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7 महीने पहले शहीद के परिजनों से सरकार ने किए थे बड़े-बड़े वादे, आज आर्थिक संकट से जूझ रहा है परिवार

रामपाल का कहना है कि मेरा भाई देश के लिए लड़ते हुए शहीद हुआ है लेकिन सरकार ने मेरे भाई की शहादत को नजरअंदाज किया है.

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Published : Feb 26, 2019, 9:05 PM IST

Updated : Feb 26, 2019, 11:12 PM IST

शहीद के भाई ने लगाया नजरअंदाजी का आरोप

कैथल: एक तरफ तो सरकार शहीदों को और उनके परिवारों को हर संभव सहायता देने के लिए लाखों बड़े दावे कर रही है, लेकिन धरातल पर इन वादों में कितनी सच्चाई है इसका जीता जागता उदाहरण जिले के गांव भागल में देखने को मिला. जहां एक शख्स अपने शहीद भाई के सम्मान के लिए सरकार की नजरअंदाजी झेल रहा है.

उपमंडल गुहला के गांव भागल में जम्मू कश्मीर में 18 अगस्त को शहीद हुए राजेश पुनिया के भाई रामपाल पुनिया ने सरकार से खासे नाराज हैं. रामपाल का कहना है कि मेरा भाई देश के लिए लड़ते हुए शहीद हुआ है लेकिन सरकार ने मेरे भाई की शहादत को नजरअंदाज किया है.

राम पाल पूनिया ने का कहना है कि जब शहीद का अंतिम संस्कार हो रहा था तो हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री कृष्ण पंवार गुर्जर और गुहला विधायक कुलवंत बाजीगर ने सरकार की तरफ से घोषणा की थी कि शहीद के परिवार को 50 लाख रुपए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी, लेकिन परिवार को आज तक एक फूटी कौड़ी भी उपलब्ध नहीं करवाई गई.

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रामपाल का कहना है कि शहीद के परिवार आर्थिक संकट में है. उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता दिल की बीमारी के मरीज है, लेकिन सरकार द्वारा कोई सहायता उपलब्ध करवाने से उसका इलाज भी अच्छी तरह करवाने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में शहीद सैनिकों के परिवारों के साथ भी ऐसा ना हो इसलिए हम आम जनमानस को इस संबंध में खड़ा होकर सरकार पर दबाव बनाना होगा.

आर्थिक संकट से जूझ रहा है शहीद का परिवार

शहीद राजेश के भाई ने कहा कि आज सातवां महीना लग गया है, मेरे भाई को शहीद हुए आज तक भी मुझे किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता वह नौकरी सरकार द्वारा नहीं दी गई. सरकार के नुमाइंदे आकर घोषणाएं कर जाते हैं उसके बाद वह शहीद के परिवार वालों को दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर कर देते हैं. कोई भी सरकार का नुमाइंदा शहीद के परिवार का हाल चाल पूछने नहीं आता एक बार जो शहीद हो गया तो हो गया शहीद राजेश पुनिया के भाई ने आरोप लगाया है कि सरकार के नुमाइंदे सामने तो कुछ और होते हैं और उनकी असलियत कुछ और होती है.

शहीद का परिवार लगातार दर-दर की ठोकर खाने पर मजबूर है लेकर उनको उस परिवार की कोई चिंता नहीं सरकार लगातार शहीद का अपमान कर रही है. राजेश पुनिया के भाई ने पुलवामा में हुए 40 शहीदों पर भी कुछ समय के पश्चात उनके परिवार भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाएंगे. उन्होंने सरकार से अपील की है कि सरकार के नुमाइंदे जो घोषणाएं कर कर चले जाते हैं उनको सरकार जल्द पूरा करवाएं.

