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कैथल: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एसपी शशांक कुमार सावन को किया सम्मानित

झज्जर में नाबालिग बच्ची से दूराचार मामले में त्वरित व बेहतर अनुसंधान करके दोषी को जेल भेजने के मामले में तत्कालीन एसपी झज्जर व वर्तमान एसपी कैथल शशांक कुमार सावन को भारत सरकार ने सम्मानित किया है.

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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एसपी शशांक कुमार सावन को किया सम्मानित
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Published : Aug 12, 2020, 10:48 PM IST

कैथल: केंद्रीय गृह मंत्रालय भारत सरकार ने पूरे देश में पुलिस विभाग में त्वरित कार्रवाई के दौरान उत्कृष्ट अनुसंधान करके दोषियों को जेल की सलाखों पीछे पहुंचाने वाले कुछ अनुसंधान अधिकारियों को सम्मानित किया है. जिनमें अनुसुचित वर्ग की एक नाबालिगा के साथ दुराचार करने के मामले में उत्कृष्ट जांच करके चंद दिनों में माननीय न्यायालय की मार्फत आरोपी को उम्रकैद और 30 हजार रुपये जुर्माना की सजा करवाने के मामले में पुलिस अधीक्षक कैथल शशांक कुमार सावन (तत्कालीन एसपी झज्जर) को भी केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सम्मानित किया गया है. बुधवार को सभी थाना प्रबंधक, चौकी प्रभारियों ने अपने कप्तान पर गर्व महसूस करते हुए बधाईयां दी. इस दौरान जिले के बुद्धिजिवी नागरिकों ने भी एएसपी को बधाई दी.

पुलिस प्रवक्ता ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सितंबर 2018 में मूल रूप से उत्तर प्रदेश से संबध रखने वाले एक व्यक्ति मजदूरी का धंधा करके किराए के मकान में रहकर गुजर-बसर कर रहा था. उसने थाना शहर बहादुरगढ़ जिला झज्जर में शिकायत देते हुए बताया था कि उसकी दो बेटियां है. उसी मकान की एक अन्य मंजिल पर रहने वाले आरोपी द्वारा उसकी 6 वर्षीय मासुम बेटी के साथ जबरन दुराचार की वारदात को अंजाम दिया गया.

दर्ज हुए मामले की संगीनता को देखते हुए अभियोग की जांच तत्कालीन एएसपी झज्जर शशांक कुमार सावन आईपीएस (हाल एसपी कैथल) के सुपूर्द की गई थी. एसपी ने पिड़ित परिवार को तत्काल न्याय दिलाने के उद्देश्य से निजी रूप से विशेष रुची लेते हुए केस को अपने हाथ में ले लिया. एसपी ने आधुनिकतम तकनीकी विधियों का उपयोग करते हुए आरोपी को गिरफ्तार करके मात्र 6 दिन में ही अभियोग की जांच व गहनता से तहकीकात पूरी करके ठोस साक्ष्य जुटाकर मामला न्यायालय के सुपूर्द कर दिया. जिसकी सुनवाई के दौरान एएसपी शशांक कुमार सावन द्वारा कठोर पैरवी की गई.

पुलिस द्वारा जुटाए गए ठोस साक्ष्य व गवाहों को देखते हुए उस मामले में आरोपी नवल किशोर को एएसजे सुधीर जीवन की माननीय अदालत ने मात्र 10 महीने की गई सुनवाई के बाद भादसं. की धारा 376 और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(V) व पॉस्को एक्ट की धारा 6 के तहत कठोर आजीवन कारावास व 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. मामले की आधुनिकतम तकनीक की मदद से की गई उत्कृष्ट जांच व जुटाए गये ठोस साक्ष्यों की मार्फत पिड़ित पक्ष को अदालत से तुरंत न्याय दिलाने चलते पूरे भारत से चुने गए चुनिंदा जांच अधिकारियों में शामिल पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सम्मानित किया गया है.

ये भी पढ़ें: चीन का हवाला रैकेट: गुरुग्राम में भी चीनी नागरिक के घर पड़ा छापा

कैथल: केंद्रीय गृह मंत्रालय भारत सरकार ने पूरे देश में पुलिस विभाग में त्वरित कार्रवाई के दौरान उत्कृष्ट अनुसंधान करके दोषियों को जेल की सलाखों पीछे पहुंचाने वाले कुछ अनुसंधान अधिकारियों को सम्मानित किया है. जिनमें अनुसुचित वर्ग की एक नाबालिगा के साथ दुराचार करने के मामले में उत्कृष्ट जांच करके चंद दिनों में माननीय न्यायालय की मार्फत आरोपी को उम्रकैद और 30 हजार रुपये जुर्माना की सजा करवाने के मामले में पुलिस अधीक्षक कैथल शशांक कुमार सावन (तत्कालीन एसपी झज्जर) को भी केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सम्मानित किया गया है. बुधवार को सभी थाना प्रबंधक, चौकी प्रभारियों ने अपने कप्तान पर गर्व महसूस करते हुए बधाईयां दी. इस दौरान जिले के बुद्धिजिवी नागरिकों ने भी एएसपी को बधाई दी.

पुलिस प्रवक्ता ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सितंबर 2018 में मूल रूप से उत्तर प्रदेश से संबध रखने वाले एक व्यक्ति मजदूरी का धंधा करके किराए के मकान में रहकर गुजर-बसर कर रहा था. उसने थाना शहर बहादुरगढ़ जिला झज्जर में शिकायत देते हुए बताया था कि उसकी दो बेटियां है. उसी मकान की एक अन्य मंजिल पर रहने वाले आरोपी द्वारा उसकी 6 वर्षीय मासुम बेटी के साथ जबरन दुराचार की वारदात को अंजाम दिया गया.

दर्ज हुए मामले की संगीनता को देखते हुए अभियोग की जांच तत्कालीन एएसपी झज्जर शशांक कुमार सावन आईपीएस (हाल एसपी कैथल) के सुपूर्द की गई थी. एसपी ने पिड़ित परिवार को तत्काल न्याय दिलाने के उद्देश्य से निजी रूप से विशेष रुची लेते हुए केस को अपने हाथ में ले लिया. एसपी ने आधुनिकतम तकनीकी विधियों का उपयोग करते हुए आरोपी को गिरफ्तार करके मात्र 6 दिन में ही अभियोग की जांच व गहनता से तहकीकात पूरी करके ठोस साक्ष्य जुटाकर मामला न्यायालय के सुपूर्द कर दिया. जिसकी सुनवाई के दौरान एएसपी शशांक कुमार सावन द्वारा कठोर पैरवी की गई.

पुलिस द्वारा जुटाए गए ठोस साक्ष्य व गवाहों को देखते हुए उस मामले में आरोपी नवल किशोर को एएसजे सुधीर जीवन की माननीय अदालत ने मात्र 10 महीने की गई सुनवाई के बाद भादसं. की धारा 376 और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(V) व पॉस्को एक्ट की धारा 6 के तहत कठोर आजीवन कारावास व 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. मामले की आधुनिकतम तकनीक की मदद से की गई उत्कृष्ट जांच व जुटाए गये ठोस साक्ष्यों की मार्फत पिड़ित पक्ष को अदालत से तुरंत न्याय दिलाने चलते पूरे भारत से चुने गए चुनिंदा जांच अधिकारियों में शामिल पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सम्मानित किया गया है.

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