कैथल: गेहूं के फसल अवशेष जलाने वाले किसानों की अब खैर नहीं है जिला कृषि विभाग की तरफ से स्पेशल टीम गठित कर दी गई है यह टीम गांव गांव जाकर खेतों का निरीक्षण करेगी. अगर कोई आग मामला सामने आता है तो आग लगाने वाले किसान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी कृषि विभाग.
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कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचंद ने बताया कि फसल अवशेष ना जलाकर पर्यावरण संरक्षण को बचाया जा सकता है वायु प्रदूषण होता है जिससे सांस संबंधी रोग बढ़ने का खतरा रहता है फसल के अवशेष को हल से मिट्टी में मिला दें जिससे एक कार्बनिक क्षमता बढ़ेगी.
उन्होंने कहा कि गेहूं के अवशेषों को स्ट्रा रीपर से भूसा बनाकर अपने पशुओं के लिए भंडारण कर सकते हैं खेतों में अवशेषों को मिलाकर कार्ड के रूप में प्रयोग कर सकते हैं इससे जमीन की उर्वरता शक्ति अच्छी रहेगी और खेतों में पैदावार बढ़ेगी.
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