करनाल: 2020-21 के लिए देश में 108 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. करनाल स्थित राष्ट्रिय गेहूं अनुसंधान संस्थान की नई किस्मों से एक बार फिर देश के भंडार भरेंगे. गेहूं की दो नई किस्मों से किसानों की आय में इजाफा होगा. इस बार प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर गेहूं की नई किस्में 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देंगी.
बता दें कि बिजाई से पहले संस्थान ने किसानों के लिए की एडवाइजरी जारी कर दी है. संस्थान के निदेशक ने कहा कि क्षेत्र के हिसाब से करे. पिछली बार 105 मिलियन टन गेहूं उत्पादन के साथ रिकार्ड कायम करने वाले वाले करनाल स्थित राष्ट्रीय गेहूं अनुसंधान संस्थान ने वर्ष इस बार 108 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके संस्थान ने गेहूं की ऐसी अनेक किस्में विकसित कर किसानों तक पहुंचाई हैं, जो न केवल अधिक पैदावार देने में सक्षम है बल्कि बीमारी रोधी भी हैं. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है की जो लक्ष्य हमने निर्धारित किया है. उससे बेहतर उत्पादन लेने में हम सफल होंगे.
किसानों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए उन्होंने कहा कि बिजाई का समय शुरू हो चुका है. किसानों को बीज का चयन करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है. किसान वैज्ञानिकों द्वारा विकसित डीबीडब्ल्यू 187, 222 और 3086 जैसी किस्मों का ही प्रयोग करें. इसके अलावा वैज्ञानिक विधि से ही खेत की जुताई व खाद का प्रयोग करेंगे तो उन्हें निश्चित रूप से ज्यादा पैदावार मिलेगी और लाभ होगा.
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उन्होंने कहा कि ये समय बुवाई के बिलकुल उपयुक्त है. देर होने से नुकसान की सम्भावना है. डॉ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संस्थान द्वारा विकसित दो नई किस्मों डीबीडब्ल्यू 303 और डीबीडब्ल्यू 48 को रिलीज किया है, जिन्हे जल्द किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा.