कैथल: हरियाणा सरकार व जिला प्रशासन कैथल में कैथल जिले में दिवाली के त्यौहार पर पटाखा जलाने पर मना कर दिया है. हालांकि प्रदेश के कुछ जिलों में जिला प्रशासन के द्वारा 2 घंटे पटाखे चलाने के लिए इजाजत दी गई है, लेकिन कैथल में यह परमिशन नहीं दी गई.
जिला प्रशासन का कहना है कि कैथल की एयर क्वालिटी काफी खराब है इसीलिए यहां पर पटाखा चलाने के लिए परमिशन नहीं दी जाएगी. अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन सरकार और प्रशासन के इस बात ने पटाखा कारोबारियों को गहरे संकट में डाल दिया है क्योंकि पटाखा कारोबारियों ने लाखों करोड़ों रुपए का पटाखा दिवाली पर बेचने के लिए खरीदा हुआ था. जिससे दिवाली पर कैथल में पटाखा नहीं चलाया गया तो उनको भारी नुकसान झेलना पड़ेगा.
अचानक बैन लगाना सही फैसला नहीं- कारोबारी
पटाखा कारोबारी नवीन ने कहा कि सरकार ने जो पटाखे बैन करने का फैसला लिया है हम उसका स्वागत करते हैं, लेकिन सरकार को हमारी तरफ भी ध्यान देना चाहिए. हमने लाखों करोड़ों रुपए का माल उठा रखा है और एकदम से पटाखे बैन कर देना सही कदम नहीं है. इससे हमारे जैसे बहुत से भाइयों का बहुत ज्यादा नुकसान होगा और हम कभी उभर नहीं पाएंगे. हमने तो पक्के बिल के साथ 18 पर्सेंट जीएसटी भी दिया हुआ है. उसकी भरपाई कई वर्षों तक नहीं हो सकता. इसलिए हम सरकार से निवेदन करते हैं कि 2 घंटे की छूट जिले में पटाखे चलाने की दे दी जाए. जिससे हमारा माल भी बिक जाए.
हमारे घाटे का सरकार जिम्मेदार- पटाखा कारोबारी
उनका यह भी कहना है कि जब सरकार ने इनको बैन करना था तो पहले ही बताना चाहिए था. पटाखा कारोबारी इतना पटाखा नहीं खरीदता और साथ ही जो उनको लाइसेंस दिया जाता है सरकार ने वह लाइसेंस भी नहीं देना चाहिए था. अब पटाखों कारोबारी के पास सिर्फ घाटे में जाने से सिवा कोई अन्य रास्ता नहीं है. जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की बनती है.
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