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कैथल अनाज मंडी में किसानों को नहीं मिल रहा उचित दाम, देखें रिपोर्ट

ईटीवी भारत की टीम कैथल अनाज मंडी पहुंची और किसानों से बात की. किसानों ने बताया कि उनकी फसल को तय दामों से कम में खरीदा जा रहा है. साथ ही मंडी में धान के रखरखाव की उचित व्यवस्था नहीं की गई है.

kaithal mandi
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Published : Nov 12, 2019, 9:39 PM IST

कैथल: इस समय किसानों की धान की कटाई का समय चल रहा है. मोटा धान लगभग सभी किसानों का खत्म हो चुका है. अब बारीक धान की किस्में अनाज मंडी में आ रही है. ईटीवी भारत की टीम कैथल अनाज मंडी पहुंची और वहां पर किसानों की हालत जानने की कोशिश की. साथ ही ये भी जानने की कोशिश की कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल पा रहा है या नहीं, उनके धान को रखने के पुख्ता प्रबंध मंडी प्रशासन की ओर से किए गए हैं या नहीं.

MSP से कम मिल रहे रेट
इस समय बासमती धान मंडी में आ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने किसानों से बात की तो किसानों ने कहा कि किसानों का बारीक धान बिक तो समय पर रहा है, लेकिन उनको फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. बासमती धान के रेट में 1 हजार रूपये से लेकर 2 हजार रूपये की कमी आई है. इस बार बासमती धान 1121 किस्म लगभग 25 सौ रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है, जबकि ये ही धान पिछले साल करीब 35 सौ रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा था.

कैथल अनाज मंडी में किसानों को नहीं मिल रहा उचित दाम, देखें रिपोर्ट

कम दाम पर धान बेचने के लिए मजबूर किसान
किसानों का कहना है कि हमें अपने धान मजबूरी में कम दाम पर बेचने पड़ रहे हैं, किसानों के पास इतने संसाधन नहीं हैं, जिससे कि वो अपनी अगली फसल तैयार कर सकें. मजबूरन औने पौने दामों पर अपनी धान की फसल बेचनी पड़ रही है.

कैसे होगी किसान की आय दोगुनी?
एक ओर सरकार दावा कर रही है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देगी, लेकिन इन हालातों को देखकर नहीं लगता कि किसानों की आय दोगुनी होगी. किसानों को न तो उनकी फसल का उचित दाम मिल पा रहा है और न ही सरकार उनकी कोई मदद कर रही है. किसानों को मंडी से जो भाव मिल रहा है उससे उनकी लागत भी नहीं निकल रही है.

वाहनों से कुचले जा रहे धान
वहीं मंडी का हाल भी बहुत खस्ता है. चारों ओर मंडी में गंदगी पड़ी है. किसानों के धान रखने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है. पराली जलाने के मामले को लेकर किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रहे हैं, लेकिन मंडियों में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. मंडी में किसानों का धान वाहनों से कुचला जा रहा है और किसान खुले में रात बिताने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें:-धान के भाव को लेकर मायूस किसान, बोले- 'नहीं निकल रहा खर्च'

धान के दाम तय करता अंतर्राष्ट्रीय बाजार
इस पर मार्केट कमेटी के चेयरमैन राजपाल तंवर का कहना है कि प्यार धान लगभग खत्म हो चुका है. अभी बारीक धान मंडी में आ रहा है. बारीक धान का भाव अंतर्राष्ट्रीय बाजार तय करता है. धान के भाव कम नहीं हैं. किसानों को ठीक भाव मिल रहे हैं.

कैथल: इस समय किसानों की धान की कटाई का समय चल रहा है. मोटा धान लगभग सभी किसानों का खत्म हो चुका है. अब बारीक धान की किस्में अनाज मंडी में आ रही है. ईटीवी भारत की टीम कैथल अनाज मंडी पहुंची और वहां पर किसानों की हालत जानने की कोशिश की. साथ ही ये भी जानने की कोशिश की कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल पा रहा है या नहीं, उनके धान को रखने के पुख्ता प्रबंध मंडी प्रशासन की ओर से किए गए हैं या नहीं.

MSP से कम मिल रहे रेट
इस समय बासमती धान मंडी में आ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने किसानों से बात की तो किसानों ने कहा कि किसानों का बारीक धान बिक तो समय पर रहा है, लेकिन उनको फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. बासमती धान के रेट में 1 हजार रूपये से लेकर 2 हजार रूपये की कमी आई है. इस बार बासमती धान 1121 किस्म लगभग 25 सौ रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है, जबकि ये ही धान पिछले साल करीब 35 सौ रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा था.

