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हरियाणा: फीस नहीं भरने पर निजी स्कूल ने बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया - कैथल निजी स्कूल न्यूज

Private School Parents Fee Dispute: जिला कैथल में एक निजी स्कूल ने बच्चों को परीक्षा में इसलिए नहीं बैठने दिया, क्योंकि उनके अभिभावकों ने फीस नहीं भरी थी. वहीं जब स्कूल की शिकायत लेकर अभिभावक उपायुक्त के पास पहुंचे तो उपायुक्त ने उन्हें बच्चों का सरकारी स्कूल में एडमिशन करवाने की सलाह दे दी.

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फीस नहीं भरने पर निजी स्कूल ने बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया
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Published : Sep 15, 2021, 7:24 PM IST

Updated : Sep 16, 2021, 5:31 PM IST

कैथल: जिला कैथल में एक निजी स्कूल ने फीस नहीं भरने की वजह से बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया. बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि स्कूल ने इन बच्चों का दाखिला भी रद्द कर दिया है. वहीं जब अभिभावक मदद के लिए जिला उपायुक्त के पास पहुंचे तो उन्हें वहां भी निराशा हाथ लगी.

पीड़ित बच्चों के अभिभावको का कहना है कि कोरोना की वजह से स्कूल खुले ही नहीं, ना ही उनके बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया गया. अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल ने बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस के ग्रुप से भी हटा दिया था, तो वो स्कूल को फीस क्यों दें. अभिभावकों का कहना है कि अब स्कूल खुले हैं तो वो फीस भरने को तैयार हैं, लेकिन निजी स्कूल पूरे साल की फीस मांग रहा है.

स्कूल की तरफ से साफ तौर पर अभिभावकों की बात मानने से इंकार करने के बाद अभिभाव जिला उपायुक्त के पास पहुंचे, लेकिन पूरी बात सुनने के बाद उपायुक्त ने भी अभिभावकों को दो टूक जवाब दिया कि फीस तो फरना ही पड़ेगा. उपायुक्त ने सलाह दी कि अगर फीस नहीं है तो सरकारी स्कूल में एडमिशन करा लो. जिसके बाद बच्चें और अभिभावक निराश होकर खाली हाथ लौट गए.

ये पढ़ें- सरकारी स्कूल में स्मार्ट बोर्ड पर पढ़ रहे बच्चे, वीडियो और 3D टेक्नॉलजी से पढ़ाई हुई मजेदार

कैथल: जिला कैथल में एक निजी स्कूल ने फीस नहीं भरने की वजह से बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया. बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि स्कूल ने इन बच्चों का दाखिला भी रद्द कर दिया है. वहीं जब अभिभावक मदद के लिए जिला उपायुक्त के पास पहुंचे तो उन्हें वहां भी निराशा हाथ लगी.

पीड़ित बच्चों के अभिभावको का कहना है कि कोरोना की वजह से स्कूल खुले ही नहीं, ना ही उनके बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया गया. अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल ने बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस के ग्रुप से भी हटा दिया था, तो वो स्कूल को फीस क्यों दें. अभिभावकों का कहना है कि अब स्कूल खुले हैं तो वो फीस भरने को तैयार हैं, लेकिन निजी स्कूल पूरे साल की फीस मांग रहा है.

स्कूल की तरफ से साफ तौर पर अभिभावकों की बात मानने से इंकार करने के बाद अभिभाव जिला उपायुक्त के पास पहुंचे, लेकिन पूरी बात सुनने के बाद उपायुक्त ने भी अभिभावकों को दो टूक जवाब दिया कि फीस तो फरना ही पड़ेगा. उपायुक्त ने सलाह दी कि अगर फीस नहीं है तो सरकारी स्कूल में एडमिशन करा लो. जिसके बाद बच्चें और अभिभावक निराश होकर खाली हाथ लौट गए.

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Last Updated : Sep 16, 2021, 5:31 PM IST
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