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कैथल: कैलाश भगत ने नहीं छोड़ी बीजेपी, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोले- मैं पार्टी के साथ

कैथल विधानसभा सीट ने टिकट न मिलने के कारण नाराज बताए जा रहे कैलाश भगत से कहा है कि वो बीजेपी के फैसले के साथ है. बीजेपी ने कैथल विधानसभा सीट से लीलाराम गुर्जर को टिकट दिया है.

कैलाश भगत, बीजेपी नेता
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Published : Oct 2, 2019, 3:14 PM IST

कैथल: बीजेपी ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है. बीजेपी ने कैथल विधानसभा से लीलाराम गुर्जर को अपना उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि इनेलो से बीजेपी में आए वरिष्ठ नेता कैलाश भगत को कैथल से बीजेपी के उम्मीदवार की रेस में सबसे आगे देखा जा रहा था, लेकिन बीजेपी ने कैलाश भगत को टिकट न देकर लीलाराम गुर्जर को दी.

मैं पार्टी के साथ- भगत

ऐसे में सोशल मीडिया पर एक संदेश वायरल हो रहा था कि कैलाश भगत को टिकट न मिलने के कारण उन्होंने बीजेपी छोड़ दी है. इसी बात पर उन्होंने एक पत्रकार वार्ता की और कहा कि विपक्ष के लोग एक अफवाह फैला रहे हैं कि मैंने बीजेपी पार्टी को छोड़ दी है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है.

कैलाश भगत ने नहीं छोड़ी बीजेपी, देखें वीडियो

पार्टी ने जिसको प्रत्याशी के रूप में भेजा है. मैं उसका समर्थन करता हूं और मैं उसका स्वागत भी करता हूं. पार्टी ने जो किया वो सही किया. क्योंकि सिर्फ एक ही व्यक्ति को टिकट मिलनी थी, हर किसी को टिकट नहीं मिल सकती और कृपया ऐसी झूठी अफवाहों पर ध्यान ना दें. उन्होंने कहा कि मैं पहले भी बीजेपी में था और आगे भी बीजेपी में ही बने रहूंगा.

ये भी पढ़ें- पूर्व विधायक रामजीलाल के बेटे प्रवीण डागर को बीजेपी ने हथीन से दिया टिकट, जानें समीकरण

रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ दो बार चुनाव लड़ा

बता दें कि कैलाश भगत पहले इनेलो में थे. उन्होंने रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ दो बार और उनके पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला के खिलाफ एक बार विधानसभा चुनाव लड़ा था. हार के बावजूद लगातार तीन बार कैथल विधानसभा क्षेत्र से इनेलो के प्रत्याशी रहे. इनेलो में बिखराव के बाद कैलाश बीजेपी में शामिल हो गए.

कैथल सुरजेवाला का गढ़

बता दें कि कैथल कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला का गढ़ माना जाता है. वो कैथल विधानसभा सीट से कांग्रेस के मौजूदा विधायक हैं. सुरजेवाला ने 2014 में मोदी लहर के बावजूद चुनाव जीता था. वहीं बीजेपी ने कैथल में सुरजेवाला के गढ़ को तोड़ने के लिए नॉन जाट गुर्जर नेता लीलाराम को चेहरा बनाया है

कैथल: बीजेपी ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है. बीजेपी ने कैथल विधानसभा से लीलाराम गुर्जर को अपना उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि इनेलो से बीजेपी में आए वरिष्ठ नेता कैलाश भगत को कैथल से बीजेपी के उम्मीदवार की रेस में सबसे आगे देखा जा रहा था, लेकिन बीजेपी ने कैलाश भगत को टिकट न देकर लीलाराम गुर्जर को दी.

मैं पार्टी के साथ- भगत

ऐसे में सोशल मीडिया पर एक संदेश वायरल हो रहा था कि कैलाश भगत को टिकट न मिलने के कारण उन्होंने बीजेपी छोड़ दी है. इसी बात पर उन्होंने एक पत्रकार वार्ता की और कहा कि विपक्ष के लोग एक अफवाह फैला रहे हैं कि मैंने बीजेपी पार्टी को छोड़ दी है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है.

कैलाश भगत ने नहीं छोड़ी बीजेपी, देखें वीडियो

पार्टी ने जिसको प्रत्याशी के रूप में भेजा है. मैं उसका समर्थन करता हूं और मैं उसका स्वागत भी करता हूं. पार्टी ने जो किया वो सही किया. क्योंकि सिर्फ एक ही व्यक्ति को टिकट मिलनी थी, हर किसी को टिकट नहीं मिल सकती और कृपया ऐसी झूठी अफवाहों पर ध्यान ना दें. उन्होंने कहा कि मैं पहले भी बीजेपी में था और आगे भी बीजेपी में ही बने रहूंगा.

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रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ दो बार चुनाव लड़ा

बता दें कि कैलाश भगत पहले इनेलो में थे. उन्होंने रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ दो बार और उनके पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला के खिलाफ एक बार विधानसभा चुनाव लड़ा था. हार के बावजूद लगातार तीन बार कैथल विधानसभा क्षेत्र से इनेलो के प्रत्याशी रहे. इनेलो में बिखराव के बाद कैलाश बीजेपी में शामिल हो गए.

कैथल सुरजेवाला का गढ़

बता दें कि कैथल कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला का गढ़ माना जाता है. वो कैथल विधानसभा सीट से कांग्रेस के मौजूदा विधायक हैं. सुरजेवाला ने 2014 में मोदी लहर के बावजूद चुनाव जीता था. वहीं बीजेपी ने कैथल में सुरजेवाला के गढ़ को तोड़ने के लिए नॉन जाट गुर्जर नेता लीलाराम को चेहरा बनाया है

Intro:कैलाश भगत ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि मैंने बीजेपी पार्टी को नहीं छोड़ा विपक्ष के लोग फैला रहे यह झूठी अफवाहBody:कल भाजपा के द्वारा अपने कुछ उम्मीदवारों की घोषणा की गई जिसमें कैथल विधानसभा सीट के भी घोषणा की गई जिस पर लीलाराम गुर्जर को उम्मीदवार के रूप में भाजपा ने उतारा वहीं पर इनेलो से भाजपा में गए वरिष्ठ नेता कैलाश भगत की संभावना सबसे पहले नंबर पर चल रही थी कि कैथल की विधानसभा सीट पर भाजपा इनको उम्मीदवार के रूप में उतारेगी लेकिन भाजपा ने कैलाश भगत को टिकट न देकर लीलाराम गुर्जर को दी.Conclusion:तो कल से सोशल मीडिया पर एक बात वायरल हो रही थी कि कैलाश भक्तों को टिकट न मिलने के कारण उन्होंने भाजपा पार्टी को छोड़ दिया है इसी बात पर आज उन्होंने एक पत्रकार वार्ता की और कहा कि विपक्ष के लोग एक अफवाह फैला रहे हैं कि मैंने भाजपा पार्टी को छोड़ दिया लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है पार्टी ने जिसको उमीदवार के रूप में भेजा है मैं उसका समर्थन करता हूं और मैं उसका स्वागत भी करता हूं पार्टी ने जो किया वह सही किया क्योंकि सिर्फ एक ही व्यक्ति को मिलनी थी हर किसी को टिकट नहीं मिल सकती ओर कृपया ऐसी झूठी अफवाहों पर ध्यान ना दें।
मैं पहले भी भाजपा में था और आगे भी भाजपा में ही बने रहूंगा
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