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कैथल: नीलम यूनिवर्सिटी से सामने आया बड़ा घोटाला, स्कॉलरशिप के नाम पर सरकार से वसूले गए करोड़ों ! - नीलम यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप घोटाला

नीलम यूनिवर्सिटी में एससी वर्ग के छात्रों का दाखिला दिखाकर सरकार से छात्रवृत्ति वसूली गई. अंबाला विजिलेंस ने पूछताछ के बाद दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है.

scholarship scam in neelam university of kaithal
नीलम यूनिवर्सिटी से सामने आया बड़ा घोटाला
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Published : Dec 28, 2019, 9:56 PM IST

कैथल: जिले की जानमानी नीलम यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप घोटाला सामने आया है. नीलम यूनिवर्सिटी में एससी वर्ग के छात्रों के दाखिले के नाम पर सरकार से 5.26 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति वसूल ली गई, जबकि ये राशि छात्रों को नहीं मिली.

स्कॉलरशिप देने के नाम पर बड़ा घोटाला
इस मामले की जांच कर रही अंबाला विजिलेंस की टीम ने दो आरोपियों विकास और विमल को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि आरोपियों ने 2013-14 में एससी वर्ग के करीब 598 छात्रों का दाखिला कराया और सरकार से स्कॉलरशिप वसूली. घोटाले के इस खेल में कई अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं. जिनके नाम जांच के बाद ही सामने आ पाएंगे.

दो आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
दोनों आरोपियों की पहचान कैथल निवासी विमल व विकास के तौर पर हुई है जो कि यूनिवर्सिटी के लिए स्टूडेंट उपलब्ध करवाने की एवज में कमीशन लिया करते थे. इन्होंने यूनिवर्सिटी के दाखिलों के लिए अंबाला में भी अपना सेंटर खोला था.

2015 में की गई थी शिकायत
जानकारी के मुताबिक 2013-14 में एससी वर्ग के छात्रों का दाखिला नीलम यूनिवर्सिटी में कराया गया और सरकार से दाखिले के नाम पर स्कॉरलशिप हासिल की गई. 2015 में सरकार को घोटाले की शिकायत मिली. जिसके बाद अंबाला की विजिलेंस टीम को जांच सौंपी गई. जांच में कई चौकाने वाले खुलासे सामने आए. जांच में सामने आया कि छात्रों से आधारकार्ड, 12वीं का प्रमाणपत्र आदि दस्तावेज लेकर बैंक में खाता खुलवाया गया. इन छात्रों की स्कॉलरशिप सीधे बैंक में आने लगी.

ये भी पढ़िए: साल 2019 में रही ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी, कितनों का छिना निवाला? रिपोर्ट

छात्रों से की गई थी पूछताछ

बाद में शपथपत्र बैंक को देकर कहा गया कि ये पैसा यूनिवर्सिटी के खाते में जमा करा दिया जाए. विजिलेंस ने जांच में 300 छात्रों को पूछताछ के लिए बुलाया. छात्रों ने पूछताछ में बताया कि बैंक में उन्होंने न तो कोई शपथपत्र दिया और न खाता खुलवाया है. छात्रों ने पूछताछ में बताया कि स्कॉलरशिप के पैसे उन्हें नहीं मिले हैं. छात्रों के बयान और मिली जानकारी के बाद अंबाला विजिलेंस ने एक अगस्त 2018 को मुकदमा दर्ज किया. जिसके बाद अब जाकर मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

कैथल: जिले की जानमानी नीलम यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप घोटाला सामने आया है. नीलम यूनिवर्सिटी में एससी वर्ग के छात्रों के दाखिले के नाम पर सरकार से 5.26 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति वसूल ली गई, जबकि ये राशि छात्रों को नहीं मिली.

स्कॉलरशिप देने के नाम पर बड़ा घोटाला
इस मामले की जांच कर रही अंबाला विजिलेंस की टीम ने दो आरोपियों विकास और विमल को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि आरोपियों ने 2013-14 में एससी वर्ग के करीब 598 छात्रों का दाखिला कराया और सरकार से स्कॉलरशिप वसूली. घोटाले के इस खेल में कई अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं. जिनके नाम जांच के बाद ही सामने आ पाएंगे.

दो आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
दोनों आरोपियों की पहचान कैथल निवासी विमल व विकास के तौर पर हुई है जो कि यूनिवर्सिटी के लिए स्टूडेंट उपलब्ध करवाने की एवज में कमीशन लिया करते थे. इन्होंने यूनिवर्सिटी के दाखिलों के लिए अंबाला में भी अपना सेंटर खोला था.

