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कैथल सिविल अस्पताल की लापरवाही: चूहों के तार कुतरने से 3.41 करोड़ की मशीन हुई कबाड़, इंजीनियर ने खड़े किए हाथ

कैथल के सिविल अस्पताल प्रशासन की लापरवाही (Negligence in Kaithal Civil Hospital) के कारण लिथोट्रिप्सी (पथरी का लेजर से उपचार करने वाली) मशीन अब किसी काम की नहीं रही. 3.41 करोड़ की मशीन के तारों को चूहों ने कुतर​ दिया.

Negligence in Kaithal Civil Hospital Lithotripsy Machine gnawed by rats in Kaithal
कैथल सिविल अस्पताल की लापरवाही: चूहों के तार कुतरने से 3.41 करोड़ की मशीन हुई कबाड़, इंजीनियर ने खड़े किए हाथ
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Published : Dec 14, 2022, 2:31 PM IST

कैथल: शहर के सिविल अस्पताल की लापरवाही के चलते 3.41 करोड़ की मशीन कबाड़ में बदल गई. मशीन की सार संभाल नहीं करने पर इसके (Lithotripsy Machine gnawed by rats in Kaithal ) तारों को चूहों ने कुतर दिया, जिससे मशीन बंद हो गई. अस्पताल प्रशासन ने इसे सही कराने के लिए इंजीनियर बुलाया लेकिन उसने भी हाथ खड़े कर दिए. जानकारी के अनुसार 2 वर्ष पहले भी मशीन के पार्ट्स में तकनीकी खराबी आने के कारण मशीन ने काम करना बंद कर दिया था. इस बार मशीन के तारों को चूहे कुतर गए, जिससे मशीन कबाड़ में बदल गई.

कैथल के सिविल अस्पताल में करीब 4 वर्ष पहले आई 3.41 करोड़ रुपए की लिथोट्रिप्सी (पथरी का लेजर से उपचार करने वाली) मशीन अब किसी काम की नहीं रही. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण इस मशीन के तारों को चूहों (Machine gnawed by rats in Kaithal) ने कुतर दिया है. मशीन को ठीक करने के लिए मंगलवार को इंजीनियर बुलाए गए थे. उन्होंने भी मशीन की हालत देखकर कहा कि अब यह सही नहीं हो सकती है. सूत्रों के अनुसार इंजीनियर का कहना था कि यह मशीन बिल्कुल डैमेज हो चुकी है.

पढ़ें: डॉक्टरों की कमी के कारण पानीपत सरकारी अस्पताल बना रेफर प्वाइंट

इतना ही नहीं, इंजीनियर ने यहां तक कहा कि अस्पताल प्रशासन ने इतनी महंगी मशीन को संभालने के लिए किसी को भी जिम्मेदारी क्यों नहीं दी. अब अस्पताल प्रशासन इस पर लीपापोती कर अपना बचाव करने में लगा है. अस्पताल में चूहे ना आए, इसके लिए विभाग हर महीने हजारों रुपए खर्च कर रहा है. बावजूद इसके महंगी मशीनों के तार चूहों द्वारा काटने से शॉर्ट सर्किट हो जाता है और वह खराब हो जाती हैं. मशीन खराब होने से मरीजों को अपना इलाज सरकारी अस्पताल के बाहर महंगे दामों पर करवाना पड़ रहा है.

पढ़ें: सीएम सीटी करनाल के नागरिक अस्पताल में दवाइयों के नाम पर दलाली!

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कैथल के सिविल अस्पताल में करीब 4 वर्ष पहले आई 3.41 करोड़ रुपए की लिथोट्रिप्सी (पथरी का लेजर से उपचार करने वाली) मशीन अब किसी काम की नहीं रही. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण इस मशीन के तारों को चूहों (Machine gnawed by rats in Kaithal) ने कुतर दिया है. मशीन को ठीक करने के लिए मंगलवार को इंजीनियर बुलाए गए थे. उन्होंने भी मशीन की हालत देखकर कहा कि अब यह सही नहीं हो सकती है. सूत्रों के अनुसार इंजीनियर का कहना था कि यह मशीन बिल्कुल डैमेज हो चुकी है.

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इतना ही नहीं, इंजीनियर ने यहां तक कहा कि अस्पताल प्रशासन ने इतनी महंगी मशीन को संभालने के लिए किसी को भी जिम्मेदारी क्यों नहीं दी. अब अस्पताल प्रशासन इस पर लीपापोती कर अपना बचाव करने में लगा है. अस्पताल में चूहे ना आए, इसके लिए विभाग हर महीने हजारों रुपए खर्च कर रहा है. बावजूद इसके महंगी मशीनों के तार चूहों द्वारा काटने से शॉर्ट सर्किट हो जाता है और वह खराब हो जाती हैं. मशीन खराब होने से मरीजों को अपना इलाज सरकारी अस्पताल के बाहर महंगे दामों पर करवाना पड़ रहा है.

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