कैथल: जिले के मुंदड़ी गांव का लव कुश तीर्थ स्थल बदहाल है. कुरुक्षेत्र की 48 कोस की भूमि के अंदर आने वाला लव कुश तीर्थ स्थल इन दिनों बद से बदतर होता जा रहा है. शिकायत के बाद भी सरकार और प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है. जिसकी वजह से तीर्थ स्थल की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है.
बदहाल है लव कुश तीर्थ स्थल
बीजेपी सरकार ने कुरुक्षेत्र के 48 कोस की भूमि के अंदर आने वाले करीब 250 तीर्थ स्थलों की लिस्ट बनाई थी. सरकार ने इन 250 तीर्थों का जीर्णोंद्धार करने का फैसला किया था, इसके लिए सरकार की तरफ से करोड़ों रुपये की राशि भी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड को दी. लेकिन कैथल के इस लव कुश तीर्थ की हालत सरकार के दावों के विपरीत है.
ग्रांट के बाद खस्ता हालत
लव कुश तीर्थ स्थल कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अंतर्गत आता है. ग्रामीणों के मुताबिक ना तो किसी अधिकारी ने इसकी सुध ली और ना सरकार के किसी प्रतिनिधि ने. इस विकास तीर्थ के लिए करोड़ों रुपये की ग्रांट भी सरकार की तरफ से दी गई, लेकिन उसका कोई पता नहीं क्योंकि लव कुश तीर्थ स्थल की हालत खस्ता ही है.
खराब हुआ तालाब का पानी
तीर्थ में स्थित तालाब का पानी अब खराब हो चुका है. ग्रामीणों के मुताबिक शिकायत के बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ. ग्रामीणों के मुताबिक ये बड़ी शर्म की बात है कि इतना प्रसिद्ध लवकुश तीर्थ स्थल बदहाल है. ना तो कोई यहां साफ सफाई का ध्यान रखता है और ना ही इसके जीर्णोद्धार के लिए कोई कदम उठाया गया है.
ये है मान्यता
मान्यता है कि लवकुश तीर्थ के तालाब के पानी ने बीमार पशु ठीक हो जाते हैं. ग्रामीणों के मुताबिक लव कुश ने इसी स्थल पर भगवान राम के घोड़े को पकड़कर उनकी चुनौति को स्वीकार किया था. इसलिए यहां उनके नाम पर मंदिर और तीर्थ स्थल बनाया गया है. जो अब बदहाल है.
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क्या है 48 कोस भूमि?
कुरुक्षेत्र में महाभारत के बाद प्रभावित इलाकों का चयन कर उसे 48 कोस का नाम दिया गया है. इस 48 कोस में करीब 250 तीर्थ स्थल आते हैं. सरकार इसके लिए बजट जारी करती है. हैरानी की बात तो ये है कि ज्यादातर तीर्थ स्थलों की हालत खराब ही है.