कैथल: एक तरफ तो सरकार शहीदों को और उनके परिवारों को हर संभव सहायता देने के लिए लाखों बड़े दावे कर रही है, लेकिन धरातल पर इन वादों में कितनी सच्चाई है इसका जीता जागता उदाहरण जिले के गांव भागल में देखने को मिला. जहां एक शख्स अपने शहीद भाई के सम्मान के लिए सरकार की नजरअंदाजी झेल रहा है.
उपमंडल गुहला के गांव भागल में जम्मू कश्मीर में 18 अगस्त को शहीद हुए राजेश पुनिया के भाई रामपाल पुनिया ने सरकार से खासे नाराज हैं. रामपाल का कहना है कि मेरा भाई देश के लिए लड़ते हुए शहीद हुआ है लेकिन सरकार ने मेरे भाई की शहादत को नजरअंदाज किया है.
राम पाल पूनिया ने का कहना है कि जब शहीद का अंतिम संस्कार हो रहा था तो हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री कृष्ण पंवार गुर्जर और गुहला विधायक कुलवंत बाजीगर ने सरकार की तरफ से घोषणा की थी कि शहीद के परिवार को 50 लाख रुपए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी, लेकिन परिवार को आज तक एक फूटी कौड़ी भी उपलब्ध नहीं करवाई गई.
रामपाल का कहना है कि शहीद के परिवार आर्थिक संकट में है. उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता दिल की बीमारी के मरीज है, लेकिन सरकार द्वारा कोई सहायता उपलब्ध करवाने से उसका इलाज भी अच्छी तरह करवाने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में शहीद सैनिकों के परिवारों के साथ भी ऐसा ना हो इसलिए हम आम जनमानस को इस संबंध में खड़ा होकर सरकार पर दबाव बनाना होगा.
शहीद राजेश के भाई ने कहा कि आज सातवां महीना लग गया है, मेरे भाई को शहीद हुए आज तक भी मुझे किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता वह नौकरी सरकार द्वारा नहीं दी गई. सरकार के नुमाइंदे आकर घोषणाएं कर जाते हैं उसके बाद वह शहीद के परिवार वालों को दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर कर देते हैं. कोई भी सरकार का नुमाइंदा शहीद के परिवार का हाल चाल पूछने नहीं आता एक बार जो शहीद हो गया तो हो गया शहीद राजेश पुनिया के भाई ने आरोप लगाया है कि सरकार के नुमाइंदे सामने तो कुछ और होते हैं और उनकी असलियत कुछ और होती है.
शहीद का परिवार लगातार दर-दर की ठोकर खाने पर मजबूर है लेकर उनको उस परिवार की कोई चिंता नहीं सरकार लगातार शहीद का अपमान कर रही है. राजेश पुनिया के भाई ने पुलवामा में हुए 40 शहीदों पर भी कुछ समय के पश्चात उनके परिवार भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाएंगे. उन्होंने सरकार से अपील की है कि सरकार के नुमाइंदे जो घोषणाएं कर कर चले जाते हैं उनको सरकार जल्द पूरा करवाएं.
मेरे बेटे को शहीद का दर्जा भी नहीं दिया- शहीद की मां
शहीद राजेश पुनिया की मां ने बताया कि राजेश को शहीद हुए 6 महीने से ऊपर हो चुके लेकिन सरकार अभी तक कोई भी सहायता उसके परिवार को नहीं दे सकी. उन्होंने कहा कि पुलवामा में हुएशहीदों को तोसरकार की शहीदों का दर्जा भी नहीं दिया जाएगा और मेरे बेटे को तो सरकार ने शहीद का दर्जा तक दिया था जिसका अभी तक भी कोई सरकार द्वारा सहायता राशि व नौकरी प्रदान नहीं की गई. उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की तरफ से शहीद राजेश के नाम से गांव में एक पार्क का निर्माण भी करवाया जाना था. जिसका अभी तक कुछ भी नहीं हुआ उन्होंने कहा कि सरकार जल्द उन्हें सहायता प्रदान करें और शहीदों पर राजनीति ना करें. उन्होंने सरकारसे कहां है कि अगर कोई उसके बेटे को ला कर दे तो वह एक करोड़ रुपये उसे देने के लिए तैयार है.
वहीं गांव भागल के ग्रामीण ने भी शहीद राजेश कुमार पूनिया के परिवार हो रही अनदेखी के बारे में सरकार से आर्थिक सहायता और नौकरी देने की अपील की है ताकि शहीद परिवार की आर्थिक रूप से सहायता की जा सके. बहरहाल देखना अब यह होगा कि हरियाणा सरकार शहीद के परिवार को आखिरकर कब तक आर्थिक सहायता और नौकरी प्रदान करेगी या फिर शहीद राजेश पुनिया का परिवार ऐसे ही दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर रहेगा.