उन्होंने कहा कि बदलती तकनीक और सरकारी प्रोत्साहन से युवा पीढ़ी कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में आ रही है. जो एक अच्छी बात है.

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कृषि मंत्री ने एनडीआरआई में आक्सीजन पार्क का उद्घाटन किया.

कृषि मंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत करनाल जिले के 100 गांवों को पशु वैज्ञानिक गोद लें और उन गांवों में पशुधन को बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रेरित करें और निरंतर विजिट करते रहें. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को चुनौतियों का डटकर सामना करते हुए, कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र को और बढ़ाना देना होगा. नई-नई तकनीक को किसानों तक पहुंचाना होगा ताकि आमदनी दोगुनी हो सके. इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने 100 साल की उपलब्धियों पर आधारित शताब्दी स्मारक स्तंभ का उद्घाटन कर राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दी.

एसवाईएल के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं जो राजनीतिक रूप से उठाए जाते हैं. ऐसे मामलों को तूल नहीं दिया जा सकता. वहीं इस मौके पर संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉक्टर धीर सिंह ने बताया कि संस्थान में पूरे विश्व में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है. करनाल का राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान दुधारू पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए लगातार अनुसंधान कर रहा है. इस कड़ी में संस्थान पिछले 99 सालों से लंबे समय में 120 डेयरी तकनीक विकसित कर चुका है और 2009 में संस्थान द्वारा दुधारू भैंस का क्लोन भी तैयार किया गया था.

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वैज्ञानिकों से मिलकर कृषि मंत्री ने एनडीआरआई में हो रही रिसर्च और काम की जानकारी ली.

उन्होंने कहा कि इसके बाद क्लोन की संख्या 20 से अधिक पहुंच चुकी है. इसके साथ संस्थान की ओर से दूध उत्पादन पर भी अनुसंधान लगातार किए जा रहे हैं. जिससे कि किसानों की आय अधिक हो सके. संयुक्त निदेशक धीर सिंह ने बताया कि संस्थान की ओर से शुद्ध सुगंधित दूर भी तैयार किया गया है. इसके साथ विश्व स्तर पर देसी घी का भी उत्पादन संस्थान द्वारा किया जा रहा है. इन सब के बीच खास बात ये है कि अनुसंधान संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके छात्र-छात्राएं देश और विदेश के अलग-अलग संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. बता दें कि करनाल राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान की स्थापना वर्ष 1923 जुलाई में की गई थी.

करनाल: राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल (national dairy research institute karnal) 99 साल का पूरा होकर 100वें साल में प्रवेश कर गया है. इस मौके पर करनाल में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (agriculture minister narendra tomar) मुख्य अतिथि रहे. इस मौके पर कृषि मंत्री ने संस्थान में ऑक्सीजन पार्क का उद्घाटन किया और संस्थान का दौरा कर गतिविधियों की जानकारी ली. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संस्थान के पशु फार्म का भी दौरा किया और विश्व के पहले क्लोन भैंसे और अब तक विकसित क्लोन पशुओं को देखा.

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसी भी संस्थान के जीवन में 99 वर्ष (national dairy research institute karnal centenary ceremony) पूरा होना एक खुशी का क्षण होता है. उन्होंने एनडीआरआई की जीवन यात्रा से जुड़े सभी वैज्ञानिकों कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों को याद करते हुए उनके योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि वर्तमान में अभी और चुनौतियां का समय है और इस दिशा में एनडीआरआई अच्छा काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि अनेक विधाओं को एनडीआरआई ने अब तक विकसित किया है और अपनी टेक्नोलॉजी दूसरों को दी है. जिसका फायदा सभी को मिल रहा है.

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राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल ने 100वें साल में किया प्रवेश

कृषि मंत्री ने कहा कि संस्थान 100वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है. ये यात्रा सफलतापूर्वक पूरी हुई है, लेकिन जितना काम 99 वर्ष में हुआ है. उससे कई गुना ज्यादा काम आने वाले 10 वर्षों में करके कृषि और गांव की अर्थव्यवस्था को बल देना है. आगे इस लक्ष्य को लेकर काम करने की जरूरत है. उन्होंने उम्मीद जताई कि एनडीआरआई इस दिशा में काम करेगा और सफल होगा. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि देश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और उसमें निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक लाख करोड़ का आधारभूत संरचना फंड बनाया गया है. जिसमें से 9000 करोड़ बैंक द्वारा स्वीकृत कर दिए गए हैं.

एमएसपी पर सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया, जबकि वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार एमएसपी लागत पर 50 गुना मुनाफा देने का काम कर रही है. एमएसपी पर कमेटी के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार को अभी तक संयुक्त मोर्चा की तरफ से कोई नाम नहीं मिला है. किसानों की आय को दोगुना करने पर कृषि मंत्री ने कहा कि हम इस दिशा में काफी सफल हुए हैं और किसानों की आय में निरंतर वृद्धि हो रही है. उन्होंने कहा कि बदलती तकनीक और सरकारी प्रोत्साहन से युवा पीढ़ी कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में आ रही है. जो एक अच्छी बात है.

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कृषि मंत्री ने एनडीआरआई में आक्सीजन पार्क का उद्घाटन किया.

कृषि मंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत करनाल जिले के 100 गांवों को पशु वैज्ञानिक गोद लें और उन गांवों में पशुधन को बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रेरित करें और निरंतर विजिट करते रहें. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को चुनौतियों का डटकर सामना करते हुए, कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र को और बढ़ाना देना होगा. नई-नई तकनीक को किसानों तक पहुंचाना होगा ताकि आमदनी दोगुनी हो सके. इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने 100 साल की उपलब्धियों पर आधारित शताब्दी स्मारक स्तंभ का उद्घाटन कर राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दी.

एसवाईएल के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं जो राजनीतिक रूप से उठाए जाते हैं. ऐसे मामलों को तूल नहीं दिया जा सकता. वहीं इस मौके पर संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉक्टर धीर सिंह ने बताया कि संस्थान में पूरे विश्व में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है. करनाल का राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान दुधारू पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए लगातार अनुसंधान कर रहा है. इस कड़ी में संस्थान पिछले 99 सालों से लंबे समय में 120 डेयरी तकनीक विकसित कर चुका है और 2009 में संस्थान द्वारा दुधारू भैंस का क्लोन भी तैयार किया गया था.

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वैज्ञानिकों से मिलकर कृषि मंत्री ने एनडीआरआई में हो रही रिसर्च और काम की जानकारी ली.

उन्होंने कहा कि इसके बाद क्लोन की संख्या 20 से अधिक पहुंच चुकी है. इसके साथ संस्थान की ओर से दूध उत्पादन पर भी अनुसंधान लगातार किए जा रहे हैं. जिससे कि किसानों की आय अधिक हो सके. संयुक्त निदेशक धीर सिंह ने बताया कि संस्थान की ओर से शुद्ध सुगंधित दूर भी तैयार किया गया है. इसके साथ विश्व स्तर पर देसी घी का भी उत्पादन संस्थान द्वारा किया जा रहा है. इन सब के बीच खास बात ये है कि अनुसंधान संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके छात्र-छात्राएं देश और विदेश के अलग-अलग संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. बता दें कि करनाल राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान की स्थापना वर्ष 1923 जुलाई में की गई थी.

Last Updated : Jul 1, 2022, 8:09 PM IST
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