कैथल अनाज मंडी में किसानों को नहीं मिल रहा उचित दाम, देखें रिपोर्ट

कम दाम पर धान बेचने के लिए मजबूर किसान
किसानों का कहना है कि हमें अपने धान मजबूरी में कम दाम पर बेचने पड़ रहे हैं, किसानों के पास इतने संसाधन नहीं हैं, जिससे कि वो अपनी अगली फसल तैयार कर सकें. मजबूरन औने पौने दामों पर अपनी धान की फसल बेचनी पड़ रही है.

कैसे होगी किसान की आय दोगुनी?
एक ओर सरकार दावा कर रही है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देगी, लेकिन इन हालातों को देखकर नहीं लगता कि किसानों की आय दोगुनी होगी. किसानों को न तो उनकी फसल का उचित दाम मिल पा रहा है और न ही सरकार उनकी कोई मदद कर रही है. किसानों को मंडी से जो भाव मिल रहा है उससे उनकी लागत भी नहीं निकल रही है.

वाहनों से कुचले जा रहे धान
वहीं मंडी का हाल भी बहुत खस्ता है. चारों ओर मंडी में गंदगी पड़ी है. किसानों के धान रखने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है. पराली जलाने के मामले को लेकर किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रहे हैं, लेकिन मंडियों में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. मंडी में किसानों का धान वाहनों से कुचला जा रहा है और किसान खुले में रात बिताने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें:-धान के भाव को लेकर मायूस किसान, बोले- 'नहीं निकल रहा खर्च'

धान के दाम तय करता अंतर्राष्ट्रीय बाजार
इस पर मार्केट कमेटी के चेयरमैन राजपाल तंवर का कहना है कि प्यार धान लगभग खत्म हो चुका है. अभी बारीक धान मंडी में आ रहा है. बारीक धान का भाव अंतर्राष्ट्रीय बाजार तय करता है. धान के भाव कम नहीं हैं. किसानों को ठीक भाव मिल रहे हैं.

Intro:कैथल की अनाज मंडी ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टिंगBody:इस समय किसानों की धान की कटाई का समय चल रहा है मोटी धान लगभग सभी किसानों की खत्म हो चुकी है अब बारीक धान की किस्में अनाज मंडी में आ रही है आज ईटीवी भारत की टीम कैथल अनाज मंडी में पहुंची और वहां पर किसानों की हालत जानी और जाना की किसानों की उसकी फसल का उचित मूल्य मिल पा रहा है या नहीं और उनके धन को रखने की पुख्ता प्रबंध मंडी प्रशासन की तरफ से किए गए हैं या नहीं.

इस समय बासमती धान मंडी में आ रही है और मंडी में जहां भी नजर घूम आए हर जगह धान ही दान दिखाई देती है ईटीवी भारत की टीम ने जब किसानों से बात की तो किसानों ने कहा कि किसानों की बारीक धान बिक तो समय पर रही है लेकिन उनको उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा. 1000 से लेकर 2000 तक बासमती धान की फसल में पहले से कम गिरावट आई हुई है अबकी बार बासमती 1121 किस्म लगभग ₹2500 प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही है जो पिछले वर्ष 3500 से ₹3600 प्रति क्विंटल बिक रही थी.
अगर हम मुच्छल धान की बात करें उसके भाव में भी 1000 से लेकर 2000 तक की कमी पिछले वर्ष के अपेक्षा दिखाई दी.
किसानों का कहना है कि हमें अपनी धान बेचना मजबूरी बन रही है क्योंकि हम गर उसको रखने सकते और मजबूरन हमें ओने पौने दामों पर अपनी धान की फसल बेचने पड़ रही है नरेंद्र मोदी का जो दावा है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होगी इन हालातों को देखकर नहीं लगता कि किसानों की हालत दोगुनी होगी क्योंकि किसान बिल्कुल मरने की स्थिति में है क्योंकि उसको उसके खर्च के जितना भी 1 एकड़ से धान नहीं मिल पा रहा..
वहीं पर आए हुए किसानों ने कहा कि ना ही उनके धान का उचित मूल्य मिल पा रहा और ना ही उनके दान को रखने का उचित प्रबंध प्रशासन द्वारा किया जा रहा उनकी धान की बिल्कुल बेकद्री यहां पर हो रही है सड़कों पर किसानों का ध्यान रखा हुआ है और उसके ऊपर से ही यातायात के साधन गुजरते हैं जिससे उनकी सारी धान की फसल खराब हो रही Conclusion:जब हमने मार्केट कमेटी के चेयरमैन राजपाल तंवर से बात की उन्होंने बताया कि प्यार धान लगभग खत्म हो चुका है अभी बारीक धान मंडी में आ रहा है और बारीक धान का भाव निर्धारित करना सरकार के बस की बात नहीं होती यह सेलर के द्वारा ही निर्धारित किए जाते हैं और वैसे भी इतने कम भाव नहीं है । भाव किसानों को ठीक मिल रहे हैं और यहां पर किसानों के पीने के पानी की व्यवस्था शौचालय और रात को रोशनी आदि सभी तरीके का प्रबंध है।
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