कैथल: हरियाणा में चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां अपना दायरा बढ़ाने में जोरों से जुटी है. अब जेजेपी संयोजक अजय चौटाला ने कहा है कि छोटी सी पार्टी को जनता से आशीर्वाद मिला है. इस आशीर्वाद की बदौलत हम सरकार में हैं. अब पार्टी का लक्ष्य मिशन दुष्यंत 2024 है. जिसकी शुरुआत फरीदाबाद से की गई थी. अजय चौटाला रविवार को कैथल में गुहला हलके के गांव कांगथली में जनसभा को संबोधित कर रहे थे. चौटाला ने कहा कि वर्ष 2019 में संगठन बना था. इस संगठन के पास शुरू से ही जनता का भरपूर आशीर्वाद है.
वहीं, शाहबाद के विधायक रामकरण काला के इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा कि सोमवार को विधायक दल की बैठक है. जिसमें उन्हें बताएंगे कि इस्तीफे से समाधान नहीं होता. केंद्र सरकार से हरसिमरत बादल ने भी इस्तीफा दिया था, मेरे भाई अभय चौटाला ने भी विधायक पद से इस्तीफा दिया था. कोई समाधान हुआ था क्या? इस्तीफे से कभी कोई हल नहीं होता. हम उनसे कहेंगे कि इस्तीफे से कोई हल नहीं होता. वो इस्तीफा वापस ले लें. बातचीत के जरिए समाधान करेंगे. मुख्यमंत्री भी कर रहे हैं कि हम एमएसपी प्राइस में भावांतर है. उसको और बढ़ाने का काम करेंगे. किसानों को मुआवजा देंगे.
जेजेपी संयोजक अजय चौटाला ने गठबंधन पर बयान देते हुए कहा कि गठबंधन के दो मुखिया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और दोनों ने ही गठबंधन को मिलकर मजबूती से चलाने की बात कही है. कई बार बातें हो जाती हैं. मतभेद भी हो जाते हैं. कई बार अनजाने में भी कुछ बातें हो जाती है. साथ ही उन्होंने बीजेपी की निर्दलीय विधायक से मुलाकात को लेकर कहा कि निर्दलीय विधायक तो पहले दिन से ही बीजेपी के साथ है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी के मुख्यमंत्री है और बीजेपी हमारी सहयोगी रही है. चुनाव के दौरान तय होगा कि कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा. हमारा मकसद है कि कांग्रेस सत्ता से दूर रहे और कांग्रेस सत्ता से दूर तब रहेगी, जब हम और बीजेपी मिलकर उसको दूर रखने का काम करेंगे.
वहीं, कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अजय चौटाला ने कहा कि हमने तीन सालों में पेंशन के 750 रुपये बढ़ाएं है. भूपेंद्र हुड्डा 10 साल तक सत्ता में रहे, उन्होंने कितने रुपये बढ़ाए हैं. वो आज 6 हजार देने की बात करते हैं बात तो मेरा भाई भी 10 हजार देने की करता है. 10 साल में जो अपना संगठन नहीं बना पाए, तीन तीन अध्यक्ष बदल दिए और प्रभारी इतने बदल दिए. इनका संगठन तो बन नहीं पाता.
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