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मेरे बेटे को शहीद का दर्जा भी नहीं दिया- शहीद की मां
शहीद राजेश पुनिया की मां ने बताया कि राजेश को शहीद हुए 6 महीने से ऊपर हो चुके लेकिन सरकार अभी तक कोई भी सहायता उसके परिवार को नहीं दे सकी. उन्होंने कहा कि पुलवामा में हुएशहीदों को तोसरकार की शहीदों का दर्जा भी नहीं दिया जाएगा और मेरे बेटे को तो सरकार ने शहीद का दर्जा तक दिया था जिसका अभी तक भी कोई सरकार द्वारा सहायता राशि व नौकरी प्रदान नहीं की गई. उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की तरफ से शहीद राजेश के नाम से गांव में एक पार्क का निर्माण भी करवाया जाना था. जिसका अभी तक कुछ भी नहीं हुआ उन्होंने कहा कि सरकार जल्द उन्हें सहायता प्रदान करें और शहीदों पर राजनीति ना करें. उन्होंने सरकारसे कहां है कि अगर कोई उसके बेटे को ला कर दे तो वह एक करोड़ रुपये उसे देने के लिए तैयार है.

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वहीं गांव भागल के ग्रामीण ने भी शहीद राजेश कुमार पूनिया के परिवार हो रही अनदेखी के बारे में सरकार से आर्थिक सहायता और नौकरी देने की अपील की है ताकि शहीद परिवार की आर्थिक रूप से सहायता की जा सके. बहरहाल देखना अब यह होगा कि हरियाणा सरकार शहीद के परिवार को आखिरकर कब तक आर्थिक सहायता और नौकरी प्रदान करेगी या फिर शहीद राजेश पुनिया का परिवार ऐसे ही दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर रहेगा.

कैथल: एक तरफ तो सरकार शहीदों को और उनके परिवारों को हर संभव सहायता देने के लिए लाखों बड़े दावे कर रही है, लेकिन धरातल पर इन वादों में कितनी सच्चाई है इसका जीता जागता उदाहरण जिले के गांव भागल में देखने को मिला. जहां एक शख्स अपने शहीद भाई के सम्मान के लिए सरकार की नजरअंदाजी झेल रहा है.

उपमंडल गुहला के गांव भागल में जम्मू कश्मीर में 18 अगस्त को शहीद हुए राजेश पुनिया के भाई रामपाल पुनिया ने सरकार से खासे नाराज हैं. रामपाल का कहना है कि मेरा भाई देश के लिए लड़ते हुए शहीद हुआ है लेकिन सरकार ने मेरे भाई की शहादत को नजरअंदाज किया है.

राम पाल पूनिया ने का कहना है कि जब शहीद का अंतिम संस्कार हो रहा था तो हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री कृष्ण पंवार गुर्जर और गुहला विधायक कुलवंत बाजीगर ने सरकार की तरफ से घोषणा की थी कि शहीद के परिवार को 50 लाख रुपए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी, लेकिन परिवार को आज तक एक फूटी कौड़ी भी उपलब्ध नहीं करवाई गई.

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रामपाल का कहना है कि शहीद के परिवार आर्थिक संकट में है. उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता दिल की बीमारी के मरीज है, लेकिन सरकार द्वारा कोई सहायता उपलब्ध करवाने से उसका इलाज भी अच्छी तरह करवाने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में शहीद सैनिकों के परिवारों के साथ भी ऐसा ना हो इसलिए हम आम जनमानस को इस संबंध में खड़ा होकर सरकार पर दबाव बनाना होगा.

आर्थिक संकट से जूझ रहा है शहीद का परिवार

शहीद राजेश के भाई ने कहा कि आज सातवां महीना लग गया है, मेरे भाई को शहीद हुए आज तक भी मुझे किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता वह नौकरी सरकार द्वारा नहीं दी गई. सरकार के नुमाइंदे आकर घोषणाएं कर जाते हैं उसके बाद वह शहीद के परिवार वालों को दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर कर देते हैं. कोई भी सरकार का नुमाइंदा शहीद के परिवार का हाल चाल पूछने नहीं आता एक बार जो शहीद हो गया तो हो गया शहीद राजेश पुनिया के भाई ने आरोप लगाया है कि सरकार के नुमाइंदे सामने तो कुछ और होते हैं और उनकी असलियत कुछ और होती है.

