कैथलः हरियाणा में 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद हो रही है. जिसको लेकर किसानों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने कैथल की अनाज मंडी का जायजा लिया. जहां किसान और आढ़तियों ने खुद बताया कि उन्हें किस तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.
रजिस्ट्रेशन के बावजूद परेशान हो रहे किसान
किसानों का कहना है कि फसल खरीद के लिए सरकार ने मेरी फसल मेरा, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा था. जिसको लेकर कई महीने पहले ही रजिस्ट्रेशन भी हुआ था. लेकिन अब अधिकारियों का कहना है कि आपने ब्यौरा नहीं दिया.
किसानों का कहना है कि उनके पास मंडी में गेहूं लेकर आने के लिए मैसेज आया है. लेकिन जब वह अपना गेहूं मंडी में लेकर आते हैं, तब मंडी प्रशासन कहता है कि उन्होंने कोई मैसेज नहीं भेजा है और किसान को गेट पास नहीं दिया जाता है.
किसानों का कहना है कि जब अधिकारियों को मैसेज दिखाया जा रहा है तब वो कह रहे हैं कि यह मैसेज कैथल मार्केट कमेटी से नहीं आया बल्कि पंचकूला से आया है. ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि किसानों की फसल का ब्यौरा पंचकूला तक पहुंच गया है, लेकिन जिला प्रशासन के पास उनका कोई रिकॉर्ड नहीं है.
बारिश में भीगी गेहूं की 20 लाख बोरियां
प्रदेश में हो रही बेमौसम बरसात भी किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है. रविवार को कैथल में भी बारिश हुई. जिसको लेकर कैथल के डीएफएससी अधिकारी वीरेंद्र ने बताया कि लगभग 20 लाख गेहूं की बोरियां बरसात में भीग गई हैं. डीएफएससी ने जो आंकड़ा दिया था वो सरकार की ओर के खरीदे जा चुके फसल का था. वहीं जो फसल किसान के पास है, वो भी भीग रही है. जिसका अभी कोई आंकड़ा नहीं है.
मंडी में गेहूं की बोरियों के पड़े रहने का कारण गेहूं के उठान की धीमी प्रक्रिया है. वहीं मंडियों में गेहूं की बोरियों के पड़े रहने के चलते पूरी मंडी ब्लॉक हो चुकी है और किसानों को गेहूं डालने के लिए जगह नहीं मिल रही और मजबूरन उनको सड़क पर अपनी गेहूं डालनी पड़ रही है.
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