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गेहूं खरीदः सरकार-आढ़ती की लड़ाई में पिस रहे किसान - KARNAL

आढ़तियों की हड़ताल के चलते किसान परेशान हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि उनकी फसल ट्रॉली में भरी हुई खड़ी है और उनके पास घर में फसल रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है.

गेहूं की ऑनलाइन खरीद के विरोध में हड़ताल पर आढ़ती
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Published : Apr 11, 2019, 10:31 AM IST

Updated : Apr 11, 2019, 10:51 AM IST

करनालः गेहूं की ऑनलाइन खरीद के विरोध में पूरे प्रदेश भर के आढ़ती हड़ताल कर रहे हैं. सरकार के फैसले से नाराज आढ़ती मंडी में खरीद बंद कर हड़ताल कर रहे हैं. आढ़तियों का कहना है कि सरकार यदि उनकी मांगे नहीं मानती है तो वो 15 अप्रैल को करनाल में रैली करेंगे, जिसमें प्रदेश भर के आढ़ती शामिल होंगे.

आढ़ती लंबे वक्त से ई-ट्रेडिंग का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि ई-ट्रेडिंग से उनका कारोबार खत्म हो जाएगा और वो बेरोजगार हो जाएंगे.

ऑनलाइन खरीद का विरोध कर रहे व्यापारी और किसान.


आढ़तियों का कहना है कि किसान को दिया जाने वाला फॉर्म जे पहले हाथ से भर कर दिया जाता था. लेकिन अब सरकार कह रही है कि किसानों और सरकार को दी जाने वाली रसीद कंप्यूटर से निकली हुई होनी चाहिए. इसके लिए अब उन्हें अलग से मैन पावर रखनी होगी.


आढ़तियों का कहना है कि आढ़ती और किसान का लम्बे समय से लेन देन चल रहा है, किसी भी किसान को आढ़तीयों से कोई भी शिकायत नहीं है, फिर भी सरकार ई-ट्रेडिंग से फसल खरीदने का दबाव डाल रही है.


आढ़तियों की हड़ताल के चलते किसान परेशान हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि उनकी फसल ट्रॉली में भरी हुई खड़ी है और उनके पास घर में फसल रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है.

करनालः गेहूं की ऑनलाइन खरीद के विरोध में पूरे प्रदेश भर के आढ़ती हड़ताल कर रहे हैं. सरकार के फैसले से नाराज आढ़ती मंडी में खरीद बंद कर हड़ताल कर रहे हैं. आढ़तियों का कहना है कि सरकार यदि उनकी मांगे नहीं मानती है तो वो 15 अप्रैल को करनाल में रैली करेंगे, जिसमें प्रदेश भर के आढ़ती शामिल होंगे.

आढ़ती लंबे वक्त से ई-ट्रेडिंग का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि ई-ट्रेडिंग से उनका कारोबार खत्म हो जाएगा और वो बेरोजगार हो जाएंगे.

ऑनलाइन खरीद का विरोध कर रहे व्यापारी और किसान.


आढ़तियों का कहना है कि किसान को दिया जाने वाला फॉर्म जे पहले हाथ से भर कर दिया जाता था. लेकिन अब सरकार कह रही है कि किसानों और सरकार को दी जाने वाली रसीद कंप्यूटर से निकली हुई होनी चाहिए. इसके लिए अब उन्हें अलग से मैन पावर रखनी होगी.


आढ़तियों का कहना है कि आढ़ती और किसान का लम्बे समय से लेन देन चल रहा है, किसी भी किसान को आढ़तीयों से कोई भी शिकायत नहीं है, फिर भी सरकार ई-ट्रेडिंग से फसल खरीदने का दबाव डाल रही है.


आढ़तियों की हड़ताल के चलते किसान परेशान हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि उनकी फसल ट्रॉली में भरी हुई खड़ी है और उनके पास घर में फसल रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है.

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Last Updated : Apr 11, 2019, 10:51 AM IST
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