कैथल: बीजेपी ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है. बीजेपी ने कैथल विधानसभा से लीलाराम गुर्जर को अपना उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि इनेलो से बीजेपी में आए वरिष्ठ नेता कैलाश भगत को कैथल से बीजेपी के उम्मीदवार की रेस में सबसे आगे देखा जा रहा था, लेकिन बीजेपी ने कैलाश भगत को टिकट न देकर लीलाराम गुर्जर को दी.
मैं पार्टी के साथ- भगत
ऐसे में सोशल मीडिया पर एक संदेश वायरल हो रहा था कि कैलाश भगत को टिकट न मिलने के कारण उन्होंने बीजेपी छोड़ दी है. इसी बात पर उन्होंने एक पत्रकार वार्ता की और कहा कि विपक्ष के लोग एक अफवाह फैला रहे हैं कि मैंने बीजेपी पार्टी को छोड़ दी है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है.
पार्टी ने जिसको प्रत्याशी के रूप में भेजा है. मैं उसका समर्थन करता हूं और मैं उसका स्वागत भी करता हूं. पार्टी ने जो किया वो सही किया. क्योंकि सिर्फ एक ही व्यक्ति को टिकट मिलनी थी, हर किसी को टिकट नहीं मिल सकती और कृपया ऐसी झूठी अफवाहों पर ध्यान ना दें. उन्होंने कहा कि मैं पहले भी बीजेपी में था और आगे भी बीजेपी में ही बने रहूंगा.
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रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ दो बार चुनाव लड़ा
बता दें कि कैलाश भगत पहले इनेलो में थे. उन्होंने रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ दो बार और उनके पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला के खिलाफ एक बार विधानसभा चुनाव लड़ा था. हार के बावजूद लगातार तीन बार कैथल विधानसभा क्षेत्र से इनेलो के प्रत्याशी रहे. इनेलो में बिखराव के बाद कैलाश बीजेपी में शामिल हो गए.
कैथल सुरजेवाला का गढ़
बता दें कि कैथल कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला का गढ़ माना जाता है. वो कैथल विधानसभा सीट से कांग्रेस के मौजूदा विधायक हैं. सुरजेवाला ने 2014 में मोदी लहर के बावजूद चुनाव जीता था. वहीं बीजेपी ने कैथल में सुरजेवाला के गढ़ को तोड़ने के लिए नॉन जाट गुर्जर नेता लीलाराम को चेहरा बनाया है