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'किसान हित में हैं कृषि अध्यादेश, वन नेशन-वन मार्केट है लक्ष्य'

कृषि अध्यादेश पर किसानों और सरकार के बीच ठन गई है. किसान जहां अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं तो वहीं सरकार का दावा है कि ये अध्यादेश किसानों के हित में ही लाए जा रहे हैं.

kamlesh dhanda statement on agriculture ordinance
'किसान हित में हैं कृषि अध्यादेश, वन नेशन-वन मार्किट है लक्ष्य'
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Published : Sep 12, 2020, 9:54 AM IST

कैथल: राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के हितों को ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है. साथ ही 'वन नेशन, वन मार्केट' को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई जा रही हैं. केंद्र सरकार ने तीन अध्यादेशों के जरिए किसानों को मजबूत करने का काम किया है. किसानों से जुड़े तीन अध्यादेशों को लेकर जो भी शंकाएं या विवाद है, उन सभी का निवारण संवाद से ही संभव है. महामारी के दिनों में किसानों को खुद के लिए, अपने परिवार के लिए विशाल प्रोग्राम से परहेज करना चाहिए. हमारे लिए हमारे किसान और उनके परिवार सबसे ऊपर हैं.

कमलेश ढांडा ने आगे कहा कि हमारी सरकार की पहल पर 9 सितंबर को कृषि सचिव ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन कुछ लोगों के हठ के कारण बात नहीं बन पाई. तीनों अध्यादेश किसानों की आर्थिक आजादी के लिए हैं. उनका अध्ययन करें और उनसे जुड़े सभी सुझावों का स्वागत है. लोकतंत्र आपसी सहभागिता से ही विकसित होता है. सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध करना किसी के लिए भी सही रास्ता नहीं है.

उन्होंने बताया कि प्रदेश में 82000 किसान एफपीओ से जुड़े हैं. प्रदेश के 20 हजार से ज्यादा प्रगतिशील किसान हैं. जो डायरेक्ट मार्केटिंग कर रहे हैं. अध्यादेश इन किसानों के लिए बाजार खोलने और सुरक्षा के लिए है. अध्यादेशों का विरोध करके इन किसानों का नुकसान न करें. फिर भी किसी प्रकार की कोई शंका या भ्रम है, उसे आपसी संवाद से दूर किया जा सकता है.

ये भी पढ़िए: कृषि अध्यादेशों पर किसानों को मिला विपक्ष का साथ, हुड्डा बोले- छेड़ देंगे जिहाद

राज्यमंत्री ने बताया कि मंडी व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, बल्कि पहले से ज्यादा पारदर्शी तरीके से खरीद होगी और एक-एक दाने की खरीद होगी. न ही कोई परिवर्तन एमएसपी को लेकर किया गया है. नए एसएसपी पर वैसे ही ख़रीद होगी. मंडी पहले की बनी रहेंगी, बल्कि दुरुस्त होंगी और मजबूत बनेंगी.

कैथल: राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के हितों को ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है. साथ ही 'वन नेशन, वन मार्केट' को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई जा रही हैं. केंद्र सरकार ने तीन अध्यादेशों के जरिए किसानों को मजबूत करने का काम किया है. किसानों से जुड़े तीन अध्यादेशों को लेकर जो भी शंकाएं या विवाद है, उन सभी का निवारण संवाद से ही संभव है. महामारी के दिनों में किसानों को खुद के लिए, अपने परिवार के लिए विशाल प्रोग्राम से परहेज करना चाहिए. हमारे लिए हमारे किसान और उनके परिवार सबसे ऊपर हैं.

कमलेश ढांडा ने आगे कहा कि हमारी सरकार की पहल पर 9 सितंबर को कृषि सचिव ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन कुछ लोगों के हठ के कारण बात नहीं बन पाई. तीनों अध्यादेश किसानों की आर्थिक आजादी के लिए हैं. उनका अध्ययन करें और उनसे जुड़े सभी सुझावों का स्वागत है. लोकतंत्र आपसी सहभागिता से ही विकसित होता है. सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध करना किसी के लिए भी सही रास्ता नहीं है.

उन्होंने बताया कि प्रदेश में 82000 किसान एफपीओ से जुड़े हैं. प्रदेश के 20 हजार से ज्यादा प्रगतिशील किसान हैं. जो डायरेक्ट मार्केटिंग कर रहे हैं. अध्यादेश इन किसानों के लिए बाजार खोलने और सुरक्षा के लिए है. अध्यादेशों का विरोध करके इन किसानों का नुकसान न करें. फिर भी किसी प्रकार की कोई शंका या भ्रम है, उसे आपसी संवाद से दूर किया जा सकता है.

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राज्यमंत्री ने बताया कि मंडी व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, बल्कि पहले से ज्यादा पारदर्शी तरीके से खरीद होगी और एक-एक दाने की खरीद होगी. न ही कोई परिवर्तन एमएसपी को लेकर किया गया है. नए एसएसपी पर वैसे ही ख़रीद होगी. मंडी पहले की बनी रहेंगी, बल्कि दुरुस्त होंगी और मजबूत बनेंगी.

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