कैथल: कोविड केयर सेंटर में सभी सुविधाएं मिलने के प्रशासन के दावों की पोल खुल गई है. देर रात तमाम प्रशासनिक गलियारों में उस समय हड़कंप मच गया जब ईटीवी भारत की टीम कोविड-19 सेंटरों का रियल्टी चेक करने मौके पर पहुंची. इस दौरान ना तो मौके पर स्वास्थ्य विभाग का कोई डॉक्टर मिला और ना ही कोई पुलिस विभाग का कर्मचारी मिला.
जब इसकी सूचना प्रशासन को मिली तो प्रशासन के हाथ पांव फूल गए और आनन-फानन में मौके पर स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और पुलिस प्रशासन के कर्मचारी पहुंचे. ये लोग मरीजों को समझाते नजर आए और तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया.
मरीजों ने बताया कि उन्हें यहां बिजली, पानी, टॉयलेट आदि किसी तरह की भी सुविधाएं उपलब्ध नहीं मिल रही है. जिस कारण उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों ने बताया कि उन्हें भोजन भी दोपहर का बचा हुआ दिया जाता है. भोजन इतना घटिया किस्म का है कि उसे देखने का भी मन नहीं करता खाने की बात तो दूर है.
ये भी पढ़ें- हरियाणा के इन शहरों में आंधी के साथ तेज बारिश के आसार
मरीजों के आरोप उस समय सही पाए गए जब प्रशासन द्वारा आनन-फानन में मौके पर ही टॉयलेट और बिजली की व्यवस्था ठीक करवाई गई. यहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर सवाल ये उठता है कि अगर रात के समय किसी मरीज की हालत खराब होती है तो उसको मौके पर ट्रीटमेंट देने के लिए कोई डॉक्टर नहीं है.
दूसरी ओर अगर कोविड-19 सेंटर से कोई मरीज भाग जाए तो उसे रोकने के लिए पुलिस बल नहीं है. ऐसे में इन सब की जिम्मेदारी किसकी होगी. हालांकि हमारी टीम को देखकर प्रशासन द्वारा तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवा दी गई. वहीं मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और पुलिस विभाग के कर्मचारी ने कैमरे से बचते नजर आए.
ये भी पढ़ें- फरीदाबाद में 10 सितंबर से दौड़ेगी मेट्रो, लेकिन इन शर्तों के साथ करना होगा सफर