शहीद का परिवार लगातार दर-दर की ठोकर खाने पर मजबूर है लेकर उनको उस परिवार की कोई चिंता नहीं सरकार लगातार शहीद का अपमान कर रही है. राजेश पुनिया के भाई ने पुलवामा में हुए 40 शहीदों पर भी कुछ समय के पश्चात उनके परिवार भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाएंगे. उन्होंने सरकार से अपील की है कि सरकार के नुमाइंदे जो घोषणाएं कर कर चले जाते हैं उनको सरकार जल्द पूरा करवाएं.

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मेरे बेटे को शहीद का दर्जा भी नहीं दिया- शहीद की मां
शहीद राजेश पुनिया की मां ने बताया कि राजेश को शहीद हुए 6 महीने से ऊपर हो चुके लेकिन सरकार अभी तक कोई भी सहायता उसके परिवार को नहीं दे सकी. उन्होंने कहा कि पुलवामा में हुएशहीदों को तोसरकार की शहीदों का दर्जा भी नहीं दिया जाएगा और मेरे बेटे को तो सरकार ने शहीद का दर्जा तक दिया था जिसका अभी तक भी कोई सरकार द्वारा सहायता राशि व नौकरी प्रदान नहीं की गई. उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की तरफ से शहीद राजेश के नाम से गांव में एक पार्क का निर्माण भी करवाया जाना था. जिसका अभी तक कुछ भी नहीं हुआ उन्होंने कहा कि सरकार जल्द उन्हें सहायता प्रदान करें और शहीदों पर राजनीति ना करें. उन्होंने सरकारसे कहां है कि अगर कोई उसके बेटे को ला कर दे तो वह एक करोड़ रुपये उसे देने के लिए तैयार है.

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वहीं गांव भागल के ग्रामीण ने भी शहीद राजेश कुमार पूनिया के परिवार हो रही अनदेखी के बारे में सरकार से आर्थिक सहायता और नौकरी देने की अपील की है ताकि शहीद परिवार की आर्थिक रूप से सहायता की जा सके. बहरहाल देखना अब यह होगा कि हरियाणा सरकार शहीद के परिवार को आखिरकर कब तक आर्थिक सहायता और नौकरी प्रदान करेगी या फिर शहीद राजेश पुनिया का परिवार ऐसे ही दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर रहेगा.



Munish turan

Slug - मेरे भाई की शहादत को नजर अंदाज किया- रामपाल शहीद का भाई. 
केबिनेट मंत्री व गुहला विधायक ने 50 लाख की थी घोषणा.
शहीद राजेश पुनिया की मां ने सरकार से कहा अगर मुझे मेरा बेटा कोई लौटा दे तो मैं उसे एक करोड़ देने के लिए तैयार हुँ ।




Anchor - गुहला चीका ,(कैथल)एक तरफ तो सरकार शहीदों को और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लाख बड़े बड़े दावे करती हो लेकिन धरातल पर कितनी सच्चाई वादों की है इसका जीता जागता उदाहरण गांव भागल में देखने को मिला 
उपमंडल गुहला के गांव भागल में जम्मू कश्मीर में 18 अगस्त को शहीद हुए राजेश पुनिया के भाई रामपाल पुनिया ने सरकार के प्रति रोष जताते हुए कहा कि मेरा भाई देश के लिए लड़ते हुए शहीद हुआ है लेकिन सरकार ने मेरे भाई की शहादत को नजर अंदाज किया है पत्रकारों से बातचीत करते हुए शहीद राजेश पुनिया के भाई राम पाल पूनिया ने कहा है कि जब शहीद का अंतिम संस्कार हो रहा था तो हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री कृष्ण पंवार गुर्जर का वह हल्का गुहला विधायक कुलवंत बाजीगर ने सरकार की तरफ से घोषणा की थी कि शहीद के परिवार को 50लाख रुपए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी उपलब्ध करवाई जाएगी लेकिन परिवार को आज तक एक फूटी कौड़ी भी उपलब्ध नहीं करवाई गई इसका परिवार काफी आर्थिक संकट में है उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता दिल की बीमारी के मरीज है लेकिन सरकार द्वारा कोई सहायता उपलब्ध करवाने से उसका इलाज भी अच्छी तरह करवाने में सक्षम नहीं है उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में शहीद सैनिकों के परिवारों के साथ भी ऐसा ना हो इसलिए हम आम जनमानस को इस संबंध में खड़ा होकर सरकार पर दबाव बनाना होगा सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता जीवन सिंह ने भी कहा कि सरकार को शहीद राजेश पुनिया के परिवार को घोषित सहायता राशि तुरंत उपलब्ध करवाई जाए अगर कोई तकनीकी कमी रही है तो मुख्यमंत्री को तुरंत संज्ञान लेकर शहीद के परिवार के आंसू पोछने का काम करना चाहिए । 