2015 में की गई थी शिकायत
जानकारी के मुताबिक 2013-14 में एससी वर्ग के छात्रों का दाखिला नीलम यूनिवर्सिटी में कराया गया और सरकार से दाखिले के नाम पर स्कॉरलशिप हासिल की गई. 2015 में सरकार को घोटाले की शिकायत मिली. जिसके बाद अंबाला की विजिलेंस टीम को जांच सौंपी गई. जांच में कई चौकाने वाले खुलासे सामने आए. जांच में सामने आया कि छात्रों से आधारकार्ड, 12वीं का प्रमाणपत्र आदि दस्तावेज लेकर बैंक में खाता खुलवाया गया. इन छात्रों की स्कॉलरशिप सीधे बैंक में आने लगी.

ये भी पढ़िए: साल 2019 में रही ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी, कितनों का छिना निवाला? रिपोर्ट

छात्रों से की गई थी पूछताछ

बाद में शपथपत्र बैंक को देकर कहा गया कि ये पैसा यूनिवर्सिटी के खाते में जमा करा दिया जाए. विजिलेंस ने जांच में 300 छात्रों को पूछताछ के लिए बुलाया. छात्रों ने पूछताछ में बताया कि बैंक में उन्होंने न तो कोई शपथपत्र दिया और न खाता खुलवाया है. छात्रों ने पूछताछ में बताया कि स्कॉलरशिप के पैसे उन्हें नहीं मिले हैं. छात्रों के बयान और मिली जानकारी के बाद अंबाला विजिलेंस ने एक अगस्त 2018 को मुकदमा दर्ज किया. जिसके बाद अब जाकर मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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कैथल की नीलम यूनिवर्सिटी में हुए करीब सवा पांच करोड़ के स्कॉलरशिप घोटाले में गुरुवार को अम्बाला विजिलेंस ने अम्बाला से दो दलालों को गिरफ्तार किया है।Body: दोनों दलाल यूनिवर्सिटी में हुए घोटाले को लेकर अम्बाला विजिलेंस थाना में साल 2018 में दर्ज मामले में वांछित थे ।आरोपियों की पहचान कैथल निवासी विमल व विकास के तौर पर हुई है जो कि यूनिवर्सिटी के लिए स्टूडेंट उपलब्ध करवाने की एवज में कमीशन लिया करते थे। इन्होंने यूनिवर्सिटी के दाखिलों के लिए अम्बाला में भी अपना सेंटर खोला हुआ था। विजिलेंस एसपी सुरेश कौशिक के मुताबिक दोनों को शुक्रवार सुबह कैथल कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की जाएगी। हालांकि दोनों ने प्रारंभिक पूछताछ में कबूला है की वह यूनिवर्सिटी में हुए इस घोटाले के लिए स्टूडेंट उपलब्ध करवाते रहे हैं। विकास ने कबूला है कि उसने यूनिवर्सिटी को करीब 17 स्टूडेंट उपलब्ध करवाए जबकि विमल ने 25 विद्यार्थियों का दाखिला करवाने की एवज में कमीशन लेना कबूला है। जानकारी के मुताबिक साल 2013 -14 व 2015 16 के लिए सरकार ने यूनिवर्सिटी को करीब करोड़ रुपए कि स्कॉलरशिप अनुसूचित जाति से संबंधित विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध करवाई थी। हालांकि यूनिवर्सिटी ने इस घोटाले को अंजाम देते हुए ऐसे विद्यार्थियों को लालच दिया कि उनकी डिग्री या तो बहुत कम फीस में कराई जाएगी या फिर बिल्कुल मुफ्त करा दी जाएगी। ज्यादातर विद्यार्थियों के महज डॉक्यूमेंट ही जमा हुए और इन डाक्यूमेंट्स पर कराये दाखिलों से उनकी स्कॉलरशिप यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इन दलालों से सांठ-गांठ कर डकार ली। इन एजेंटों को प्रति केस 3 से 5000 रुपए तक मिला करते थे। मामला तब बिगड़ गया जब एजेंटों को उनके हिस्से की रकम मिलना बंद हो गई। मामला विजिलेंस तक पहुंच गया विजिलेंस जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ और जांच उपरांत 1 अगस्त 2018 में अम्बाला विजिलेंस थाना में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। विजिलेंस ने इस मामले में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, रजिस्ट्रार और प्रचार का जिम्मा संभाल रहे अधिकारी समेत दलालों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। Conclusion:जानकारी मुताबिक विजिलेंस ने प्रचार डायरेक्टर व दो दलालों को गिरफ्तार कर लिया था जिन्होंने करीब 916 विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप में घपलेबाजी को कबूला। विजिलेंस ने गुरुवार को जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया वे इस मामले से जुड़े रहे हैं और लंबे समय से इनकी तलाश थी।
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