करनाल: हिन्दी पंचांग, बुधवार यानी 25 जनवरी. हिन्दू पंचांग का ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है. इसमें समय के हिन्दू इकाइयों वार, तिथि, नक्षत्र, करण, योग आदि का उपयोग होता है. पंचांग में तिथि, शुभ, अशुभ, दिशा शूला, चंद्रबल और ताराबल आदि की गणना की जाती है. आइये जानते हैं आज 25 जनवरी 2023 दिन बुधवार का पंचांग क्या कहता है. आज 25 जनवरी 2023 बुधवार का दिन है. माघ मास की शुक्ल पक्ष चतुर्थी दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक है, उसके बाद पञ्चमी है. सूर्य- मकर राशि में प्रवेश योग-शिव, करण-विष्टि, बव और बालव है, आज का दिन बहुत ही शुभ फलदायक है.
सूर्योदय और सूर्यास्त व चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय: आज सूर्योदय का समय सुबह 7:13 बजे है. वहीं, सूर्यास्त का समय शाम 6:04 बजे है. वहीं, आज चंद्रोदय और चंद्रास्त का समय
भी कुछ इस प्रकार है. आज चन्द्रोदय सुबह 9:56 बजे (25 जनवरी) है. वहीं, चन्द्रास्त रात 10:01 बजे (25 जनवरी) है. वहीं, आज सूर्य, मकर राशि में रहेगा और चन्द्रमा कुंभ राशि उपरांत मीन राशि में प्रवेश करेगा.
आज का शुभ मुहूर्त: आज अभिजीत मुहूर्त नहीं है. अमृत काल दोपहर 12:43 से दोपहर 2:11 तक रहेगा. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:37 से 06:25 बजे तक रेहगा. विजय मुहूर्त दोपरहर 1:58 से 2:41 बजे तक रहेगा. गोधूलि मुहूर्त शाम 5:24 बजे से 5:48 बजे तक रहेगा. निशिता काल रात्रि 11:35 से 26 जनवरी, 12:28 बजे तक रहेगा. चतुर्थी तिथि आज दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. परिघ योग आज शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. वहीं, रवियोग आज रात 8 बजकर 5 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र आज रात 8 बजकर 5 मिनट तक रहेगा.
वहीं, आज विक्रम संवत- 2079, राक्षस. शक संवत- 1944, शुभकृत. पूर्णिमांत - माघ और अमांत - माघ है. आज शुक्ल पक्ष चतुर्थी 24 जनवरी दोपहर 3:22 बजे से 25 जनवरी दोपहर 12:34 बजे तक है. वहीं, शुक्ल पक्ष पंचमी आज यानी 25 जनवरी दोपहर 12:34 बजे से 26 जनवरी सुबह 10:28 बजे तक है. पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र 24 जनवरी रात 9:58 बजे से 25 जनवरी रात 8:05 बजे तक है. वहीं, उत्तरभाद्रपदा नक्षत्र 25 जनवरी रात 8:05 बजे से 26 जनवरी सुबह 6:56 बजे तक है.
क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य: वैदिक ज्योतिष के अनुसार आज का पंचांग दैनिक हिंदू कैलेंडर ही है जो आज की तिथि के बारे में बताता है और इसके बीच शुभ और अशुभ समय की जानकारी देता है. यह विजय विश्व पंचांग पर आधारित है, जो पंचांग में सबसे दुर्लभ है, जिसका उपयोग विशेषज्ञ ज्योतिषियों द्वारा सैकड़ों वर्षों से किया जा रहा है. दैनिक पंचांग के माध्यम से, आप एक शुभ कार्य या एक नया उद्यम शुरू करने के लिए सबसे उपयुक्त समय निर्धारित करने के लिए समय, तिथि और दिन के बारे में सभी तरह की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और सभी नकारात्मक प्रभावों और अनावश्यक परेशानियों को दूर कर सकते हैं.
पंचांग या पंचागम हिन्दू कैलेंडर है जो भारतीय वैदिक ज्योतिष में दर्शाया गया है. पंचांग मुख्य रूप से 5 अवयवों का गठन होता है, अर्थात् तिथि, वार, नक्षत्र, योग एवं करण. पंचांग मुख्य रूप से सूर्य और चन्द्रमा की गति को दर्शाता है. हिन्दू धर्म में हिन्दी पंचांग के परामर्श के बिना शुभ कार्य जैसे शादी, नागरिक सम्बन्ध, महत्वपूर्ण कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह, परीक्षा, साक्षात्कार, नया व्यवसाय या अन्य किसी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते.
प्राचीन ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देता है और व्यक्ति को उसके कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है. हिन्दू दैनिक पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके उपयोग से व्यक्ति को तिथि, योग और शुभ-अशुभ समयों में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है. जिससे हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकते हैं और अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं.
क्या है कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष?: ज्योतिषी लोगों को सुझाव देते हैं कि वे अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें. हिन्दू तिथि चंद्र दिवस या सूर्य और चंद्रमा के बीच अनुदैर्ध्य कोण द्वारा 12 डिग्री तक बढ़ने का समय है. ये चंद्र दिवस अवधि में भिन्न हो सकते हैं और 21.5 घंटे से 26 घंटे के बीच भिन्न-भिन्न हो सकते हैं. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, एक चंद्र माह में 30 तिथि या पूर्ण चंद्र दिवस होते हैं. इन्हें आगे इन्हें 2 पक्ष या चंद्र चरणों में विभाजित किया गया है, जिन्हें 'कृष्ण पक्ष' और 'शुक्ल पक्ष' कहा जाता है. प्रत्येक पक्ष में 15 तिथियां होती हैं.
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