क्या कहना है शहीद राजेश पूनिया के भाई का

शहीद राजेश के भाई ने कहा कि आज सातवां महीना लग गया है मेरे भाई को शहीद हुए आज तक भी मुझे किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता वह नौकरी सरकार द्वारा नहीं दी गई और सरकार के नुमाइंदे आकर घोषणाएं कर जाते हैं उसके बाद वह शहीद के परिवार वालों को दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर कर देते हैं कोई भी सरकार का नुमाइंदा शहीद के परिवार का हाल चाल पूछने नहीं आता एक बार जो शहीद हो गया तो हो गया शहीद राजेश पुनिया के भाई ने आरोप लगाया है कि सरकार के नुमाइंदे सामने तो कुछ और होते हैं और उनकी असलियत कुछ और होती है शहीद का परिवार लगातार दर दर की ठोकर खाने पर मजबूर है लेकर उनको उस परिवार की कोई चिंता नहीं सरकार लगातार शहीद का अपमान कर रही है राजेश पुनिया के भाई ने पुलवामा में हुए 40 शहीदों पर भी कुछ समय के पश्चात उनके परिवार भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाएंगे उन्होंने सरकार से अपील की है कि सरकार के नुमाइंदे जो घोषणाएं कर कर चले जाते हैं उनको सरकार जल्द पूरा करवाएं ।

क्या कहना है शहीद की मां का शहीद राजेश पुनिया की मां ने बताया कि राजेश को शहीद हुए 6 महीने से ऊपर हो चुके लेकिन सरकार अभी तक कोई भी सहायता उसके परिवार को नहीं दे सकी । उन्होंने कहा कि पुलवामा में हुए  शहीदों को तो  सरकार द्वारा शहीदों का दर्जा भी नहीं दिया जाएगा और मेरे बेटे को तो सरकार ने शहीद का दर्जा तक दिया था जिसका अभी तक भी कोई सरकार द्वारा सहायता राशि व नौकरी प्रदान नहीं की गई उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की तरफ से शहीद राजेश के नाम से गांव में एक पार्क का निर्माण भी करवाया जाना था जिसका अभी तक कुछ भी नहीं हुआ उन्होंने कहा कि सरकार जल्द उन्हें सहायता प्रदान करें और शहीदों पर राजनीति ना करें । उन्होंने सरकार  से कहां है कि अगर कोई उसके बेटे को ला कर दे तो वह एक करोड़ रुपये उसे देने के लिए तैयार है 

वहीं गांव भागल के ग्रामीण ने भी शहीद राजेश कुमार पूनिया के परिवार हो रही अनदेखी के बारे में सरकार से आर्थिक सहायता व नौकरी देने की अपील की है ताकि शहीद परिवार की आर्थिक रूप से सहायता की जा सके ।
बहर हाल देखना अब यह होगा कि हरियाणा सरकार शहीद के परिवार को आखिरकर कब तक आर्थिक सहायता व नॉकरी प्रदान करेगी या फिर शहीद राजेश पुनिया का परिवार ऐसे ही दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर रहेगा  । 

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Last Updated : Feb 26, 2019, 11:12 PM IST
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